बच्चों को यौन दुर्व्यवहार से बचाने के लिए जागरूक करना जरूरीः श्रीमती बेनीवाल

अजमेर। बच्चों को यौन दुर्व्यवहार से बचाने के लिए जागरूक करने, नशाखोरी एवं भिक्षावृती से दूर करने तथा आत्मरक्षा के लिए प्रशिक्षित करने के उद्देश्यों को लेकर राजस्थान बाल अधिकार सरंक्षण आयोग का दो दिवसीय अजमेर दौरा बुधवार से शुरू हुआ।

आयोग ने अजमेर व नसीराबाद में विभिन्न कार्यक्रमों के जरिए बच्चों को जागरूक रहने की सीख दी।

अजमेर में राजकीय केन्द्रीय बालिका विद्यालय में “बाल अधिकार आयोग आपके द्वार” अभियान के अन्तर्गत बालिकाओं से संवाद कर सुरक्षित स्पर्श की समझ विकसित करने के लिए प्रेरित किया।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए आयोग की अध्यक्ष श्रीमती संगीता बेनीवाल ने कहा कि आयोग बच्चों की समस्याओं का मौके पर ही निदान करने के लिए प्रयासरत है। इस क्रम में बाल अधिकार आयोग आपके द्वार अभियान चलाया जा रहा है। बच्चों में मासूमियत एक ईश्वर प्रदत्त अनमोल उपहार है। बाल मन से उसकी मासूमियत छीनना एक अपराध है। इसे किसी भी दृष्टि से क्षमा नहीं किया जा सकता है।

उन्होंने बालिकाओं के साथ संवाद करते हुए कहा कि सुरक्षित एवं बुरे स्पर्श के बीच अन्तर की समझ विकसित करनी चाहिए। बुरे स्पर्श के सम्बन्ध में अपने भरोसे के व्यक्ति के साथ जानकारी साझा करनी चाहिए। डर अथवा किसी अन्य कारण से बुरे बर्ताव को छिपाने से अपराधी का हौंसला बढ़ता है। बच्चों के साथ हुए किसी भी प्रकार के अपराध एवं शोषण के विरूद्ध आवाज उठानी चाहिए। इस सम्बन्ध में पुलिस तथा चाईल्ड लाईन हेल्पलाइन नम्बर 1098 पर भी सूचना देने से किसी मासूम का जीवन बच सकता है।

उन्होंने स्कूली छात्राओं से चर्चा करते हुए उन्हें अधिकारों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि बाल विवाह को सख्ती से ना कहें। आपकी जानकारी में कहीं भी बाल विवाह की जानकारी है तो चाइल्ड हैल्प लाइन 1098 पर जानकारी दें। बच्चों में नशाखोरी , बाल तस्करी, भिक्षावृत्ति सहित अन्य कई समस्याएं व्याप्त हैं। इन्हें समाप्त करने के लिए सामूहिक प्रयास जरुरी है।

राज्य बाल अधिकार संरक्षण के सदस्य शिव भगवान नागा ने कहा कि राजकीय शिक्षण संस्थानों में बेहतर अध्यापक एवं शिक्षण सुविधाएं उपलब्ध है। अभिभावकों को राजकीय विद्यालयों में बच्चों को प्रवेश दिलाने के लिए प्रेरित करना चाहिए। बालिकाएं शिक्षा के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों में भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रही है। बाल अधिकार संरक्षण आयोग बच्चों का बचपन संरक्षित करने के लिए तत्पर है। बच्चों के साथ शारीरिक शोषण एवं बाल श्रम सहित समस्त अपराधों को रोकने के लिए आयोग हमेशा तत्पर है।

शिक्षा विभाग के संयुक्त निदेशक श्याम लाल सांगावत ने कहा कि चाईल्ड लाइन हेल्पलाइन नम्बर 1098 परेशान बच्चों के लिए वरदान है। बालक द्वारा किसी भी परिस्थिति में असुरक्षित महसूस करने की स्थिति में इस नम्बर पर सूचना देकर अपनी व्यथा बता सकता है। यहां प्रत्येक कॉल पर कार्यवाही की जाती है।

विद्यालय की छात्रा हर्षा टेलानी ने बाल अधिकार एवं उनके संरक्षण के विषयों पर अपने विचार व्यक्त किए। छात्रा के विचारों से प्रभावित आयोग अध्यक्ष बेनीवाल ने उसका माला पहनाकर उत्साहवर्धन किया। छात्रा सुमन प्रजापति ने अपनी स्वरचित कविता मासूमों की जिन्दगी खिलौना की प्रस्तुति दी।

कार्यक्रम में सुरक्षित एवं बुरे स्पर्श के संबन्ध में विद्यार्थियों को डॉक्युमेंट्री फिल्म कोमल के माध्यम से जानकारी प्रदान की गई। कार्यक्रम में आत्मरक्षा प्रशिक्षण का प्रदर्शन भी किया गया।

इस अवसर पर बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य डॉ. विजेन्द्र सिंह, नुसरत नकवी, बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष अंजली शर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी देवी सिंह कच्छावा, अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी दर्शना शर्मा, बाल अधिकारिता विभाग की सहायक निदेशक रूची मौर्या, सम्प्रेषण गृह के अधीक्षक अभिषेक गुजराती, मानव तस्करी यूनिट के अशोक विश्नोई, स्थानीय विद्यालय की प्रधानाचार्य गीता जिरोतिया उपस्थित थे। उन्होंने शाम को विभिन्न कार्यालयों का भी निरीक्षण किया।

नसीराबाद की बेटी हैं बेनीवाल

बाल संरक्षण आयोग अध्यक्ष बेनीवाल ने सुबह नसीराबाद में केंद्रीय विद्यालय एवं राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में छात्राओं से संवाद किया। उन्होंने केंद्रीय विद्यालय में अपने बचपन के दिनों को याद किया। वे नसीराबाद की बेटी हैं। इसी विद्यालय में उन्होंने पढ़ाई की। उन्होंने अपनी पढाई, शिक्षक और स्कूल की यादों को बताया। उन्होंने नसीराबाद के राजकीय बालिका विद्यालय में भी स्कूल द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की।

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विष्णु दत्त धीमान
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