
जयपुर। प्रदेश सरकार ने अपने पहले बजट में इलैक्ट्रिक बसे चलाने की घोषणा की थी। परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने दम भी भरा कि खुद मुख्यमंत्री ने बसों को मंजूरी दी है, इसे कोई अफसर रोक नहीं सकता। लेकिन एक साल पहले ही तत्कालीन चेयरमैन ने रोकी थी प्रक्रिया। अब दूसरी बार फिर टेंडर प्रक्रिया रुक गई है। जबकि मार्च में 22 बसें आकर राजधानी जयपुर को देश की राजधानी दिल्ली से जोड़ने के लिए चलाई जानी थी लेकिन लगता है कि लोगों को अभी और इन्तजार करना पड़ेगा क्योंकि अभी तक प्रारंभिक स्तर की तैयारी तक पूरी नहीं की गई है। बसों के चयनित मार्गों पर चार्जिंग स्टेशन ही नहीं बने हैं तो बसें चलेगी कैसे। ये बानगी है प्रदेश की सरकार के सुशासन की।
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