श्रावण माह की शुरूआत, मंदिरों में उमड़ा श्रद्धा का सैलाब, देखें विडियो-तस्वीरें..

नई दिल्ली : सावन का पहला सोमवार आज यानी 26 जुलाई को है । हिंदू पंचांग के अनुसार, श्रावण कृष्ण पक्ष तृतीया और सावन का पहला सोमवार है. हिंदू धर्म में सावन मास के साथ ही इसके सोमवार का भी विशेष महत्व होता है । इस महीने में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है । सावन शुरू होते ही मंदिर व शिवालयों में हर-हर महादेव का उद्घोष उठने लगा । सावन के पहले दिन सोमवार को रुद्राभिषेक व जलाभिषेक किया गया. वहीं, कोरोना संकट के चलते ज्यादातर लोगों ने घर पर ही भगवान शिव कि विधि विधान से पूजा की ।

  • यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी प्रदेशवासियों को पवित्र श्रावण मास के प्रथम सोमवार की शुभकामनाएं दी हैं । उन्होंने ट्वीट कर लिखा- देवाधिदेव महादेव से प्रार्थना है कि सम्पूर्ण विश्व का कल्याण करें | 
  • वहीं सावन के पहले सोमवार के मद्देनजर राजधानी दिल्ली के चांदनी चौक में स्थित गौरी शंकर मंदिर में बड़ी संख्या में भक्त पहुंच रहे हैं । साथ ही उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में स्थित महादेव झारखंडी मंदिर में श्रद्धालुओं ने पूजा की ।
  • देश के शिव मंदिरों में सावन का पहला सोमवार होने के कारण भक्त बड़ी तादात में पहुंचें हैं । देश के अलग-अलग हिस्सों से तस्वीरें भी सामने आयी है । कोविड की दूसरी लहर के बाद सरकार ने धीरे-धीरे छुट दी है । हालांकि लोगों से बार-बार कोरोना नियमों का पालन करने की अपील की जा रही है ।
  • एक श्रद्धालु ने बताया कि दर्शन तो बहुत अच्छा हुआ । प्रशासन की लापरवाही की वजह से बिना मास्क लगाए लोग भी दर्शन के लिए जा रहे हैं । इस तरह की लापरवाही कोरोना के वक्त ठीक नहीं है ।

लगातार दो वर्षों से श्रावणी मेला का आयोजन नहीं –

आज सावन की पहली सोमवारी है । देवघर बाबा बैद्यनाथ मंदिर के प्रधान पुजारियों द्वारा आज सिर्फ सरकारी पूजा संपन्न कराई गई, जिसका श्रद्धालुओं को लिए वर्चुअल दर्शन की व्यवस्था की गई है। लगातार दो वर्षों से श्रावणी मेला का आयोजन नहीं हो पा रहा है |

वाराणसी के बाबा विश्वनाथ में श्रद्धालुओं की भीड़ –

बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में लोग उन्हें जल चढ़ाने के लिए सुबह से लाइन लगाए हुए हैं । आल्हा के उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा नहीं हो रही है इसलिए पिछले साल जितनी भीड़ नहीं है, लेकिन फिर भी लोग दर्शन करने के लिए और बाबा को जल चढ़ाने के लिए आ रहे हैं । 

मंदिर में गर्भ ग्रह में  प्रवेश की इजाजत नहीं है, झांकी दर्शन हो रहा है और माइक से कोबिट प्रोटोकॉल के एहतियात भी बताई जा रही हैं, लेकिन फिर भी कुछ लोग बिना मास्क के घूम रहे हैं । बावजूद इसके शिव भक्तों की भारी भीड़ गंगा घाट से लेकर बाबा विश्वनाथ के मंदिर तक आई हुई है ।

शामली में कोरोना की दहशत के बीच भक्तों की भीड़-

शामली जनपद के मंदिरों में जहां सावन के पहले सोमवार का पर्व मनाया जा रहा है वहीं कोरोना की दहशत भी साफ देखी जा सकती है । मंदिरों में आने वाले भक्त जहां कोरोना से बेखबर होकर लापरवाही बरत रहे हैं तो वहीं मासूम बच्चे मास्क लगाकर मंदिरों में पहुंच रहे हैं । जबकि मंदिरों के पुजारी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते नजर आ रहे हैं । मंदिर के पुजारियों का कहना है कि अबकी बार भी सावन में कोरोना की दहशत भक्तों में साफ देखी जा सकती है ।

गाजियाबाद के दूधेश्वर नाथ मंदिर में शिवभक्तों की भीड़

दूधेश्वर नाथ मंदिर में में रुद्राभिषेक किया गया । बड़ी संख्या में श्रद्धालु जलाभिषेक व पूजा के लिए मंदिर में पहुंचे । मंदिरों में भी सुबह से ही श्रद्धालुओं का आना जाना लगा रहा । मंदिर में सावन के सोमवार को कोविड गाइडलाइन का पालन सख्ती के साथ कराया जा रहा है ।

संभल के शिवालयों में पूजा अर्चना के लिए उमड़ी भीड़ –

संभल मे आज श्रावण मास के प्रथम सोमवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने शिव मंदिरों में पहुंचकर भगवान शिव के शिवलिंग की पूजा अर्चना कर सुख समृद्धि की कामना की । भगवान शिव की पूजा अर्चना के लिए तादात में बाड़ी में भगवान शिव के प्राचीन पातालेश्वर शिव मंदिर और वेरनी के अलौकिक शिव मंदिर में पूजा अर्चना के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ का तांता लगा हुआ है ।

वहीं मध्य प्रदेश के उज्जैन में महाकाल मंदिर में भी श्रद्धालु पूजा-अर्चना के लिए पहुंचे । श्रद्धालओं की भीड़ सुबह से ही जल चढ़ाने के लिए पहुंच गए हैं ।

बता दें कि मथुरा का प्रसिद्ध द्वारकाधीश मंदिर भी आज से पवित्र महीने श्रावण के लिए पूरी तरह तैयार है, जहां कोरोना वायरस दिशानिर्देशों का पालन करते हुए इस अवधि के दौरान विभिन्न धार्मिक गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है । अधिकारियों का कहना है कि बिना मास्क पहने कहीं भी घुसने नहीं दिया जाएगा । 

मंदिर के जनसंपर्क अधिकारी राकेश तिवारी ने कहा, “भक्त भगवान कृष्ण और राधा को सोने और चांदी से बने तीन विशाल झूलों में देखेंगे ।” उन्होंने कहा कि दो झूले चांदी के बने हैं, जबकि तीसरा सोने से बना है । तिवारी ने कहा कि इस महीने के दौरान, मंदिर में फलों, पत्तियों, फूलों, कपड़ों आदि से बने झूलों को भी स्थापित किया जाता है और उन्हें विभिन्न अवसरों पर प्रदर्शित किया जाता है ।

सावन का पहला सोमवार हिंदुओं के लिए काफी महत्व रखता है. सावन के महीने में बहुत से शिव भक्त सोमवार का व्रत करते हैं,  ऐसी मान्यता है कि सावन के पहले सोमवार में व्रत रखने से भगवान शिव की भक्ति जीवन में समृद्धि और खुशी सुनिश्चित करते हैं. श्रावण का महीना भगवान शिव की कृपा पाने के लिए सबसे शुभ महीना माना जाता है । 

हिंदी पंचांग के अनुसार, आषाढ़ के महीने के बाद सावन का माह आता है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार 24 जुलाई, 2021 को समाप्त था । जिसके बाद श्रावण का महीना  25 जुलाई से शुरू हो चुका है । बता दें, आज सावन का पहला सोमवार (26 जुलाई) वहीं सावन का आखिरी सोमवार 16 अगस्त को होगा ।

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Keshav Jha
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