
जयपुर। प्रदेश के समाचार पत्रों में प्रतिदिन महिलाओं पर ज्यादतियों की खबरें प्रकाशित हो रही हैं। 16 मार्च को भी राजस्थान के झालावाड़ जिले में 15 साल की एक नाबालिग लड़की से 9 दिनों में 18 लड़कों ने बलात्कार किया, की एक सनसनीखेज खबर प्रकाशित हुई। पीडि़ता का दर्द किसी भी संवेदनशील इंसान को झकझोरने वाला है, क्योंकि दरिंदे नशे की गोलियां देकर भी नाबालिग से बलात्कार करते रहे।
ऐसे संवेदनशील मुद्दे पर विधानसभा के बाहर जब मीडिया ने सरकार के उपमुख्य सचेतक महेन्द्र सिंह चौधरी की प्रतिक्रिया जानी तो उन्होंने कहा कि भाजपा के नेता राजस्थान की घटनाओं को बेवजह तूल दे रहे हैं। ऐसी ज्यातिदयां तो भाजपा शासित राज्यों में भी हो रही है।
सवाल उठता है कि क्या सरकार के उपमुख्य सचेतक चौधरी भाजपा शासित राज्यों की घटनाओं को सामने रख कर अपनी जिम्मेदारियों से बचना चाहते हैं? यदि भाजपा शासित राज्यों में ऐसी घटनाएं हो रही हैं तो उसके परिणाम वहां की सरकार को भुगतने होंगे, लेकिन राजस्थान की घटना के संदर्भ में सरकारी उपमुख्य सचेतक का बयान उचित नहीं माना जा सकता।
ऐसा प्रतीत होता है कि 15 साल की नाबालिग से 18 लड़कों द्वारा बलात्कार किए जाने की घटना को सत्तारूढ़ पार्टी के जिम्मेदार लोग बहुत हल्के में ले रहे हैं। बलात्कार की घटना किसी भी प्रदेश में हो वह बेहद निदंनीय हैं, लेकिन राजस्थान में जिस तरह आए दिन ऐसी घटनाएं हो रही हैं, उससे प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवालिया निशान लगता है। यह माना कि महेन्द्र सिंह चौधरी को अपनी सरकार का बचाव करना ही पड़ेगा, लेकिन गैंगरेप जैसे मामलों में संवेदनशील दिखाने की जरुरत है। अच्छा हो कि प्रदेश में ऐसे उपाय किए जाएं, जिनमें नाबालिग बच्चियों से बलात्कार नहीं हो।
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