कुर्बानी देंगे अशरफ गनी? शांति समझौते के लिए तालिबान ने रखी शर्त..

नई दिल्ली : तालिबान आतंकवादियों ने ऐलान किया है कि अफगानिस्‍तान में तब तक शांति स्‍थापित नहीं हो सकती है जब त‍क कि देश के राष्‍ट्रपति अशरफ गनी सत्‍ता नहीं छोड़ देते हैं । तालिबान ने यह भी कहा कि वह सत्ता पर एकाधिकार नहीं चाहता है । उसने कहा कि गनी के हटने के बाद देश में बातबीच के जरिए नयी सरकार बनाना होगा । तालिबान के प्रवक्ता सुहेल शाहीन ने एक साक्षात्कार में यह बात कही ।

सुहैल शाहीन वार्ता दल के सदस्य भी हैं । प्रवक्‍ता ने कहा कि तालिबान उस वक्त हथियार डाल देगा जब गनी की सरकार चली जाएगी और ऐसी सरकार सत्ता संभालेगी जो संघर्ष में शामिल सभी पक्षों को मंजूर हो । शाहीन ने कहा,‘मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि हम सत्ता पर एकाधिकार में विश्वास नहीं रखते क्योंकि कोई भी सरकार, जिसने अतीत में अफगानिस्तान में सत्ता पर एकाधिकार रखने मंशा की, वह सफल सरकार साबित नहीं हुई।’

गनी को युद्ध को उकसाने वाला करार दिया –

उन्होंने इस आकलन में प्रत्यक्ष तौर पर तालिबान के खुद के पांच वर्ष के कार्यकाल को भी शामिल किया । साथ ही कहा,‘इसलिए हम वही फॉर्मूला दोहराना नहीं चाहते ।’ तालिबान प्रवक्ता ने इस दौरान गनी को युद्ध को उकसाने वाला करार दिया और आरोप लगाया कि बकरीद के पर्व पर मंगलवार को उन्होंने जो भाषण दिया था उसमें उन्होंने तालिबान के खिलाफ कार्रवाई का वादा किया था । पिछले सप्ताह सरकार में नबंर दो की हैसियत रखने वाले अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने दोहा में तालिबान नेताओं के साथ उच्च स्तरीय वार्ता की थी ।

इस वार्ता में बातचीत जारी रखने और नागरिकों की सुरक्षा तथा देश के ढांचे को सुरक्षित रखने पर जोर दिया गया था । शाहीन ने इस वार्ता को अच्छी शुरूआत बताया, साथ ही कहा कि सरकार का लगातार संघर्ष विराम की मांग करना, वह भी गनी के सत्ता में रहते हुए, तालिबान से आत्मसमर्पण की मांग करने के बराबर है । तालिबान प्रवक्‍ता ने कहा,‘वे सामंजस्य नहीं चाहते, वे आत्मसमर्पण चाहते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘संघर्ष विराम से पहले नयी सरकार पर सहमति बने जो हमें और अन्य अफगानियों को स्वीकार्य हो और फिर कोई युद्ध नहीं होगा ।’

महिलाओं को मिलेगी आजादी, लेकिन उन्हें हिजाब या सिर पर स्कार्फ लगाना होगा- तालिबान

शाहीन ने कहा कि इस नयी सरकार के तहत महिलाओं को काम करने, स्कूल जाने और राजनीति में भाग लेने की अनुमति होगी, लेकिन उन्हें हिजाब या सिर पर स्कार्फ लगाना होगा । उन्होंने कहा कि महिलाओं को घरों से निकलने के लिए अपने साथ किसी पुरुष रिश्तेदार की आवश्यकता नहीं होगी और तालिबान कमांडरों को आदेश हैं कि नए कब्जे वाले जिलों में विश्वविद्यालय, स्कूल और बाजार पहले की तरह संचालित हों, जिसमें महिलाओं और लड़कियों की भागीदारी भी शामिल है ।

तालिबान से जंग की तैयारी में ताजिकिस्‍तान, इतिहास का सबसे बड़ा युद्धाभ्‍यास किया –कुर्बानी देंगे अशरफ गनी? शांति समझौते के लिए तालिबान ने रखी शर्त..

ताजिकिस्‍तान ने युद्ध की तैयारी को मजबूत करने के लिए अपने इतिहास का सबसे बड़ा युद्धाभ्‍यास किया ।तालिबान की बढ़त को देखते हुए ताजिकिस्‍तान के राष्‍ट्रपति के आदेश पर सुबह 4 बजे सेना अलर्ट हुई । यही नहीं ताजिकिस्‍तान ने अफगानिस्‍तान की सीमा पर 20 हजार अतिरिक्‍त सैनिकों को तैनात किया है ।
काबुल अफगानिस्‍तान में तालिबान राज की बढ़ती आहट के बीच ताजिकिस्‍तान ने युद्ध की तैयारी को मजबूत करने के लिए देश के इतिहास में सबसे बड़ा युद्धाभ्‍यास किया है‍। अफगानिस्तान में तालिबान की बढ़त को देखते हुए ताजिकिस्‍तान के राष्‍ट्रपति इमोमाली राखमोन के आदेश पर सुबह 4 बजे 2,30,000 सदस्‍यों वाली सेना को अलर्ट किया गया। ताजिकिस्‍तान ने अफगान सीमा पर 20 हजार अतिरिक्‍त सैनिकों को तैनात किया है ।
एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक सेना के तैयारियों की यह जांच सोवियत संघ से अलग हुए इस देश में करीब 30 साल के इतिहास में सबसे बड़ा है । इस अभ्‍यास ताजिक सेना ने सभी तरह के हथियारों का परीक्षण किया । इसमें जमीनी सेना, हवाई और तोपखाने के हथियार शामिल हैं । इस पूरे अभ्‍यास का ताजिकिस्‍तान के सरकारी टीवी पर प्रसारण भी किया गय । अभ्यास के अंत में सेना ने परेड भी निकाला जिसका नेतृत्‍व खुद राष्‍ट्रपति इमोमाली राखमोन ने किया । ‘हमारी सीमा के पास स्थिति बहुत जटिल’ । राष्‍ट्र‍पति राखमोन ने सेना का आह्वान किया कि वे क्षेत्र की शांति और स्थिरता की रक्षा के लिए तैयार रहें। उन्‍होंने कहा, ‘हमारे पड़ोसी देश अफगानिस्‍तान में खासतौर पर उत्‍तरी इलाके में हमारी सीमा के पास स्थिति बहुत जटिल और अस्थिर हो गया है ।’ राखमोन ने कहा, ‘यह दिन-प्रतिदिन तथा प्रत्‍येक घंटे और ज्‍यादा जटिल होता जा रहा है । उन्‍होंने सशस्‍त्र बलों का आह्वान किया कि वे किसी संभावित खतरे का सामना करने के लिए खुद को तैयार रखें ताकि देश की सीमा की सुरक्षा की जा सके ।कुर्बानी देंगे अशरफ गनी? शांति समझौते के लिए तालिबान ने रखी शर्त..राखमोन वर्ष 1994 से सत्‍ता संभाल रहे हैं और उन्‍होंने अपने रूसी सहयोगी राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन से इस संबंध में बात की है । रूसी राष्‍ट्रपति कार्यालय ने कहा है कि दोनों नेताओं ने अफगानिस्‍तान की स्थिति पर चर्चा की है । उसने कहा कि यह फोन कॉल ताजिकिस्‍तान की ओर से किया गया थ । ताजिकिस्तान ने यह अभ्‍यास ऐसे समय पर किया है जब रूस ने ऐलान किया है कि वह अगले महीने ताजिकिस्‍तान और उज्‍बेकिस्‍तान की सेना के साथ मिलकर अफगान सीमा के पास बड़ा युद्धाभ्‍यास करेगा ।
देश के आधे हिस्‍से पर अब तालिबान राज: यूएस (US)कुर्बानी देंगे अशरफ गनी? शांति समझौते के लिए तालिबान ने रखी शर्त..

इन दिनों तालिबान ने ताजिकिस्‍तान की सीमा के पास अपने हमले तेज कर दिए हैं । तालिबान का दावा है कि उसने देश के 90 फीसदी इलाकों पर कब्‍जा कर लिया है लेकिन अमेरिका का मानना है कि देश के आधे हिस्‍से पर अब तालिबान राज है । तालिबान ने ताजिकिस्‍तान से लगती मुख्‍य सीमा चौकी शिर खान बंदर पर कब्‍जा कर लिया है ।

अमेरिकी सेना ने किए तालिबान पर हवाई हमले –कुर्बानी देंगे अशरफ गनी? शांति समझौते के लिए तालिबान ने रखी शर्त..

अमेरिकी सेना ने पिछले कुछ दिनों में अफगानिस्तान में युद्धग्रस्त देश के सुरक्षा बलों का समर्थन करने के लिए हवाई हमले किए हैं । इसकी जानकारी पेंटागन ने दी । समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, गुरुवार को इना के बयान में, पेंटागन के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि “पिछले कई दिनों में, हमने एनडीएसएफ (अफगान राष्ट्रीय रक्षा और सुरक्षा बलों) का समर्थन करने के लिए हवाई हमलों के माध्यम से कार्रवाई की है ।”

इस बीच, एक अज्ञात रक्षा अधिकारी ने मीडिया को बताया कि अमेरिकी सेना ने बुधवार और गुरुवार को अफगान बलों का समर्थन करते हुए चार से ज्यादा हवाई हमले किए ।
अधिकारी ने कहा कि तालिबान ने अफगान बलों से सैन्य उपकरणों को निशाना बनाकर कम से कम दो हमले किए और अन्य ने तालिबान की लड़ाई की स्थिति को निशाना बनाया, जिसमें दक्षिणी प्रांत कंधार में कम से कम एक हमला हुआ था ।
हवाई हमले तब हुए जब युद्धग्रस्त देश में सुरक्षा की स्थिति बिगड़ गई और अमेरिका की वापसी लगभग पूरी हो गई ।
यूएस ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष जनरल मार्क मिले ने बुधवार को एक प्रेस वार्ता में कहा कि अफगानिस्तान के 419 जिला केंद्रों में से लगभग आधे तालिबान के नियंत्रण में हैं ।
मिले ने कहा, “तालिबान की रणनीतिक गति से छह, आठ, 10 महीनों के दौरान एक महत्वपूर्ण मात्रा में क्षेत्र को जब्त कर लिया गया है ।”
राष्ट्रपति जो बाइडन ने अमेरिकी सेना को अपनी मूल 11 सितंबर की समय सीमा से कुछ दिन पहले 31 अगस्त तक अफगानिस्तान में अपने मिशन को समाप्त करने का आदेश दिया था ।
यूएस सेंट्रल कमांड ने कहा कि पिछले हफ्ते 95 फीसदी से ज्यादा निकासी पूरी हो चुकी है ।

तालिबान ने बेरहमी से की 100 अफ़ग़ानों की हत्या, अब भी जमीन पर बिखरे पड़े हैं शव –कुर्बानी देंगे अशरफ गनी? शांति समझौते के लिए तालिबान ने रखी शर्त..
100 लोगों की जान जाने से पूरे अफगानिस्तान में शोक की लहर है । रिपोर्ट्स के मुताबिक ये 100 शव अभी भी जमीन पर पड़े हैं । तालिबान ने नागरिकों के घरों पर कब्जा करने के बाद उन्हें लूट लिया, वहां उनके झंडे फहराए और बेरहमी से बेगुनाहों को मार डाला । हालांकि तालिबान ने इन मौतों की जिम्मेदारी नहीं ली है। उन्होंने नागरिकों की हत्या में किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार किया है । गृह मंत्रालय के प्रवक्ता मीरवाइज स्तानकजई ने कहा, “उनके पंजाबी अक्का (पाकिस्तान) के इशारे पर, क्रूर आतंकवादियों ने स्पिन बोल्डक के कुछ इलाकों में निर्दोष अफगानों के घरों पर हमला किया, घरों को लूट लिया और 100 निर्दोष लोगों को शहीद कर दिया । यह असली चेहरा उजागर करता है। क्रूर दुश्मन ।”

अमेरिकी सेना के लिए काम करने वाले युवक का सर किया कलम –

घटना के चश्मदीद गांव वालों ने रेड क्रिसेंट को बताया कि तालिबान लड़ाकों ने उनकी कार को घुमाने और रुकने से पहले गोली मार दी थी । फिर उन्होंने पारदीस को कार से बाहर निकाला और उनका सिर कलम कर दिया ।

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Keshav Jha
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