प्रगतिशील जुझारू मुस्लिम महिलाओं को परेशान करने वाले एप पर कार्रवाई पर्याप्त नहीं !

सुसंस्कृति परिहार : पहले सुल्ली और अब बुल्ली एप मुस्लिम महिलाओं की नीलामी की खबरों के पीछे कोई बड़ी गहरी साज़िश नज़र आती है। पिछले दफ़ा जब सुल्ली नाम से 100 मुस्लिम महिलाओं की नीलामी का ऐप सामने आया था तब उस पर पुख़्ता कार्रवाई यदि की गई होती तो दूसरी बार इस तरह की घटना हू बहू उसी शक्ल में, उसी गिटहब के ज़रिए ना हो पाती । इसलिए यह तो अपने आप में ज़ाहिर सी बात है इसके पीछे वही ताकतें काम कर रही हैं जो मुस्लिमों से नफ़रत करती हैं खासतौर पर उन मुस्लिम महिलाओं से जो हक के लिए सतत संघर्षरत हैं।वे चाहे पत्रकार की हैसियत रखती हों,वकील हों , रचनाकार हों या सामाजिक और राजनैतिक कार्यकर्ता हों।वे उन्हें खामोश रखना चाहती हैं। जिन्हें आजकल हिंदु तालिबानी कहा जा रहा है।

बुल्ली बाई एप पर मुस्लिम महिलाओं की नीलामी मामले में अखिल भारतीय महिला प्रगतिशील संघ ने बयान जारी करके उचित कार्रवाई की मांग की है। अपने बयान में संघ ने कहा है कि – हम मुस्लिम महिलाओं को भ्रष्ट हिंदू वर्चस्ववादी पुरुषों द्वारा ऑनलाइन ऐप पर “नीलामी” किए जाने के खिलाफ रोष और एकजुटता में खड़े हैं।यह कुछ समय पहले “सुल्ली डील” नामक एप पर हुआ था। पुलिस की उदासीनता और अपराधियों की पहचान करने और उन्हें दंडित करने में विफलता का ही परिणाम बुल्ली ऐप है।

गौरतलब है कि बुली बाई ऐप के जरिए मुस्लिम समुदाय की महिलाओं की तस्वीरें लगाकर उनकी कथित तौर पर बोली लगाने का आरोप के इस मामले में शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी की शिकायत पर पश्चिम प्रादेशिक क्षेत्र साइबर पुलिस ने गिटहब पर होस्ट किए गए ‘बुल्ली बाई’ ऐप डिवेलपर के खिलाफ रविवार को मामला दर्ज किया गया था।

दिल्ली पुलिस ने भी यह मोबाइल ऐप डिवेलप करने वाले की जानकारी मांगी है। साथ ही, ट्विटर को इससे जुड़ा आपत्तिजनक कंटेंट हटाने को कहा है। इससे पहले, दिल्ली महिला आयोग चीफ स्वाति मालीवाल ने डिप्टी पुलिस कमिश्नर, साइबर क्राइम सेल को 6 जनवरी को तलब कर दोषियों की जल्द गिरफ्तारी की मांग की। आयोग ने दिल्ली पुलिस से ‘सुल्ली डील’ और ‘बुल्ली बाई’ दोनों मामलों में गिरफ्तार लोगों की लिस्ट और कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है।बुली एप से संबंधित या उसे चलाने वाले लोगों पर धीरे-धीरे शिकंजा कसता जा रहा है। इस मामले में मुंबई पुलिस की साइबर सेल ने एक 21 वर्षीय इंजीनियरिंग के छात्र विशाल कुमार झा को सोमवार के दिन बेंगलुरु से गिरफ्तार किया था। इस आरोपी से पुलिस की टीम लगातार पूछताछ करने में जुटी हुई थी। पूछताछ में पुलिस को यह पता चला कि इस मामले की प्रमुख आरोपी एक महिला है जिसे फिलहाल उत्तराखंड में हिरासत में लिया गया है। इस बीच गिरफ्तार आरोपी विशाल को 10 जनवरी तक पुलिस कस्टडी में भेज दिया गया है। 

अपने तीखे बयानों को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहने वाले गीतकार जावेद अख्तर ने धर्म संसद और 100 महिलाओं की ऑनलाइन नीलामी के बारे में ट्वीट कर सरकार से सवाल किया है। पिछले साल सुल्ली डील्स पर महिलाओं की आपत्तिजनक तस्वीरें अपलोड करने जैसा एक वाकया इस बार ‘बुल्ली बाई’ नाम की एक एप पर मिला है। सोशल मीडिया पर कई नामी हस्तियों द्वारा इसकी शिकायत करने पर आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि एप के होस्टिंग प्लेटफॉर्म गिटहब ने उपयोगकर्ता को ब्लाक करने की पुष्टि की है और भारतीय कम्प्यूटर आपदा प्रतिक्रिया दल (CERT) और पुलिस अधिकारी आगे की कार्रवाई के लिए सहयोग कर रहे हैं।

अब तक पुलिस के शिकंजे में एक महिला और एक युवक आए हैं कहा जा रहा है सारी कारिस्तानी उक्त महिला की है और युवा जो इंजीनियर है उसका फेसबुक फ्रेंड है। लेकिन सवाल यह है कि इन दोनों को इस तरह महिलाओं की नीलामी ऐप से क्या हासिल होने वाला था।यह मनोविनोद नहीं हो सकता क्योंकि यदि यह इनका उद्देश्य होता तो और धर्मांवलंबी प्रखर और मुखर  युवतियों को शामिल किया जाता।इनका निशाना सिर्फ प्रगतिशील मुस्लिम महिलाओं पर ही है यह इस कमसिन उम्र में संभव नहीं लगता निश्चित तौर पर इस ऐप के पीछे वही शैतानी ताकतें हैं जो इस अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ सतत अभियान जारी रखें हुए हैं।

यह सच है इस बार यदि असल मुखौटे सामने नहीं लाए गए तो इसके खिलाफ तमाम प्रगतिशील सोच के लोग आगे आकर अभियुक्तों को दंडित कराने अदालत का रुख करेंगे।यह स्त्री सम्मान का सवाल है ख़ामोश नहीं रहा जा सकता है।उन ताकतों का पर्दाफाश ज़रूरी है।

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सुसंस्कृति परिहार
लेखिका स्वतंत्र लेखक एवं टिप्पणीकार है। हमारी पाठकों से बस इतनी गुजारिश है कि हमें पढ़ें, शेयर करें, इसके अलावा इसे और बेहतर करने के लिए, सुझाव दें। धन्यवाद।