जीएम सरसों के उपयोग की अनुमति में हड़बड़ी न करें सरकार : किसानसभा

अखिल भारतीय किसान सभा से संबद्ध मध्यप्रदेश किसान सभा ने केंद्र सरकार से जीएम सरसों के व्यावसायिक उपयोग में जल्दबाजी न करने के लिए कहा है। किसान सभा ने कहा है कि सरकार को जीएम सरसों के उपयोग से पारिस्थितिकी और स्वास्थ्य संबंधी प्रभावों के बारे में उठी शंकाओं का ठोस और वैज्ञानिक समाधान प्रस्तुत करना चाहिए।

जी एम मस्टर्ड – जेनेटिकली मॉडिफाइड – सरसों है।  सरसों चूंकि मनुष्य के खाने में आती है इसलिए इस परिवर्धित प्रजाति की व्यावसायिक बिक्री का बिना गहन परीक्षण किये सिर्फ कारपोरेट कंपनियों के मुनाफे के लिए खोल देना जीवन ही नहीं आने वाली पीढ़ियों के लिए भी नुकसानदेह और घातक हो सकता है। 

मध्यप्रदेश  किसान सभा के अध्यक्ष बादल सरोज और महासचिव अखिलेश यादव  ने कहा है कि ठीक है कि कृषि तकनीक और उच्च उपज वाले बीजों का विकास खाद्यान्न आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए जरूरी है, लेकिन ऐसा  ईमानदार वैज्ञानिकों वाली उच्चतम क्षमताओं वाली प्रयोगशालाओं में हर तरह के परीक्षण के बिना नहीं किया जाना चाहिए। 

अनुभव बताता है कि ऐसे समाधानों का उपयोग किसानों और उपभोक्ताओं के हितों के बजाय कॉर्पोरेट हितों को आगे बढ़ाने के लिए किया गया है। इससे किसान बर्बाद हुए हैं और कृषि उत्पादन बढ़ाने का लक्ष्य भी हासिल नहीं हुआ है।

किसान सभा नेताओं ने कहा है कि डीएमएच-II सरसों एक संकर बीज है, जिसे किसानों को हर मौसम में नए सिरे से खरीदना होगा। लेकिन आज भी देश में यह सुनिश्चित करने के लिए कोई संस्थागत, नियामक ढांचा नहीं है कि ये बीज किसानों को कम कीमत पर उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके साथ ही खाद्य फसलों में जहरीले कृषि रसायनों के अनियंत्रित उपयोग को बढ़ावा देने के कारण कृषि लागत में बेतहाशा वृद्धि होगी, साथ ही ये जहरीले कृषि-रसायन किसानों, कृषि श्रमिकों और उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालेंगे। इसलिए ऐसे रसायनों के उपयोग से बचने के लिए और शोध किए जाने की जरूरत है।

बादल सरोज की रिपोर्ट। 

We are a non-profit organization, please Support us to keep our journalism pressure free. With your financial support, we can work more effectively and independently.
₹20
₹200
₹2400
द हरिश्चंद्र स्टाफ
नमस्कार, हम एक गैर-लाभकारी संस्था है। और इस संस्था को चलाने के लिए आपकी शुभकामना और सहयोग की अपेक्षा रखते है। हमारी पाठकों से बस इतनी गुजारिश है कि हमें पढ़ें, शेयर करें, इसके अलावा इसे और बेहतर करने के लिए, सुझाव दें। धन्यवाद।