बिहार में लगातार हो रही बारिश की वजह से बाढ़ तबाही मचा रही है । जानकारी के मुताबिक बिहार में 11 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं । बाढ़ से करीब 15 लाख आबादी प्रभावित है । प्रशासन का दावा है कि अब तक 11 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है ।
पटना : बिहार में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है । बाढ़ग्रस्त इलाकों से अभी तक एक लाख दस हजार से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है । दरभंगा, मधुबनी, पूर्व और पश्चिम चम्पारन सहित 11 जिलों के करीब 400 गांव बाढ़ की चपेट में हैं ।
इस बार के मॉनसून में एक जून से 15 जुलाई तक पश्चिम चंपारण जिले में सामान्य से 194 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है । दरभंगा में 111 फीसदी, मधुबनी में 78 फीसदी, सुपौल में 73 फीसदी, सीवान में 71 फीसदी, सारण में 77 फीसदी, वैशाली में 64 फीसदी, समस्तीपुर में 77 फीसदी और भउआ में 70 फीसदी सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की गई है । बिहार के लोगों की समस्या ये भी है कि नेपाल की तराई में लगातार बारिश का दौर जारी है, जबकि अभी मानसून के दो महीने बाकी हैं ।
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बुद्धा स्तूप के नीचे बाढ़ का पानी जमा हो गया है । बाढ़ के पानी लगातार जमा रहने से स्तूप को नुकसान होने की संभावना जताई जा रही है –
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल और राज्य आपदा मोचन बल की 16 टीमें राहत और बचाव कार्य में लगाई गई हैं । राज्य की उप-मुख्यमंत्री रेणु देवी ने बताया कि बाढ़ प्रभावित लोगों को भोजन उपलब्ध कराने के लिए 216 सामुदायिक रसोई बनाई गई हैं । कोविड के टीके लगाने के लिए चिकित्सा दल भी तैनात किए गए हैं ।
राज्य में कोसी, बागमती और गंडक सहित अनेक नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं । डगमारा तटबंध कट जाने से कोसी नदी का पानी सुपौल जिले के तीन सौ से ज्यादा घरों में घुस गया है । जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा के अनुसार कोसी के पश्चिमी तटबंध को कोई खतरा नहीं है ।
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