गोवा में आई दशकों की सबसे भीषण बाढ़, 400 लोग बचाए गए, करोड़ों की संपत्ति क्षतिग्रस्त..

  • बढ़ से 4000-5000 लोगों के घरों को नुकसान पहुंचा है। लोगों के घर में पानी गया है । करीब 1000 घर ढ़ह गए हैं या टूटे हैं – गोवा के मुख्यमंत्री 

  • भूस्खलन और बाढ़ की वजह से कई सड़कें, ब्रिज और घर पानी में डूब…

पणजी । गोवा में शुक्रवार को आई बारिश ने राज्य के अंदर भीषण तबाही मचाई है । हालांकि गोवा पर महाराष्ट्र में हो रही बारिश का भी असर पड़ा है । गोवा इन दिनों दशक की सबसे भीषण तबाही को देख रहा है । भूस्खलन और बाढ़ की वजह से कई सड़कें, ब्रिज और घर पानी में डूब चुके हैं । यहां तक कि ट्रेन भी पटरी से उतर गई । अनुमान लगाया जा रहा है कि करोड़ों रुपए की सार्वजनिक संपत्ति को भी नुकसान पहुंचा है । इसके अलावा 400 से अधिक लोगों को अपना घर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा ।

गुरुवार से गोवा में हो रही है बारिश –

आपको बता दें कि मौसम विभाग ने बीते गुरुवार को गोवा में मूसलाधार बारिश का रेड अलर्ट और शुक्रवार को ऑरेंज अलर्ट जारी किया था, लेकिन बाद में मौसम विभाग ने शुक्रवार को भी रेड अलर्ट जारी कर दिया । मौसम विभाग ने गोवा में अगले तीन भारी बारिश का अनुमान जताया है ।

किसी के हताहत होने की खबर नहीं- प्रमोद सावंत

गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा कि राज्य में पहली बार इस तरह की भीषण तबाही उन्होंने देखी है । उन्होंने कहा है कि राज्य में सार्वजनिक संपत्ति का तो काफी नुकसान हुआ है, लेकिन किसी तरह के हताहत होने की खबर नहीं है ।

हालांकि दक्षिण गोवा के धारबंदोरा में एक महिला के डूबने की खबर है । शुक्रवार को मुख्यमंत्री ने राज्य के हालात के बारे में कहा कि गोवा में भारी बाढ़ आई है, यहां अब पहले जैसा कुछ नहीं है, बाढ़ से 4000-5000 लोगों के घरों को नुकसान पहुंचा है। लोगों के घर में पानी गया है । करीब 1000 घर ढ़ह गए हैं या टूटे हैं। सभी सरकारी स्टॉफ और मशीनरी काम पर लगे हैं । लोगों के घरों में और खेतों में पानी घुस गया है, जिसकी वजह से बहुत बड़े पैमाने पर लोगों का नुकसान हुआ है  ।

प्रमोद सावंत ने एक ट्वीट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को टैग करते हुए लिखा कि लगातार बारिश के कारण गोवा में बाढ़ की स्थिति बन गई है । प्रधानमंत्री जी ने राज्य को पूर्ण समर्थन और सहायता देने का आश्वासन दिया है ।

Disclaimer: This post was created with our nice and easy submission form; The views expressed in this article are based on the authors experience, research and thoughts. It is not necessary that The Harishchandra agrees with it. Only the author is responsible for all claims or objections related to this article. Create your post!

We are a non-profit organization, please Support us to keep our journalism pressure free. With your financial support, we can work more effectively and independently.
₹20
₹200
₹2400
Keshav Jha
नमस्कार, मै केशव झा, स्वतंत्र पत्रकार और लेखक आपसे गुजारिश करता हु कि हमें पढ़ें, शेयर करें, इसके अलावा इसे और बेहतर करने के लिए, सुझाव दें। इस खबर, लेख में विचार मेरे अपने है। मेरा उदेश्य आप तक सच पहुंचाना है। द हरीशचंद्र पर मेरी सभी सेवाएँ निशुल्क है। धन्यवाद।