ब्यावर। राजस्थान सरकार की नाकामियों के खिलाफ भाजपा के प्रदेशव्यापी हल्ला बोल आंदोलन के अंतर्गत सेकड़ो कार्यकर्ताओ ने भाजपा अजमेर देहात जिलाध्यक्ष व पूर्व विधायक देवीशंकर भूतड़ा के नेतृत्व में रैली निकालकर प्रदर्शन करते हुऐ उपखण्ड कार्यालय पहुँच कर उपखण्ड अधिकारी को ज्ञापन दिया। इस अवसर पर जिला महामंत्री पवन जैन, ओबीसी मोर्चा के प्रदेश मंत्री अभिषेक चौहान, मण्डल अध्यक्ष रामवतार लाटा, नरेश मित्तल, डूंगरसिंह रावत, कानाराम गुजर, संतोष रावत, देवेन्द्र चौहान, किसान मोर्चा जिला प्रभारी भंवरलाल बूला, महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष इंदु शर्मा, एससी मोर्चा जिलाध्यक्ष चेतन गोयर उपस्थित थे।
इस ज्ञापन में महामहिम राज्यपाल महोदय का ध्यान दिलाते हुए कहा कि यह सरकार जनता का विश्वास खो चुकी राज्य सरकार की जन विरोधी नीतियों और कृत्यों से आमजन परेशान है। राज्य के किसानों और नौजवानो को झूठे वादों के दम पर बरगलाकर सत्ता में आई कांग्रेस सरकार मात्र दो साल में ही जनता का विश्वास खो चुकी है। सत्ताधारी दल के विधायकों में गुटबाजी के चलते पनपे अविश्वास और दो भागों में बंटी कांग्रेस पार्टी आमजन के प्रति अपनी जिम्मेदारी को भूलकर एक दूसरे को नीचा दिखाने में जुटे हुए है। राज्य के मुख्यमंत्री अपने ही दल के विधायकों को अपने पक्ष में रखने के जतन में जनता के प्रति अपनी जिम्मेदारी को भुला चुके है। किसानों को कर्जमाफी और बेरोजगारों को भत्ता देने का वादा अपने घोषणा पत्र में करने वाली कांग्रेस पार्टी में शासन में आने के बाद अपने सभी वादों को भुला दिया है। लोकतंत्र में इस तरह की वादाखिलाफी सरासर ठगी है।
राज्य के किसान आत्महत्या को मजबूर हो रहे है। बेरोजगार नौजवान के लिए न तो सरकार की कोई रोजगार नीति है और न ही बेरोजगारी भत्ता। संविदा कर्मचारियों के साथ वादा कर दगा कर रही।
राज्य में अपराध चरम पर है। पुलिस अपना इकबाल खो चुकी है अपराधियों के हौंसले बुलंद है। राज्य में पहली बार संगठित अपराध अपनी जड़े पसार चुका है। राज्य में पहली बार संगठित आपराधिक समूहों द्वारा फिरौती वसूली की घटनाएं हो रही है। राज्य के कई सारे व्यापारियों पर गोलीबारी की घटनाएं हुई है। इस तरह आमजन में भय का माहौल पैदा हो रहा है। शर्मनाक बात है कि राज्य की जेलों से संगठित गैंग अपना नेटवर्क संचालित कर रही है। पुलिस अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा रही है। सट्टे जुए जैसे अपराध भी पुलिस संरक्षण में बेख़ौफ़ चल रहे है । राज्य में महिलाओं के साथ अपराध, बलात्कार की घटनाएं, गैंगरेप और ब्लैकमेलिंग की घटनाएं निरन्तर बढ़ रही है। इन घटनाओं की रोकथाम के लिए राज्य की पुलिस द्वारा कोई प्रभावी कदम नहीं उठाए जा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ अनुसूचित जाति एवं जनजाति के प्रति अपराधों में भी भारी बढ़ोतरी हुई है।
पिछले दिनों राज्य के कई इलाकों में दूल्हों को घोड़ी से उतार देने और अनुसूचित जाति के लोगों के बाल काटने से मना करने की घटनाएं भी संज्ञान में आई है। बावजूद इसके राज्य की पुलिस अनुसूचित जाति के व्यक्तियों के प्रति अपराधों में कोई कठोर कार्रवाई नहीं कर रही है । इन सबसे यह प्रतीत होता है कि राज्य पुलिस का आदर्श वाक्य “अपराधियों में भरोसा और आमजन में भय” के रूप में तब्दील हो गया है।
बुनियादी जरूरतों से महरूम आम आदमी-राज्य में बिजली के बिलों में बेतहाशा वृद्धि हुई है। आम आदमी के लिए महीने का बिजली बिल चुकाना भारी हो गया है। राज्य में निजी बिजली कंपनियों द्वारा की जा रही अवैध वसूली भी परवान पर है। राज्य के विभिन्न शहरों में जहां फ्रेंचाइजी मॉडल के जरिए बिजली सप्लाई की जा रही है, वहां पर इन निजी कंपनियों द्वारा अंधाधुंध वसूली की जा रही है। वहीं दूसरी तरफ कर्ज के बोझ के तले दबे किसान को अवैध वीसीआर भरकर लूटा जा रहा है।
राज्य में आम आदमी का जीना मुश्किल हो गया है जैसे ही गर्मी का मौसम शुरू होने वाला है वैसे ही राज्य के बड़े हिस्से में पीने के पानी की तकलीफ बड़ी हो गई है, लेकिन राज्य सरकार का ध्यान पेयजल आपूर्ति की तरफ नहीं है । अभी मार्च महीने में ही पेयजल की गम्भीर हालात में यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि गर्मी के मौसम में राज्य में क्या हालत होने वाले है। सस्ती बिजली और पेयजल आपूर्ति राज्य सरकार की बुनियादी जिम्मेदारी है। लेकिन राज्य सरकार यह जिम्मेदारी निभाने में विफल रही है।
इंदिरागांधी नहर केनाल से सिंचित होने वाले इलाके के किसान नहरबंदी से पूर्व ही पानी के आभाव से जूझ रहा है जबकि डेम में पानी पर्याप्त मात्रा में है। राज्य के किसानों को फसली ऋण भी वितरित नहीं किया जा रहा है जबकि राज्य सरकार द्वारा बड़े बड़े वादे किए जा रहे है।
सरकार से ऋण माफी की उम्मीद लगाए बैठे किसान बैंक डिफाल्टर हो गए है। बैंक डिफाल्टर होने के कारण फसल बीमा भी नहीं हो पा रही है। इस तरह किसम फसल के नुकसान के मुआवजे से भी वंचित हो गए है। खनन माफिया का आतंक, अनैतिक शराब नीति से आमजन परेशान है।
भूतड़ा ने उपखण्ड़ अधिकारी का स्थानीय समस्याओं पर ध्यान आकर्षित करते हुऐ कहा कि
आज भी अनेक गांव व पीने के पानी हेतु तरस रही है जब की केंद्र सरकार घर-घर तक नल से जल उपलब्ध कराने हेतु पर्याप्त बजट उपलब्ध करा रही है।
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