विवेक यादव / मध्यप्रदेश : प्रदेश में भ्रष्टाचार ऐसे बढ़ रहा मानो पेट्रोल का भाव, एक तरफ़ तो प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान बीजेपी सरकार के नेतृत्व में प्रदेश से भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए निरंतर प्रयास करने का दावा कर रहे हैं वही दूसरी और आए दिन भ्रष्ट अधिकारियों के रिश्वतखोरी की खबर हमें सुनने को मिल ही जाती है, चाहे वह स्वास्थ्य से जुड़ी, शिक्षा से जुड़ी या फिर न्याय व प्रशासन से जुड़ी हो, पूरे प्रदेश में भ्रष्टाचार की जड़े इतनी फ़ैल गई है की कोई भी विभाग इससे अछूता नहीं रहा, तो चलिए इस सप्ताह रिश्वतखोरी के कुछ चर्चित मामलो के बारे में भी जान लेते है।
रीवा आशा, ऊषा और आशा सहयोगिनी संघ ने मिशन संचालक से एक शिकायत की थी। शिकायत में कहा गया था कि रीवा जिले में आशा कार्यक्रम को जिला स्तर पर चलाने की जिम्मेदारी डीसीएम राघवेन्द्र मिश्रा की है। जो कि संविदा कर्मचारी हैं। इनके द्वारा आशा कार्यक्रम अंतर्गत एचबीएनसी भुगतान में ब्लाक से सेटिंग करके लाखों के फर्जी एचबीएनसी का भुगतान पत्रक तैयार करवाया गया। हालांकि यह फर्जीवाडा़ एचबीएनसी के तहत किए गए भुगतान से जुड़ा हुआ है। यदि लगाए गए आरोप सही हुए तो एक और बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आएगा।
जबलपुर डिंडोरी में बीईओ के पद पर पदस्थ सुरेश कुमार द्विवेदी चिचरिंगपुर शासकीय हाई स्कूल के प्रभारी प्राचार्य व सहायक अध्यापक द्वारा 20 हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया।
इंदौर में फर्जी एसडीएम के बाद अब फर्जी जज राजीव कुमार लाहोरी चढ़ा पुलिस के हत्थे, केस खत्म करने के एवज में 2 लाख 90 हजार की ठगी, लालबत्ती लगी गाड़ी भी जप्त।
हरदा जिले के सीएमएचओ कार्यालय में पदस्थ डीपीएम केके राजोरिया को मंगलवार करीब साढ़े 3 बजे उन्हीं के कार्यालय में 10 हजार की रिश्वत लेते हुए भोपाल लोकायुक्त 10 सदस्य टीम ने रंगे हाथों पकड़ा।
इंदौर विद्युत विवरण कंपनी के जूनियर इंजीनियर गयाप्रसाद वर्मा को लोकायुक्त ने 10 हजार रुपए का रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा, साथ मिले चालक को भी लोकायुक्त टीम ने गिरफ्तार किया।
सीधी जिले के चुरहट तहसील का पटवारी गोरखनाथ विश्वकर्मा रीवा में पेड़ के नीचे रिश्वत वसूलते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया, फरियादी धीरेंद्र सिंह द्वारा पटवारी को ₹5000 देते हुए लोकायुक्त टीम ने रंगे हाथों पकड़ा।
सीधी सुबह पटवारी को पांच हजार की रिश्वत लेते पकड़ा गया तो वहीं अब देर शाम करीब 8 बजे बीएमओ को 20 हजार की रिश्वत लेते ईओडब्ल्यू ने रंगे हाथ धर दबोचा।
बुरहानपुर में माइनिंग इंस्पेक्टर गोविंद पाल को सस्पेंड किया गया है। समाहर्ता प्रवीण सिंह ने बताया कि खनिज निरीक्षक का भाई अनिल पाल अवैध खदानों से वसूली करता था और इंस्पेक्टर गोविंद पाल उन खदानों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं करता था।
दमोह अजाक्स थाना के रिश्वतखोर डीएसपी राजकुमार जयसवाल द्वारा एक मामले को रफा-दफा करने के एवज में 25 हजार की रिश्वत डिमांड को लेकर लोकायुक्त ने भोपाल से किया गिरफ्तार।
जबलपुर हाउसिंग बोर्ड की महिला डीयूसी पुष्पा बेन को एनओसी देने के एवज में, ₹5000 की रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त की टीम ने ट्रैप बिछाकर रंगे हाथों पकड़ा।
सिंगरौली हींडालको से 75 लाख रुपए का एलमुनियम गायब कर बेचने वाला, मास्टरमाइंड अनूप यादव निकला पुलिसकर्मी, अपने साथी कबाड़ माफिया जितेंद्र मौर्य व अन्य कई साथियों के साथ मिलकर बेचा एलमुनियम।
नरसिंहपुर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि आमगांव चौकी पुलिस द्वारा किसान को धमकाने और शराब तस्करी के फर्जी मामले में फंसाने की धौंस देकर घूस ली गई थी। आमगांव में ऐसा ही एक मामला सामने आया है। यहां कुछ पुलिसकर्मियों पर किसानों के खेत खुद गिरवी रखवाकर अवैध वसूली करने के आरोप लगे थे। जब किसान ये राशि नहीं दे पाया और पुलिस की धमकी से परेशान हो गया उसने मामले की शिकायत उच्च अधिकारियों से की। आमगांव चौकी प्रभारी दीप्ति मिश्रा सहित 4 पुलिसकर्मी हुए सस्पेंड हुए।
जबलपुर में अग्निवीर सैनिक बनाने का झांसा देकर उनसे रुपये ऐंठने का मामला सामने आया। जबलपुर में आर्मी इंटेलिजेंस की टीम ने सेना की भर्ती में अग्निवीर बनने आए बेरोजगार युवकों को नौकरी दिलाने के नाम पर उससे पैसे ऐंठने वाले एक फर्जी सैनिक को पकड़ा है। ठग सेना की वर्दी में घूम रहा था, जिसे मिलिट्री इंटेलिजेंस ने दबोच लिया।
वही NCRB रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2020 की तुलना में 2021 में भ्रष्ट सरकारी अधिकारी और कर्मचारियों के पकड़े जाने के मामले 65 प्रतिशत तक बढ़ गए। 200 सरकारी अधिकारी और कर्मचारी तो रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़े गए, लेकिन चौंकाने वाली बात यह है- पूरे साल में एक भी भ्रष्टाचारी सलाखों के पीछे नहीं पहुंचा। रिपोर्ट के अनुसार मध्य प्रदेश में भ्रष्टाचार के मामले वर्ष 2019 में 318, 2020 में 151 और 2021 में 250 बताए जाते है।
ज्ञात हो की एक वर्ष में 365 दिन होते है। रिपोर्ट के मुताबिक 2021 से पूर्व से भ्रष्टाचार के 529 मामले विवेचना में थे। 2021 में भ्रष्टाचार के 250 मामले दर्ज हुए, जिसमें से 195 मामलों में जांच एजेंसी ने चार्जशीट पेश की। 55 मामलों में विवेचना पूरी नहीं हो सकी। इस तरह अभी 584 मामले विवेचना में हैं। भ्रष्टाचार के 803 मामले अभी कोर्ट सुनवाई में हैं।