जोधपुर। ऑडिटोरियम निर्माण के लिए राजकीय महिला पॉलिटेक्निक कॉलेज की करीब 36 बीघा जमीन आवंटित करने के खिलाफ छात्राओं ने विरोध तेज कर दिया है। जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय की जमीन आवंटन करने के विरोध के बाद सरकार ने पॉलिटेक्निक कॉलेज की करीब 36 बीघा जमीन का आवंटन कर दिया था। इस पर अब राजकीय महिला पॉलिटेक्निक कॉलेज की छात्राएं आंदोलन कर रही है। छात्राओं ने बुधवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के महामंदिर स्थित पुश्तैनी मकान के बाहर हाथों में तख्तियां लेकर प्रदर्शन कर कॉलेज की जमीन आवंटन का विरोध जताया।
ऑडिटोरियम निर्माण के लिए महिला पॉलिटेक्निक कॉलेज की जमीन आवंटित करने का विरोध
दरअसल राज्य सरकार जोधपुर में एक बड़ा ऑडिटोरियम का निर्माण करने जा रही है। इसके लिए पाली रोड पर जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के नए परिसर की 36 बीघा जमीन आवंटित कर दी। इसकी भनक लगते ही छात्रों ने जोधपुर में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। छात्रों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज तक करना पड़ा। इसके बाद छात्रों ने अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखा। लगातार धरना प्रदर्शन से दबाव में आई राज्य सरकार ने अपना निर्णय बदल दिया और पॉलिटेक्निक परिसर में ऑडिटोरियम निर्माण का फैसला कर लिया। इसके लिए सरकार ने एक आदेश जारी कर राजकीय महिला पॉलिटेक्निक कॉलेज की करीब 36 बीघा जमीन आवंटित करने का परिपत्र जारी किया था।
सरकार के इस आदेश के साथ ही राजकीय महिला पॉलिटेक्निक कॉलेज की छात्राओं ने आंदोलन का आगाज कर दिया था। पॉलिटेक्निक कॉलेज की छात्राओं ने इस संबंध में जनप्रतिनिधियों को भी ज्ञापन सौंपे है। छात्राओं का कहना है कि कॉलेज की जमीन ऑडिटोरियम के लिए आवंटित करने के बाद एक तरफ छात्राओं की सुरक्षा पुख्ता नहीं रह पाएगी। वहीं इसके अलावा कॉलेज की अन्य गतिविधियां भी काफी सिमट जाएगी। जमीन आवंटन से परिसर लगातार सिकुड़ता जा रहा है। मुख्यमंत्री का ध्यान आकृष्ट करने के लिए हमने आज यहां प्रदर्शन किया है। यदि हमारी मांग नहीं सुनी गई तो हम भूख हड़ताल शुरू करेंगी।
बता दे कि जोधपुर में वर्ष 1958 में पॉलिटेक्निक कॉलेज की स्थापना की गई थी। एक दानदाता ने शिक्षण संस्थान की स्थापना के लिए अपनी 227 बीघा भूमि राज्य सरकार को समर्पित की थी। शुरुआती दौर में यह कॉलेज शहर से बाहर माना जाता था लेकिन अब यह शहर के बिलकुल बीच में स्थित में है। शहर के बीच में आने के बाद किसी भी कार्यालय या रहवासीय कॉलोनी निर्माण के लिए राज्य सरकार की नजर हमेशा इसकी जमीन पर लगी रहती है। सबसे पहले पुलिस चौकी के लिए जमीन दी गई।
इसके बाद होटल प्रबंधन संस्थान के लिए जमीन प्रदान की गई। बाद में महिला पॉलिटेक्निक कॉलेज इसी परिसर में अलग से खुल गया। नगर निगम के नए भवन की तलाश में जुटी राज्य सरकार ने एक बड़ा भू भाग आवंटित कर दिया। बाद में न्यायिक अधिकारियों के आवास के लिए भी इसी कॉलेज की जमीन आवंटित कर दी गई। इसके अलावा विज्ञान केन्द्र के लिए भी जमीन आवंटित कर दी गई। पॉलिटेक्निक कॉलेज के हाथ से धीरे-धीरे जमीन खिसकने के कारण इसके खेल मैदान सिकुड़ते रहे या गायब होना शुरू हो गए।