
जयपुर। नौजवान देश का भविष्य है। उन्हें देश की राजनीति को आदर्श ऊंचाई देने के लए छात्र जीवन से ही एन.एस.यू.आई से जुड़ कर देश की राजनीति को आदर्श नेता देने को आगे आना चाहिए।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एन.एस.यू.आई के 50 साल पूरे होने पर 51वीं वर्षगांठ पर आयोजित कार्यक्रम में वीसी से जुड़कर अपने उद्बोधन में कही। उन्होंने एन.एस.यू.आई के कार्यकलापों की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए कहा कि एन.एस.यू.आई का स्वर्णिम इतिहास रहा है जिसने अविस्मरणीय कार्य कर इतिहास रचा है। उन्होंने छात्रों से कहा कि देश की आदर्श राजनीति के लिए आदर्श नेता चुनने हेतु स्व. इंदिरा गांधी ने एन.एस.यू.आई. की स्थापना की। उन्होंने एन.एस.यू.आई. छात्रों से अपने संस्मरणों को साझा करते हुए मोबाइल में से इंदिरा गांधी द्वारा उन्हें लिखे पत्र को पढ़ कर सुनाते हुए कहा कि मैं छात्र जीवन में 34 साल का ही था तब उन्होंने मुझे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाया था।
उन्होंने अंत में बताया कि उस समय मुझे अशोक कुमार गहलोत के ही नाम से जाना जाता था इसलिए उन्होंने मेरा नाम एसा लिखा है। उन्होंने छात्रों से अपने संस्मरण साझा करते हुए कहा कि केन्द्र में मंत्री रहने के बाद आज तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने का सफर उसी छात्र जीवन से राजनीतिक सफर एन.एस.यू.आई. से जुड़ कर ही तय किया है।
मुख्यमंत्री ने इंदिरा गांधी का स्मरण करते हुए कहा कि उन्होंने ही सबसे कम उम्र में अध्यक्ष देकर सम्मानित किया था। उन्होंने अपने कार्यकाल में 17 बैंकों का रातों रात एकीकरण किया। मुख्यमंत्री ने चुटकी लेते हुए कहा कि भाजपा की नोटबंदी की तरह नहीं। उन्होंने कहा इंदिरा गांधी ने पाकिस्तान की सेना को घुटनों पर लाकर हथियार डलवाये वहीं बांग्लादेश को बनाया। उन्होंने अविस्मरणीय कार्य किये जिसमें खालिस्तान नहीं बनने देना भी प्रमुख था।
मुख्यमंत्री ने छात्रों को देश का भविष्य बताते हुए दोहराया कि आप में से ही कोई फिर राजनीति से जुड़ कर देश को उत्कृष्ट नेतृत्व देगा।
उन्होंने कहा कि आज जरूरत है आप लोग सरकार की जनहित योजनाओं को जनता के बीच ले जाकर उन्हें अवगत कराने की जिससे वह सरकार के कामों को जानकर लाभांवित हो सके। एन.एस.यू.आई. निश्चित तौर पर अच्छे काम किये है जिन्हें निरन्तरता देने की जरूरत है पर बल देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अगली वार एन.एस.यू.आई का बड़े स्तर पर 51वीं वर्षगांठ पर राज्य स्तरीय कार्यक्रम करें जिससे दिल्ली से केन्द्र के नेताओं सिहत अच्छे वक्ता, प्रोफेसर को भी बुलाए। मैं तो आऊंगा ही क्योंकि एन.एस.यू.आई. मेरे दिल के बहुत करीब है।
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