सुसंस्कृति परिहार : अभी कल की ही तो बात थी सारी दुनिया ने भारत के राष्ट्रपिता की जयंती को विश्व अहिंसा दिवस के रूप में मनाया। निश्चित तौर पर नेताओं ने हिंसा ना फैलाने की शपथ ली होगी और आज किसानों पर मंत्री पुत्र ने अपनी गाड़ी चढ़ाकर कहर बरपा दिया एक नहीं पूरे छै किसान मारे दिए गए जबकि एक दर्जन से अधिक घायल हुए हैं।
घटना उत्तर प्रदेश के उसी लखीमपुर खीरी की है जहां पिछले दिनों ब्लाक अध्यक्ष चुनाव के दौरान प्रस्तावक एक महिला के चीरहरण के दृश्य पूरी दुनिया ने देखे थे
उसी लखीमपुर खीरी में आज केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा और उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य आज यहां पहुंचे थे।इसकी जानकारी कृषि कानूनों का विरोध करने वाले किसानों को लगी। वे वहां पहुंच गए और किसानों ने सुबह 8:00 से हेलीपैड पर कब्जा कर लिया ।दोपहर करीब 2:45 बजे जब सड़क के रास्ते अजय मिश्रा और केशव मोर्य का काफिला तिकोनिया चौराहे से गुजरा तो किसान उन्हें काले झंडे दिखाने दौड़ पड़े। इसी दौरान अजय मिश्रा की बेटे अभिषेक ने किसानों पर गाड़ियां चढ़ा दीं।इससे पैदल भागते किसान उत्तेजित हो गए। उन्होंने मंत्री पुत्र सहित तीन गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया।
दरअसल किसान हफ्ते भर पहले दिए केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बयान से आहत हैं किसानों का कहना है कि मंत्री बनने के बाद अजय मिश्रा ने कहा था हम अपनी पर आ गए तो हम क्या कर सकते हैं यह सब जानते हैं विदित हो 26 सितंबर को अजय मिश्रा को लखीमपुर के संपूर्णानगर में काले झंडे दिखाए गए थे ।जनसभा में ,तब उन्होंने मंच से किसानों को धमकी दी थी कहा था “किसानों के अगुवा यानी संयुक्त किसान मोर्चा के लोग प्रधानमंत्री का सामना नहीं कर पा रहे हैं 10 महीने हो गए।” काले झंडे दिखाने वालों से कहा था -“यदि वे गाड़ी से उतर जाते तो भागने का रास्ता नहीं मिलता वे मानते हैं कि कृषि कानून को लेकर सिर्फ 10-15 लोग ही शोर मचा रहे हैं यदि कानून इतना गलत होता तो अब तक देश भर में आंदोलन होना चाहिए था ।उन्होंने कहा था कि, सुधर जाओ नहीं तो सामना करो वरना हम सुधार देंगे सिर्फ 2 मिनट लगेंगे ।विधायक, सांसद से बनने से पहले से लोग मेरे विषय में जानते होंगे कि मैं किसी भी चुनौती से कभी नहीं भागता हूं।”
एक केन्द्रीय मंत्री के ये तेवर स्पष्ट संकेत दे रहे हैं कि उनके इशारे पर ही किसानों को इस बुरी तरह कुचला गया है यह किसान आंदोलन कर रहे लोगों में दहशत फैलाने के लिए भी हो सकता है। क्योंकि यहां राज्य चुनाव करीब हैं और किसान भाजपा से बुरी तरह नाखुश हैं।तानाशाही का इससे अधिक वीभत्स रूप क्या होगा ? जहां इस देश के अन्नदाता को कीड़े मकोड़े की तरह रौंद दिया गया हो।अंग्रेजों ने भी इस कदर जुल्म नहीं ढाये थे किसानों पर उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी की घटना किसान विरोधी भाजपा की सोच का साक्षात हस्ताक्षर है।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस प्रभारी प्रियंका गांधी ने प्रतिक्रिया देते हुये कहा है – “भाजपा देश के किसानों से कितनी नफ़रत करती है? उन्हें जीने का हक नहीं है? यदि वे आवाज उठाएँगे तो उन्हें गोली मार दोगे, गाड़ी चढ़ाकर रौंद दोगे? बहुत हो चुका। ये किसानों का देश है, भाजपा की क्रूर विचारधारा की जागीर नहीं है। किसान सत्याग्रह मजबूत होगा और किसान की आवाज और बुलंद होगी।”
यकीनन ,केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा इस भ्रम में ना रहें कि किसानों को दो मिनिट में सुधार लेंगे पंजाब और हरियाणा के किसानों की तरह अब उत्तर प्रदेश का किसान भी जाग गया वह तब तक आप वापस नहीं हटेगा जब तक वह अपनी मांग पूरी नहीं करवा लेता। चुनाव में भाजपा की हार किसान लिख चुका है।अपने सैंकड़ों किसानों की आंदोलन में उन्होंने शहादत देखी है वे इन घटनाओं से डरने वाले नहीं हैं।इस शहादत ने तो देश के किसानों को झकझोर दिया है उनका कारवां रुकने वाला नहीं है बल्कि ताकतवर होगा।