जयपुर। प्रदेश के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने केन्द्र सरकार पर मांग के अनुरूप कोरोना की वैक्सीन नहीं भिजवाने का आरोप लगाते हुए कहा कि अब प्रदेशभर में सरकारी अस्पतालों में कोरोना का पहला टीका लगाना बंद कर दिया है। केन्द्र सरकार से जब वैक्सीन प्राप्त होगी, तब टीकाकरण शुरू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि अभी जो वैक्सीन है, उसे दूसरे डोज के लिए रखा गया है, क्योंकि व्यक्ति को दूसरा डोज लगना जरूरी है। मौजूदा स्टॉक को देखते हुए ही व्यक्तियों को टीके नहीं लगाए जा रहे हैं। अब वो ही व्यक्ति अस्पतालों में पहुंचे जिन्हें 28 दिन बाद दूसरा टीका लगना है।
रघु शर्मा ने बताया कि वैक्सीन उपलब्ध करवाने के लिए उन्होंने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन से भी बात की है। उन्होंने जल्द ही वैक्सीन उपलब्ध करवाने का भरोसा दिलाया है। शर्मा ने कहा कि अभी तक राजस्थान टीकाकरण में अव्वल था। अब तक 22 लाख पात्र व्यक्तियों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में टीकाकरण की माकूल व्यवस्था है, इसलिए लोग बड़ी संख्या में टीका लगवाने के लिए आ रहे हैं।
13 लाख डोज अभी हैं:
प्रदेश के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा के बयान के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी बयान जारी किया है और वैक्सीन की कमी पर सवाल उठाया है। मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि राजस्थान को 37 लाख 61 हजार डोज दिए गए थे उनमें से 8 मार्च की रात तक 24 लाख 28 हजार डोज का इस्तेमाल कर लिया गया है। ऐसे में राजस्थान के पास 13 लाख से भी ज्यादा डोज हैं। यानि वैक्सीन की कोई कमी नहीं है। जल्द ही और वैक्सीन राजस्थान को भिजवा दी जाएगी।
क्या राजनीति हो रही है?
राजस्थान में पहला टीका लगाने का काम बंद कर क्या राजनीति हो रही है? यह सवाल इसलिए उठा है कि देश में राजस्थान पहला ऐसा प्रदेश है जिसके चिकित्सा मंत्री ने केन्द्र पर मांग के अनुरूप वैक्सीन नहीं भिजवाने का आरोप लगाया है। जानकार सूत्रों के अनुसार देश में वैक्सीन की कोई कमी नहीं है। केन्द्र राज्यों को वैक्सीन भिजवा भी रहा है। हो सकता है कि किन्हीं कारणों से वैक्सीन के पहुंचने में विलम्ब हो रहा हो, लेकिन वैक्सीन को लेकर राजनीतिक नजरिए से कोई भेदभाव नहीं हो रहा है। राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार चल रही है। यदि वैक्सीन को लेकर कोई प्रदेश राजनीति करेगा तो इसका खामियाजा प्रदेश की जनता को ही भुगतना पड़ेगा।
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