चार साल बाद 12वीं की पुस्तक राजनीति विज्ञान पर मचा बवाल

जयपुर। माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर द्वारा लिखित एवं राजस्थान राज्य पाठ्य पुस्तक मंडल द्वारा वर्ष 2017 में प्रकाशित कक्षा 12 की राजनीति विज्ञान की पुस्तक में इस्लाम को आतंकवाद से जोड़ते हुए इस्लामी आतंकवाद से संबंधित प्रश्न पूछे जाने के विवादित कंटेंट के खिलाफ समुदाय विशेष के लोगों ने चारदीवारी स्थित संजीव पब्लिकेशन के ऑफिस पर बुधवार को हमला बोल दिया था। जबकि सभी पब्लिशर राजस्थान पाठ्य पुस्तक मंडल द्वारा प्रकाशित पुस्तक के आधार पर ही अपने-अपने तरीके से पासबुक या पाठ्यसामग्री तैयार कर प्रकाशित करते हैं।

ब्यावर से संवाददाता विष्णु धीमान् ने बताया कि उक्त किताब में विवादित कंटेंट को लेकर जमाअत-ए-इस्लामी हिन्द ज़िला अजमेर, पाली व राजसमन्द के संयोजक मुमताज़ अली ने फरमान जारी किया है। उन्होंने बताया कि प्रकाशित पुस्तक के पृष्ठ संख्या 156 व 157 पर इस्लाम को आतंकवाद से जोड़ते हुए इस्लामी आतंकवाद से संबंधित प्रश्न पूछे गए हैं |

चार साल बाद 12वीं की पुस्तक राजनीति विज्ञान पर मचा बवाल

उन्होंने कहा कि इसी प्रकार संजीव प्रकाशन द्वारा प्रकाशित कक्षा 12 राजनीति विज्ञान की संजीव पास बुक में पृष्ठ संख्या 395 पर “इस्लामी आतंकवाद से आप क्या समझते हैं ?” प्रश्न का उत्तर देते हुए लिखा गया है की “इस्लामी आतंकवाद इस्लाम का ही एक रूप है।” इस तरह सरकारी पाठ्यक्रम एवं पासबुकों में इस्लाम को सीधे-सीधे आतंकवाद से जोड़ना और बार-बार इस्लामी आतंकवाद शब्द का प्रयोग करने के पीछे इस्लाम धर्म के विरुद्ध नफरत फैलाना, इस्लाम धर्म को बदनाम करना, मुस्लिम विद्यार्थियों एवं मुस्लिम समुदाय के विरुद्ध नफरत का वातावरण पैदा करने का कार्य किया जा रहा है |

प्राइवेट पब्लिशर के ऑफिस पर बोला हमला

पुस्तक में इस्लामी आतंकवाद संबंधित प्रश्न पूछे जाने पर जमाअत-ए-इस्लामी हिन्द ने जताई आपत्ति

मुमताज़ अली ने कहा कि इस तरह के लेख हमारे देश व राज्य की एकता, अखंडता एंव संप्रभुता के लिए बहुत खतरनाक है | इस तरह किसी धर्म के विरुद्ध नफरत फैलाना हमारे देश के संविधान की मूल आत्मा के खिलाफ है साथ ही इन सब बातों व लेखों की वजह से पूरे प्रदेश के मुस्लिम समुदाय में भारी रोष व्याप्त है |

उन्होंने राज्य सरकार से मांग की है की राजस्थान राज्य पाठ्य पुस्तक मंडल जयपुर के द्वारा प्रकाशित कक्षा 12 की राजनीति विज्ञान की पुस्तक के लेखकों एवं संयोजक के साथ संजीव प्रकाशन जयपुर के विरुद्ध कठोर क़ानूनी कार्यवाही की जाए ताकि लेखकगण व प्रकाशक इस तरह की नफरत भरी व आहत करने वाले लेखों की पुनरावर्ती ना कर सके |

उक्त विज्ञप्ति जारी होने बाद समुदाय ने एकजुटता दिखाते हुए संजीव प्रकाशन के पास धमकी भरे फोन आने लगे। मैनेजर विजय शंकर शुक्ला के अनुसार आपत्ति आने के बाद पब्लिश किया गया कंटेंट हटाने के साथ ही लिखित में माफी भी मांग ली थी। बावजूद इसके कुछ लोगों ने धमकाया, जिसकी शिकायत कोतवाली पुलिस को दे दी गई, सुरक्षा हेतु 3 पुलिसकर्मी भी तैनात कर दिये गए। सुरक्षा मिलने के बाद भी कुछ लोग ऑफिस घुस आए और जमकर तोड़फोड़ शुरू कर दी। ऑफिस के बाहर भी लगभग 40-50 लोग खड़े थे। विरोध करने आए लोगों ने फर्नीचर नीचे गिराते हुए ऑफिस में जमकर तोड़फोड़ की तथा यहां रखी किताबों को भी फाड़ डाला। उक्त मामले में पुलिस ने 3 लोगों को गिरफ्तार भी किया है।

चौंकाने वाला तथ्य यह है कि कक्षा 12 की उक्त पुस्तक आज से ही नहीं वरन् सन् 2017 से चलती आ रही है। उस समय भी यह कंटेंट पुस्तक में प्रकाशित हुआ था और आज तक चलता आ रहा है। उस समय से लेकर अब तक किसी का ध्यान नहीं गया। अब जब माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर की लिखित एवं की राजस्थान राज्य पाठ्य पुस्तक मंडल जयपुर के द्वारा प्रकाशित पुस्तक इस सत्र में बंद होने जा रही है तथा वर्ष 2021-22 के लिए कक्षा 10वीं एवं 12वीं में केन्द्र सरकार द्वारा जारी एनसीईआरटी पाठ्यक्रम लागू हो जायेगा, तब इस विवादित चैप्टर पर ध्यान जाना राजनैतिक रंग को दर्शाता है।

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