जयपुर। प्रदेश में इन दिनों कोरोना संक्रमण काफी तेजी से फैलता नजर आ रहा है। इस हेतु स्वयं प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत चिंतित दिखाई दे रहे है तथा आमजन से अपील भी कर रहे हैं कि अभी भी संभल जाओ वरना सख्ती कर पड़ सकती है। सरकार ने इस हेतु नई गाईडलाइन भी जारी कर दी है जिसमें रात्रि 10 बजे बाजार बंद होकर 11 बजे से प्रातः 5 बजे तक कर्फ्यू लागू किया है। गाइडलाइन के तहत पांच से ज्यादा व्यक्ति झुंड बना कर इकट्टे नहीं हो सकेंगे, मास्क अनिवार्य सहित कई गाइडलाइनें शामिल हैं। बावजूद इसके आम लोगों में सरकारी गाइडलाइन की अक्षरशः पालना करना तो दूर, इसकी जमकर धज्जियां उड़ा सरकार को ठेंगा दिखा रहे हैं।
प्रदेश सरकार ने गाइडलाइन तो जारी कर दी लेकिन इसकी पालना हेतु अधिकारियों व पुलिस कर्मियों सहित विभिन्न सरकारी कर्मचारियों को कडे निर्देश देने चाहिए जिससे सरकार के ये मुलाजिम गाइडलाइन की पालना हेतु कठोर कदम उठा सके।
महानगर के बीचोंबीच स्थित शहर के कई पुराने नामचीन बाजारों में खरीददारों सहित सरकारी व प्राइवेट नौकरी करने वालों की इतनी भीड़ जुटी रहती है कि सोशल डिस्टेसिंग का तो नाम ही नहीं है। जयपुर की सबसे बड़ी सब्जी मंडी लाल कोठी में तो सब्जी खरीददारों की इतनी भीड़ इकट्ठी होती है कि वहां पैर रखने को जगह नहीं होती, तो सोशल डिस्टेसिंग कहां से होगी। इतना नहीं यहां तो हर कॉलोनी में प्रत्येक सप्ताह एक साप्ताहिक सब्जी मंडी लगती है। इन साप्ताहिक सब्जी मंडियों में भारी तादाद में भीड जमा होती है। यहां तो यह भी देखने में आया कि आमजन मास्क भी नहीं लगा रखे होते हैं। जबकि इन कॉलोनियों के आसपास पुलिस थाना भी होता है। बावजूद इसके कोई रोकटोक नहीं है। नतीजा यह होगा कि अगर एक भी कोरोना पॉजिटिव होता है तो वह कॉलोनी के प्रत्येक घरों तक पहुंच जायेगा।
इतना ही नहीं जयपुर सिटी में चलने वाली प्राइवेट व जेसीटीसीएल की बसें की रोजमर्रा के यात्रियों से खचाखच भरी होती है। इन बसों में तो सोशल डिस्टेसिंग तो दूर की बात है, सांस लेने की भी जगह नहीं होती है।
इन सभी स्थितियों की ओर न तो सरकार ध्यान दे रही हैं और न ही नजदीकी पुलिस थाना। एसे में कोरोना का खतरा और भी बढ़ने की संभावना प्रतीत हो रही हैं। समय रहते सरकार को इस ओर कुछ नये कदम उठाने चाहिए, वरना स्थिति बीते एक साल से भी ज्यादा खतरनाक हो सकती है।
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