हाड़ी रानी बटालियन का 13वां स्थापना दिवस समारोह, महिलाओं के सशस्त्रबल के योगदान को सराहा

अजमेर। हाड़ी रानी महिला बटालियन के 13 वें स्थापना दिवस के अवसर पर नारेली स्थित मुख्यालय पर कार्यक्रम में महिलाओं के सशस्त्र बल के योगदान की सराहना की गई।

समारोह में नगर निगम की महापौर ब्रजलता हाड़ा ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं की स्थिति में धीरे-धीरे परिवर्तन आ रहा है। पुरातन भारतीय परम्परा में महिलाओं की सम्मानजनक स्थिति थी। मध्यकालीन परिस्थितियों के कारण उनका दर्जा कम हुआ। समय के साथ इसमें बदलाव आ रहा है। महिला सशक्तिकरण के लिए जागरूकता आवश्यक है। शिक्षा के माध्यम से जागरूकता तेजी से आती है। महिला को प्रकृति ने परिवार तथा अन्य जिम्मेदारियों को एक साथ निभाने की नैसर्गिक योग्यता प्रदान की है। महिला बटालियन ने यह सिद्ध किया है कि महिलाऎं कठोर से कठोर ड्यूटी करने में भी सक्षम है।

पूर्व सांसद डॉ. प्रभा ठाकुर ने कहा कि प्रत्येक महिला में झांसी की रानी विद्यमान है। उसे पहचानने की आवश्यकता है। हाड़ी रानी बटालियन महिला सशक्तिकरण की मिसाल है। पुरूष और महिला को एक दूसरे का पूरक माना गया है। भारतीय परम्परा में अर्द्धनारीश्वर का स्वरूप इसी को दृष्टिगत करता है। भारतीय संस्कृति में नारी को विशेष स्थान प्रदान किया गया है। सबा खान ने बालिकाओं को आत्मरक्षा प्रशिक्षण प्रदान करने की वकालत की।

हाड़ी रानी महिला बटालियन की कमाण्डेन्ट ऋचा तोमर ने कहा कि हाड़ी रानी महिला बटालियन देश की एकमात्र राज्य पुलिस सेवा की महिला बटालियन है। यह गर्व का विषय है। इस सशस्त्र महिला बटालियन के योगदान की सराहना गत 13 वर्षों से हो रही है। इसकी सेवाओं की उपयोगिता सिद्ध है।

राजकीय जनाना अस्पताल की विभागाध्यक्ष डॉ. दीपाली जैन के कहा कि नारी के व्यक्तित्व के अनन्त आयाम है। वर्तमान समय में आत्मविश्वास एवं साहस के साथ आगे बढ़ने की आवश्यकता है। महिलाओं को अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए। आधुनिक विज्ञान ने महिलाओं को हाने वाले कैंसर से बचाव के लिए टीका विकसित किया है। इसे 12 वर्ष से अधिक उम्र की प्रत्येक बालिका एवं महिला को लगाना चाहिए। स्तन कैंसर का स्वयं निदान करके उपचार किया जा सकता है। एनीमिया से बचाव के लिए पौष्टिक भोजन लेना चाहिए।

आरसीएचओ डॉ. शिन्दे स्वाति ने कहा कि हाड़ी रानी बटालियन ने महिलाओं के भावनात्मक तथा मानसिक के साथ-साथ शारीरिक दृष्टि से सबल होने का प्रमाण दिया है। परिवार में बच्चों को प्रत्येक महिला में मां का स्वरूप देखने के संस्कार देने चाहिए। इसके साथ-साथ परिवार में लैंगिक भेदभाव तथा कार्य विभाजन से दूर रखने का वातावरण भी निर्मित करना माता-पिता की जिम्मेदारी है। इससे अवचेतन में नारी सम्मान की आदत विकसित होगी।

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रीति चौधरी ने कहा कि ग्रामीण परिवेश में महिलाओं को आगे आने के लिए परिवार का सहयोग मिलता है। सरकारी सेवा करते हुए परिवार को पूरा समय देना चाहिए। महिलाओं को एक दूसरे का सहयोग करने से समाज में सकारात्मक वातावरण का निर्माण होता है। प्रधानाचार्य विजय लक्ष्मी यादव ने कहा कि गणवेश प्रेरणा देती है। नारी के गरजने से इतिहास बदल जाते हैं।

स्थापना दिवस पर बैण्डवादन के माध्यम से विविध वाद्य रचानाऎं प्रस्तुत की गई। आत्मरक्षा के लिए कराटे का प्रदर्शन भी किया गया। महिलाओं ने शौर्य प्रदर्शन के अन्तर्गत जलती आग में पत्थर तोड़ने का कारनामा प्रदर्शित किया। बटालियन में बेहतरीन कार्य करने वालों को सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर डिप्टी कमाण्डेण्ट मदन दान सिंह, सुखदेव जांगिड़, गणेशराम चौधरी, कम्पनी कमाण्डर राजेश चौधरी, रामलाल, पूजा, सरिता मीणा सहित अधिकारी उपस्थित थे।

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