
दिल्ली की आँगनवाड़ी महिलाकर्मियों ने आज एमसीडी चुनावों की घोषणा के साथ अपने अभियान को तेज़ करते हुए आम आदमी पार्टी के आईटीओ स्थित मुख्य कार्यालय का घेराव किया। घेराव के बाद रैली निकालते हुए महिलाओं ने इनके चुनावी पोस्टर्स-बैनर को जलाकर अपना रोष व्यक्त किया।



अपनी यूनियन दिल्ली स्टेट आंगनवाड़ी वर्कर्स एंड हेल्पर्स यूनियन (DSAWHU) के नेतृत्व में महिलाकर्मियों ने ‘आप’ के मुख्यालय पर मौज़ूद चुनावबाज़ मदारियों को चेताते हुए बताया कि आने वाले निगम चुनाव में वे इनका पूर्ण बहिष्कार करेंगी और दिल्ली की जनता को भी इनके असली रूप से वाकिफ़ कराते हुए सघन और व्यापक बहिष्कार अभियान चलाएंगी। अपने इलाकों तक में इनके नेता-मंत्रियों के घुसने पर पाबंदी होगी। DSAWHU की प्रियम्वदा ने बताया की 22000 आंगनवाड़ी महिलाओं ने निगम चुनावों के लिए कमर कस ली है और 7 दिसंबर को, यानी चुनावी नतीजे के दिन, आम आदमी पार्टी और भाजपा को दिल्ली की आंगनवाड़ीकर्मियों की ताक़त स्वयं दिख जायेगी।


ख़ुद को आम आदमी का प्रतिनिधि बताने वाला केजरीवाल व उसकी पार्टी द्वारा चुनाव के वक़्त आँगनवाड़ीकर्मियों से व दिल्ली की जनता से किये गये फर्ज़ी वायदों की असलियत अब सबके सामने हैं। 884 स्त्री कामगारों को बदले की भावना से काम से निकाल कर यह चुप्पी साध कर बैठे हैं, शिक्षा और रोज़गार के मुद्दे पर भी इन्होंने लोगों को भरमाने का काम किया है।
आंगनवाड़ी कर्मी और यूनियन सदस्या उषा ने बताया कि “इनकी वोटबन्दी न सिर्फ़ 22,000 आँगनवाड़ी महिलाएँ करेंगी बल्कि उनके परिवार और इलाके के लोग भी करेंगे और अब इनके तमाम हथकण्डों के नाममात्र के असर के लिए भी अब काफ़ी देर हो चुकी है।”
(प्रेस विज्ञप्ति पर आधारित।)
