
सुसंस्कृति परिहार : इन दिनों कुछ युवाओं की चर्चाएं सुर्खियों में हैं। इनमें प्रियंका गांधी, राहुल गांधी,वरुण गांधी के साथ आर्यन खान के साथ सबसे ज्यादा चर्चित हैं देश के केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टिनी के पुत्र आशीष मिश्रा उर्फ मोनू हैं। यूं तो सभी युवा रसूखदार घरानों से हैं इनके खानदानों की अपनी अपनी शानदार कहानियां हैं। तीनों गांधी, इंदिरा जी के परिवार से हैं। आर्यन के दादा जी भी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रहे हैं पिता फिल्मी दुनियां के चहेते अदाकार शाहरुख खान हैं। लेकिन आज इन सबसे बढ़कर रसूखदारों में अजय मिश्र के पुत्र आशीष हैं जो किसानों के मुताबिक उन पर तेज रफ्तार थार गाड़ी चढ़ा कर पुलिस सुरक्षा में फायरिंग करते हुए भाग निकलते हैं। उनके पिता की हिम्मत देखिए वे फौरन झूठ गढ़कर पुत्र को इस गंभीर अपराध से बचाने सक्रिय हो जाते हैं।इस बीच आए वीडियो इस जुर्म की पुष्टि करते हैं।वे ये तो मानते हैं कि गाड़ी उनकी है।इस बीच उनकी गृहमंत्री की मदद हेतु पहलकदमी जारी है लेकिन लगता है उत्तर प्रदेश में आगत विधानसभा चुनाव के मद्देनजर इस पर एक्शन होने की संभावना है । सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्वत: संज्ञान लिए जाने के बाद उम्मीद है कि किसानों को धमकाने वाले इस रसूखदार मंत्री और पुत्र दोनों कटघरे में होंगे। किसानों ने कोर्ट पर भरोसा जताया है।मंत्री जी कम नहीं हैं ,ये बात वे खुद बा खुद सभा में स्वीकार चुके हैं।
इसी श्रंखला से जुड़ते हुए भाजपा सांसद वरुण गांधी ने जो मेनका गांधी के पुत्र हैं इस दर्दनाक घटना पर ट्वीट क्या कर दिया,भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से दोनों का पत्ता कट गया। भाजपा के अंधे अनुशासन और सच कहने वाले को इस तरह बाहर कर दिया है जैसे उन्होंने राष्ट्र प्रमुखों की बेइज्जती कर दी हो।भाजपा ने इंदिरा परिवार से आए इस परिवार के अवदान और सहयोग को ये सिला दिया। यह एक उदाहरण है। आने पर ठकुरसुहाती और ज़रा भी विरोध करने पर अपच हो जाना इनकी विशेषता है ।जबकि कांग्रेस के सदस्यों की दम से आज भाजपा है। जिनमें सत्तानुरागी अधिक हैं। विपरीत परिस्थितियों में इनकी भगदड़ कौन रोक पाएगा। बंगाल में ममता ने भाजपा की बुनियाद हिला दी है । भाजपा से निरंतर भगदड़ जारी है। बहरहाल वरुण गांधी उस परिवार से हैं जिनका त्याग, साहस और बलिदान इतिहास में दर्ज है। हो सकता है वह लहू उफान मार गया हो।देखना यह होगा आगे वरुण गांधी क्या मोड़ लेते हैं ?
उनके दोनों भाई-बहिन लखीमपुर खीरी किसानों की हत्या मामले से काफी उद्वेलित और परेशान रहे हैं। ख़ासतौर पर प्रियंका जो उसी दिन लखीमपुर खीरी पहुंचने की कोशिश करती रही है और रात्रि में सीतापुर नाके पर हिरासत ली जाती हैं ।जहां बताया जाता है 144 नहीं लगी थी। वहां वे पुलिस अधिकारियों की बदसलूकी पर बेख़ौफ़ सवाल जवाब करती रहीं। उन्हें जबरिया सीतापुर गेस्ट हाउस में 30घंटे रखा गया दूसरे दिन उनको शांतिभंग और 144 के उल्लंघन का दोषी मानते हुए गिरफ्तार किया जाता है।वे वहां झाड़ू लगाकर प्रतिरोध दर्ज कराती हैं।बाद में बाहर खड़े अपने कार्यकर्ताओं को जो संदेश देती हैं वह ऐतिहासिक सम्बोधन बतौर देश भर में गूंजायमान होता है।अनजाने में ही सही भाजपा प्रियंका गांधी को यू पी का ही नहीं देश का बड़ा नेता बना देती है। उसके संघर्ष और चुनौतियों से मुकाबला की ताकत प्रियंका का कद बढ़ा देती है। राहुल भी बहिन की ज़िद का हवाला देते हैं और कहते हैं कि वह लखीमपुर-खीरी के मृत किसान परिवारों से बिना मिले नहीं जाएगी।
दूसरे दिन राहुल गांधी लखनऊ पहुंचते हैं उन्हें रोका जाता है लेकिन बढ़ते आक्रोश के मद्देनजर कुछ शर्तों के साथ उन्हें अनुमति मिल जाती है वे पहले सीतापुर फिर लखीमपुर-खीरी पहुंचते हैं।किसान परिवारों के दुख में शामिल होते हैं।जिसे सरकार राजनीति कहकर मज़ाक उड़ाती है।वस्तुत: भाजपा की हालत अब ऐसी हो गई है वे अपने कार्यकर्त्ता की मौत पर भी शोकांजलि अर्पित नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि वे किसी भी हालत में किसानों को श्रद्धांजलि देना अपनी तौहीन समझ रहे हैं।यहीं कारण है प्रधानमंत्री लखनऊ से जब तक चले नहीं जाते नेताओं को रोका गया।वे इस दुर्दांत घटना पर कुछ नहीं बोलते । बल्कि जनता को रामनवमीं पर 19लाख दीप जलाने का आदेश देते हैं। असंवेदनशीलता का इससे बड़ा उदाहरण और क्या हो सकता है।
और अंत में आर्यन खान की बात। अडानी के मुंद्रा पोर्ट पर तीन हजार करोड़ की हेरोइन पकड़ी जाने से लोगों का ध्यान हटाने उत्तेजित एन सी बी ने बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान ड्रग्स मामले में हिरासत में लिया। अब उसे गिरफ्तार कर लिया गया है आर्यन रविवार को मुंबई से गोवा जा रहे जहाज मे चल रही रेव पार्टी में मौजूद थे, जहां से उन्हें एनसीबी ने गिरफ्तार किया था। इस दौरान आर्यन के साथ 8 अन्य लोग भी एनसीबी की कस्टडी में हैं और सभी से पूछताछ की जा रही है। महाराष्ट्र के एक मंत्री ने सोशल मीडिया पर जो चित्र सार्वजनिक तौर दिखाए हैं उनमें भाजपा के दो नेता आर्यन को घसीटते हुए ले जाते हुए दिखाई दे रहे हैं। जिससे यह साफ ज़ाहिर हो जाता है कि यह जानबूझकर बनाया हुआ मामला है।पूरे महाराष्ट्र और फिल्म इंडस्ट्री में इस घटना को लेकर असंतोष व्याप्त है। अडानी का भंडाफोड़ ही लगता है आर्यन पर गाज बन कर गिराया गया है।
कुल मिलाकर इन तमाम घटनाक्रमों के गहन अध्ययन के बाद यह स्पष्ट होता है भाजपा का चाल चरित्र और चेहरा लोगों की सजगता से अब खुलकर पूरी तरह उजागर होने लगा है। इनसे सतर्क और सावधान रहिए। विदाई के डर से भयभीत भाजपा अब आखिरी दांव-पेंच आजमाने के प्रयास में है। जबकि उत्तर प्रदेश में जनता उत्तर देने बेताब नज़र आ रही है।
