संभागीय आयुक्त के तबादले से आम आदमी तक आहत

जयपुर। न्यूज हैडिंग चौंकाने वाला है। चौंका देने वाला भी क्यों ना हो। जयपुर के संभागीय आयुक्त डॉ. समित शर्मा का सरकार के ताबड़तोड़ किये तबादलों में उनका भी नाम देखकर हर आम और खास ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से लेकर राहुल गांधी, प्रियंका गांधी तक को लगातार ट्वीट कर उनका तबादला निरस्त करने की मांग कर रहे हैं। खुद कांग्रेस के नेता रमन सैनी ने अपना विरोध दर्ज कराते हुए मुख्यमंत्री को उनका तबादला निरस्त करने का ट्वीट किया है तो नारायणपुर में बलवीर गुर्जर ने प्रियंका गांधी व राहुल गांधी को ट्वीट कर डॉ. समित शर्मा का तबादला निरस्त करने को कहा है।

है ना चौंकाने वाली, तबादला खबर। एक आई.ए.एस. अधिकारी के अचानक इतने चहेते पैदा नहीं हो गये है। दरअसल डॉ. समित शर्मा एमबीबीएस कर डॉक्टर बनने के बाद भी भारतीय प्रशासनिक सेवा में चयनित होने के बाद यहां तक पहुंचे हैं। मेरी व्यक्तिगत जानकारी के अनुसार डॉ. समित शर्मा ने अपना प्रोफेशन जोधपुर से शुरू किया था तथा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को देश में में सबसे पहले प्रदेश में मुफ्त दवा योजनाओं को इन्हीं के समझाने के बाद ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मुफ्त दवा योजना का तमका अपने नाम किया था।

आज अब ये आलम है कि इनकी कार्यप्रणाली से हर आम और खास आदमी ने प्रशासनिक कार्यप्रणाली में आमूलचूल परिवर्तन होते देखा एवं महसूस किया है। ये जहां भी गये हैं वहां सुझार की गंगा बहना शुरू हुई है इसलिए युवा पंजाबी सेवा समिति के महासचिव सौरभ कालरा ने भी मुझे ट्वीट करके लिखा है कि डॉ. समित शर्मा के कारण ही अलवर जैसी जगह के सरकारी अस्पताल कार्यालय चमचमा रहे हैं, इन्हें नहीं हटाए। अभी तो डॉ. समित शर्मा के तबादले की यह खबर मात्र समझी जा रही है आगे क्या गुल खिलायेगी, ये तो समय ही बताएगा।

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