अजमेर। 350 करोड़ की लागत से बने अजमेर डेयरी प्लांट में स्वादिष्ट और शुद्ध तैयार आइसक्रीम अब ना आइसक्रीम कंपनियों को टक्कर देने के लिए 8 मार्च से बाजारों में प्रतिस्पर्धी दामों में उपलब्ध होगी। यह जानकारी देते हुए डेयरी के अध्यक्ष रामचन्द्र चौधरी ने बताया कि 90 एमएल का कप रुपये, 40 एमएल का कप 5 रुपये में फिलहाल वनीला फ्लेवर्ड में उपभोक्ताओं को मिलेगा। लेकिन जल्दी ही अन्य फ्लेवर्ड भी प्रतिस्पर्धी रेट में उपलब्ध होगी क्योंकि अन्य प्रतिष्ठित कम्पनियों के 50 से 60 एमएल के कप 10 रुपये में मिलते है जबकि डेयरी की 90 एमएल आइसक्रीम मात्र 10 रुपये में रेट और क्वालिटी के अनुसार ग्राहकों को अपने जोडऩे में सफल हो सकेगी। अजमेर डेयरी की क्वालिटी का अनुमान इस बात से भी लगाया जा सकता है कि अजमेर डेयरी के नये प्लांट में तैयार व्हाइट बटर हरिद्वार स्थित पंतजलि फैक्ट्री द्वारा मंगाया जा रहा है। डेयरी अध्यक्ष श्री चौधरी ने जानकारी देते हुए बताया है कि बाबा रामदेव ने अब तक 100 मेट्रिक टन से अधिक व्हाइट बटर अजमेर डेयरी से खरीदा है। वही अजमेर डेयरी बिहार मिल्क फेडरेशन, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली आदि राज्यों की सरकारी, अद्र्ध प्राइवेट डेयरियों को दूध और उससे बने अन्य उत्पाद दे रही हैं।
उन्होंने अजमेर डेयरी के व्हाइट बटर की कीमत 310 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से विक्रय किया जा रहा है जबकि जिले के किसान और दूध उत्पादकों की आय बढ़ाने के लिए उन्हें 6 रु. 20 पैसे प्रति फैट राज्य सरकार अलग से देती है। डेयरी अध्यक्ष श्री चौधरी आशान्वित है कि अजमेर अपनी क्वालिटी से जहां लोगों पर विश्वास के साथ कम्पीटेटिव रेट से जगह बनाने में सफल होकर जहां किसानों के लिए सम्बल बन कर सामने आयी है। अजमेर डेयरी ही एक मात्र डेयरी है जो कोल्ड चैन सिस्टम से बंधी हुई है। डेयरी की क्वालिटी के बारे में बताते हुए डेयरी अध्यक्ष श्री चौधरी ने बताया कि ग्रामीण स्तर पर दुग्ध संग्रहण केन्द्रों पर कम्प्यूटर से नाप परखने के बाद ही लिया जाता है। कम्प्यूटर से निकली पर्ची के आधार पर उन्हें भुगतान भी कर दिया जाता है। उन्होंने अंत में बताया कि अजमेर डेयरी ने अपनी पारदर्शिता से इस उद्योग के प्रति किसानों को आकर्षित कर उन्हें समृद्ध बनाने की राह बताई है।
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