अवैध बायोडीजल के खिलाफ प्रदेश की सबसे बड़ी कार्यवाही, एसडीए ने की अवैध रिफाइनरी फेक्ट्री को सीज

भीलवाड़ा। जिले में पिछले कुछ समय से अवैध डीजल की ब्रिकी का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है, जिसका नुकसान पेट्रोल पंप मालिकों, राज्य सरकार और तेल कंपनियों को हो रहा है। भीलवाड़ा जिला प्रशासन ने बायोडीजल के नाम पर जिले में अवैध डीजल और अन्य प्रकार का तेल बगैर लाइसेंस के बेचने वालों के खिलाफ अभियान की शुरुआत करते हुए शनिवार को प्रदेश की अब तक की सबसे बड़ी कार्यवाही को अंजाम दिया है।

अंधेरगर्दी का हाल यह है कि हाल यह है कि एक पेट्रोल पंप का लाइसेंस लेने के लिए जहां कई विभागों की अनुमति और लंबी प्रक्रिया से गुजरना होता है, बायोडीजल पंप लगते गए और कौन इन्हें लगवा रहा है, कौन सा विभाग इन्हें अनुमति दे रहा, इसका किसी को कुछ पता नहीं। कभी न तो इनके सैंपल लिए गए और ज्वलनशील पदार्थ होने के बावजूद वहां पर अग्निशमन के पर्याप्त उपाय है या नहीं, इसकी जांच नहीं हुई। कोई भी विभाग इस मामले में जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है। बड़ा सवाल यह भी है कि इनके पास बायोडीजल कहां से आ रहा था, वह प्रमाणित था या मिलावटी किसी को कुछ पता नहीं। भीलवाड़ा में बायोडीजल की आड़ में मिलावटी डीजल बेचा जा रहा था। कहीं-कहीं तो ड्रम में रखकर पेट्रोल भी बेचा जा रहा था। भीलवाड़ा पेट्रोल डीलर एसोसिएशन की शिकायत के बाद बदनोर के परा में इसका खुलासा हुआ, फिर एसडीएम ओम प्रभा ने शनिवार को भीलवाड़ा शहर में ओसवाल टब शोप की कुटीर उधोग फैक्ट्री पर दबिश दी, जहां बायोडीजल के नाम पर पेट्रोल पंप चलते मिला। 

एसडीएम की कार्यवाही में जिला रसद विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत सामने आई है। नियम और गाइड लाइन जारी नहीं होने का हवाला देते हुए मामले में शांत बैठा विभाग अब तक सब कुछ जानने के बाद भी कार्यवाही से कतराता रहा। अब तक पंप संचालक के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई न होना प्रशासनिक मशीनरी में तेल माफिया के हस्तक्षेप का सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है। एसोसिएशन की शिकायत के बाद एसडीएम ओम प्रभा ने आज जिला कलेक्टर के निर्देश पर 6 टीमो का गठन किया और अवैध कारोबार से जुड़े चिन्हित 6 स्थानो पर एक साथ कार्यवाही को अंजाम दिया। एसडीएम की इस कार्यवाही से तेल माफिया ही नही रसद विभाग के अधिकारियों में भी हड़कंप मच गया। 

एसडीएम ओम प्रभा ने कहा कि कार्यवाही के दौरान मौके से 20 हजार लीटर क्षमता वाला ट्रांसपोटेशन में लगा टैंकर जब्त किया गया जिसमें अवैध बायोडीजल झालावाड़ भेजा जा रहा था। कार्यवाही के दौरान फेक्ट्री में रिफाइनरी की तर्ज पर बायोडीजल बनाने के बड़े कारखाने का खुलासा हुआ तो प्रशासनिक अमला भोचका रह गया। एसडीएम ओम प्रभा ने मौके पर रसद विभाग की टीम को बुला कर अग्रिम कार्यवाही की जिम्मेदारी सौपी है। मौके पर फिलहाल लाखो लीटर अवैध बायोडीजल व अन्य कई उपकरण मिले है, जिन्हें जब्त कर अग्रिम कार्यवाही को अंजाम दिया जा रहा है। इसके साथ ही गठीला खेड़ा व धुलखेड़ा क्षेत्र में 6 स्थानो पर कार्यवाही को अंजाम दिया गया है। कार्यवाही के दौरान एसडीएम ओम प्रभा, डीएसओ सुनील कुमार, पुर थानाधिकारी मुकेश कुमार, प्रवक्ता डीलर एसोसिएशन ईश्वर खोईवाल आदि उपस्थित थे।

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