हरियाणा : अगर नहीं जानते हैं तो आपको जानना चाहिए। खोरी गांव हरियाणा के फरीदाबाद जिला के अरावली पहाड़ियों के बीच स्थित है। इस गांव में लगभग दस हजार परिवार रहते हैं, जिनकी कुल आबादी लगभग एक लाख होगी। यह गांव वर्षों से यहाँ बसा है। अब सरकार का कहना है कि यहाँ की जनता ने वन भूमि पर अवैध कब्ज़ा किया है, इसलिए इनलोगों को यहाँ से हटना होगा। यहाँ बसे लोगों का कहना है कि उन्होंने यह जमीन पैसा देकर खरीदी है। इस गांव में बसने की शुरुआत 1990 से ही हुई है।
आप समझ सकते हैं कि दस हजार घर रातों-रात नहीं बने होंगे, तो जब यहाँ घर बनाने की शुरुआत हुई थी, तब प्रशासन कहाँ थी? अब जब यहाँ पर लाखों लोगों ने अपनी गाढ़ी कमाई से पाई-पाई जोड़कर किसी तरह घर बनाया है, तो उसे उजाड़ने का फरमान जारी हो गया है। और यह फरमान हमारे देश के सर्वोच्च न्यायलय ने 7 जून, 2021 को जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट के घर उजाड़ने के आदेश के बाद यहाँ पर पानी और बिजली का कनेक्शन काट दिया गया है। जो भी लोग अपने घर को उजाड़ने की खिलाफत कर रहे हैं, उन्हें पुलिस गिरफ्तार कर जेल भेजने से पहले भरपूर पिटाई कर रही है। जो भी लोग खोरी गांव को बचाने के समर्थन में आते हैं, उन्हें भी पुलिस पीट रही है और जेल भेज रही है।
सरकार व कोर्ट का कहना है कि ये वन भूमि है और यहाँ पर पेड़ लगाए जायेंगे। लेकिन दूसरी तरफ हम छत्तीसगढ़, झारखण्ड, मध्य प्रदेश, उड़ीसा, महाराष्ट्र आदि राज्यों में देख रहे हैं कि किस तरह से जंगलों को उजाड़ा जा रहा है, ताकि यहाँ देशी-विदेशी पूंजीपति अपनी खनन कम्पनियाँ लगा सके और विरोध की हर आवाज को ‘माओवादी’ बताकर खामोश कर दिया जाता है।
पिछले कई दिनों से खोरी गांव युद्ध भूमि बना हुआ है, जहाँ पर कई जेसीबी और सैकड़ों हथियारबंद पुलिस तैनात हैं। ख़ुफ़िया पुलिस गांव वालों की खुफियागिरी कर रही है। यहाँ कई बार जनता और पुलिस में भिड़ंत हो चुकी है। पिछले दिनों जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने के लिए जाने के दौरान भी हजारों लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया था।
आज खोरी गांव और खोरी गांव को बचाने के पक्ष में खड़े संगठनों और कार्यकर्ताओं ने हरियाणा भवन पर प्रदर्शन तय किया था, लेकिन आज सुबह से ही खोरी गांव को पुलिस द्वारा घेरे जाने की खबर आ रही है, ताकि गांव वाले गांव से बाहर ना निकल सके।
अगर आपको लगता है कि खोरी गांव बचाने की लड़ाई न्याय की लड़ाई है, तो आप भी खोरी गांव को बचाने के लिए आवाज बुलंद कीजिये। क्योंकि इस जुल्मी फासीवाद का पंजा सिर्फ खोरी गांव ही नहीं बल्कि आपको भी दबोचने के लिए आगे बढ़ रही है, इसलिए आपको अपनी चुप्पी तोड़नी ही होगी, नहीं तो बहुत देर हो जाएगी।