
चेन्नई (तमिलनाडु) : 11 जनवरी। भगवान महावीर फाउंडेशन (बीएमएफ), कमजोर और वंचितजन को निस्वार्थ सेवा प्रदान करने वाले व्यक्तियों और संस्थानों को सम्मान देने और समाज की ओर से आभार व्यक्त करने के लिए समर्पित है। फाउंडेशन चार क्षेत्र जैसे- अहिंसा और शाकाहार, शिक्षा, चिकित्सा और समुदाय और समाज सेवा में महावीर पुरस्कार प्रदान करता है। 26 वें महावीर पुरस्कार विजेताओं की घोषणा कर दी गई है। 4 पुरस्कार विजेता हैं-ध्यान फाउंडेशन, नई दिल्ली (अहिंसा और शाकाहार); फ्रेंड्स ऑफ ट्राइबल सोसाइटी, पश्चिम बंगाल (शिक्षा); जन स्वास्थ्य सहयोग , छत्तीसगढ़ (चिकित्सा और समाज सेवा) और नोंगस्टोइन सोशल सर्विस सोसाइटी, मेघालय (सामुदायिक और सामाजिक सेवा)।
इस विषय मे चयन समिति के सदस्य, भारत के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त, श्री टीएस कृष्णमूर्ति ने चयन प्रक्रिया का विवरण देते हुये कहा कि पुरस्कार विजेता कठिनाई भरी परिस्थितियों और इलाकों में उत्कृष्ट निःस्वार्थ सेवा कर रहे हैं। ट्रस्टी श्री एस विनोद कुमार ने बताया कि स्थापना के बाद से वंचितों के कल्याण के लिए निःस्वार्थ सेवा के उत्कृष्ट 84 पुरस्कार विजेताओं को सम्मानित किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि इस वर्ष 4 और पुरस्कार विजेताओं का चयन किया गया है। कुल 23 राज्यों और 1 केंद्र शासित प्रदेश के शामिल होने से पुरस्कार विजेताओं की संख्या 88 हो गई है। उन्होंने चयन समिति को उनके समर्थन और मार्गदर्शन के लिए धन्यवाद दिया।
संस्थापक ट्रस्टी श्री एन. सुगलचंद जैन ने आगे यह भी कहा कि 26वें महावीर पुरस्कार के प्रत्येक पुरस्कार विजेता को नकद राशि के रूप में 10 लाख की धनराशि, एक स्मृति चिन्ह और प्रशस्ति पत्र दिया जाएगा। इस वर्ष शॉर्टलिस्टिंग कमेटी द्वारा कुल 324 नामांकनों पर विचार किया गया। पुरस्कार विजेताओं के चयन का निर्णय भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति श्री एमएन वेंकटचलैया की अध्यक्षता वाली एक प्रतिष्ठित चयन समिति द्वारा लिया गया है।
पुरस्कार विजेताओं के चयन समिति में श्री एस. गुरुमूर्ति, संपादक तुगलक, आरबीआई के अंशकालिक निदेशक; प्रो. बी.एम. हेगड़े, अध्यक्ष, भारतीय विद्या भवन, मैंगलोर केंद्र; श्री टीएस कृष्णमूर्ति, भारत के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त;श्री डीआर मेहता, आईएएस (सेवानिवृत्त), पूर्व अध्यक्ष, सेबी ; प्रो. (डॉ.) एम एस स्वामीनाथन, आनुवंशिकीविद्-प्रसिद्ध कृषि वैज्ञानिक ; श्री प्रभात कुमार, आईएएस (सेवानिवृत्त), पूर्व कैबिनेट सचिव, भारत सरकार, न्यायमूर्ति श्री जीएस सिंघवी, भारत के सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश और पूज्य आचार्य श्री चंदनाजी महाराज, प्रख्यात सन्यासी और समाज सुधारक शामिल थे। इस अवसर पर 27वें महावीर पुरस्कार हेतु सुनिश्चित 4 श्रेणी जैसे अहिंसा और शाकाहार, शिक्षा, चिकित्सा और सामुदायिक और समाज सेवा में निःस्वार्थ सेवा करने वाले व्यक्तियों और संस्थानों का मांकन आमंत्रित किया जा रहा है। *27वें महावीर पुरस्कारों के लिए नामांकन फॉर्म हमारी वेबसाइट: www.bmfawards.org* से डाउनलोड किया जा सकता हैं। *26वें महावीर पुरस्कार के 4 पुरस्कार विजेताओं के कार्य और योगदान इस प्रकार हैं:*
ध्यान फाउंडेशन, नई दिल्ली – इस संस्था ने बीएसएफ के सहयोग से काम किया है और पूरे भारत में गोवंशीय पशुओं सहित लगभग 70,000 जानवरों को बचाया और 43 से अधिक पशु आश्रयों और गौशालाओं का प्रबंधन किया। ध्यान फाउंडेशन भारत के 5 शहरों में 10 एंबुलेंस चला रहा है। फाउंडेशन अस्थायी आश्रयों का आयोजन करता है। गाय बचाओ’, ‘कुत्ते को खाना खिलाओ’, ‘बंदर की मदद करो’ और ‘पक्षी से दोस्ती करो ‘ उनके लोकप्रिय अभियान हैं।
फ्रेंड्स ऑफ ट्राइबल सोसाइटी, पश्चिम बंगाल – यह संस्था भारत के ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में रहने वाले बच्चों को गैर-औपचारिक बुनियादी शिक्षा देने के लिए काम कर रही है। जगह, मौसम और जलवायु की उपलब्धता के अनुसार एकल विद्यालय चौपाल में या पेड़ के नीचे, गाँव-घर के आंगन में या शिक्षक के घर पर चलाए जाते हैं। सोसायटी ने 1.02 लाख से अधिक एकल विद्यालयों की स्थापना की है। 1.02 लाख से अधिक गांवों में 6 से 14 वर्ष आयु वर्ग के 26 लाख से अधिक बच्चे वर्तमान में ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में एकल विद्यालयों में पढ़ रहे हैं।
जन स्वास्थ्य सहयोग “जेएसएस”, छत्तीसगढ़ – जेएसएस संस्था एक सस्ती स्वास्थ्य सेवा प्रदान कर रहा है जो ग्रामीण या आदिवासी समुदायों के लिए आसानी से सुलभ है। व्यापक स्वास्थ्य सेवा एक 3-स्तरीय प्रणाली के माध्यम से प्रदान की जाती है जिसमें पहले स्तर पर ग्राम स्वास्थ्य कार्यकर्ता शामिल होते हैं, जो घर-घर जा कर स्वास्थ की देखभाल और प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा प्रदान करते हैं। 72 गांवों में रहने वाली 41,000 लोंगों की आबादी को पूरा करते हैं जिनमें से 67% कमजोर आदिवासी समूह हैं। . जेएसएस छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के आस-पास के जिलों के 2,500 से अधिक गांवों के 3,90,000 रोगियों को कम लागत वाली सेवा प्रदान करता है। 100 बिस्तरों वाले अस्पता की व्यवस्था के तहत तृतीयक स्तर का देखभाल किया जाता है।
नोंगस्टोइन सोशल सर्विस सोसाइटी, मेघालय –यह संस्था आर्थिक सशक्तिकरण, बच्चों, महिलाओं और व्यक्तियों/बच्चों को मुख्यधारा में लाकर आर्थिक सशक्तीकरण के माध्यम से साधनहीन और आर्थिक तंगी में गुजारा करने वालों को कला-कौशल सिखाने के साथ-साथ अच्छी खेती की प्रथाओं बताने में सहायता- मार्गदर्शन, या प्रशिक्षण प्रदान करना, युवाओं के लिए कौशल प्रशिक्षण द्वारा विकलांग लोगों के अधिकारों के संस्था लगभग 39,000 बच्चों को कठिन और विभिन्न परिस्थितियों में सहायता कर रहा है। साथ ही 40 गांवों और 1,000 किसानों को सीधे तौर पर एकीकृत कृषि प्रणाली को बढ़ावा देने की तकनीकी जानकारी, जैव-कीटनाशकों और जैव-पोषक तत्वों के कुशल उपयोग से उत्पादकता या उत्पादन में सुधार लाना मुख्य है। उन्होंने एक हर्बल मेडिसिन स्कूल की स्थापना की है, जिसका प्रबंधन संस्था के मार्गदर्शन में किया जाता है।
प्रेस विज्ञप्ति पर आधारित।
