
जोधपुर। देश की सबसे सुरक्षित कही जाने वाली ( Jodhpur Central Jail ) जोधपुर की सेंट्रल जेल एक बार फिर से चर्चा में है। यहां तलाशी अभियान के दौरान बड़ी संख्या में मोबाइल मिले है। यहां से 17 मोबाइल, चार्जर व 18 सिमें जब्त की गई है। यहां से लगातार मोबाइल मिलने की घटनाओं में जेल कर्मियों की मिलीभगत की आशंका भी जताई जा रही है। ( Jodhpur Central Jail ) जेल में सुरक्षा के लिहाज से अत्याधुनिक उपकरण लगे हैं। इनमें बॉडी स्कैनर सहित अन्य उपकरण शामिल हैं। फिर भी जोधपुर सेंट्रल जेल में लगातार मोबाइल बरामद हो रहे हैं। यह जेल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर बड़ा सवाल खड़ा कर रहे हैं।
एडीसीपी (पूर्व) भागचंद ने बताया कि बुधवार रात को सूचना मिली कि ( Jodhpur Central Jail ) जोधपुर सेंट्रल जेल में दबिश दी जाए तो निषिद्ध सामग्री मिल सकती है। इस पर वे और रातानाडा थानाधिकारी लीलाराम आदि वहां पहुंचे। जब ये लोग वहां पहुंचे तो पता लगा कि जेल प्रशासन ने पहले से ही तलाशी अभियान चला दिया है। यहां विचाराधीन बंदियों की बैरक 4, 7 एवं 10 में तलाशी के समय 17 मोबाइल, चार्जर एवं इतनी सिमें मिली है।। बाद में पुलिस की तरफ से भी अन्य वार्डों में तलाशी ली गई। ज्यादातर फोन एंड्राइड है। एडीसीपी भागचंद ने बताया कि घटना को लेकर जेल अधीक्षक की तरफ से रातानाडा थाने में अज्ञात शख्स के खिलाफ रिपोर्ट दी गई है। मोबाइल लावारिश हालत में मिलना बताया गया है। इनको कौन-कौन काम में ले रहे थे, इस बारे में सिमों से पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक सर्च अभियान जेल प्रशासन की तरफ से चलाया गया लेकिन क्रेडिट कमिश्नरेट पुलिस के खाते में आ गया है।
फ्लश आउट अभियान 28 तक
बता दे कि इन दिनों प्रदेश की जेलों में फ्लश आउट अभियान चलाया जा रहा है। इसकी अवधि भी बढ़ाकर 28 फरवरी की गई है। अभियान के दौरान राजस्थान की जेलों से कई मोबाइल जब्त हो गए है। जोधपुर जेल में भी लगातार सर्च चला और मोबाइल आदि निषिद्ध साम्रगी जब्त की गई है लेकिन बुधवार रात को फिर से अचानक हुए सर्च अभियान ने जोधपुर जेल की पोल खोल दी है। सर्च अभियान में लाखों के मोबाइल मिलने से कमिश्नरेट पुलिस खुद सकते है। सवाल यह भी है कि ऑपरेशन फ्लश आउट के चलते जेल में एक साथ बड़ी मात्रा में मोबाइल, चार्जर, की-पेड फोन आए कहां से? इसमें कोई संदेह नहीं है कि जेल प्रशासन इस पर अब पर्दा डालने की जुगत में है। कई जेल प्रहरियों पर गाज गिर सकती है, इस बारे में अभी कहां नहीं जा सकता है। पिछले पंद्रह दिनों में जोधपुर जेल में कोई निषिद्ध सामग्री नहीं मिली लेकिन अब जबकि ऑपरेशन फ्लश आउट की अवधि खत्म होने में सिर्फ तीन दिन बाकी है तो रात को अचानक से जोधपुर जेल में सर्च अभियान चलाकर जेल प्रशासन ने एक बड़ी मात्रा में मोबाइल बरामद कर लिए। जेल प्रशासन के कई अधिकारी व प्रहरी भी इसकी चपेट में आ सकते है।
कई बार मिल चुके है मोबाइल
पहले भी मोबाइल बरामद होने के बाद जोधपुर सेंट्रल जेल सुर्खियों में आई थी। इससे पूर्व जोधपुर सेंट्रल जेल में एक बंदी पकड़ा गया था। वह अपने प्राइवेट पार्ट में 6 मोबाइल छिपाकर जेल में ले जाने की में कामयाब हो गया था। इसके अलावा पुलिस समय-समय पर जेल में दबिश देती है और मोबाइल सिम व चार्जर बरामद होते रहते हैं।
बड़े-बड़े अपराधी बंद है जेल में
जोधपुर सेंट्रल जेल में यौन शोषण के दोषी आसाराम समेत पूर्व मंत्री महिपाल सिंह मदेरणा और पूर्व विधायक मलखान सिंह भी बंद हैं। हिरण शिकार मामले में फिल्म अभिनेता सलमान खान भी इस जेल में रह चुके हैं। वहीं कई आतंकी भी इस जेल की सलाखों के सजा काट चुके हैं। ऐसे में इस संवेदनशील जेल में मोबाइल बरामद होना ना केवल आश्चर्य का विषय है बल्कि जेल के कर्मचारियों द्वारा कैदियों तक मोबाइल पहुंचाने का शक भी पैदा करते हैं।
