बिहार के दरभंगा रेलवे स्टेशन पर 17 जून 2021 को दोपहर 3:25 बजे एक पार्सल में रखा बम फटने से विस्फोट हुआ था। अब जो जानकारी निकल कर सामने आ रही है उसके अनुसार आतंकियों की मंशा बम ब्लास्ट किसी और समय करने की थी, ताकि बड़ी तबाही मचाई जा सके | आतंकियों के निशाने पर सिकंदराबाद से दरभंगा के बीच चलने वाली 07007 डाउन स्पेशल ट्रेन थी, जिससे सैकड़ों की संख्या में यात्री आवागमन करते हैं |
आतंकि अगर अपने मंसूबों में कामयाब होते तो इस ट्रेन में एक भी व्यक्ति ज़िंदा न बच पाता | ‘दैनिक भास्कर’ की खबर के अनुसार, धमाके के लिए रखे नाइट्रिक और सल्फ्यूरिक एसिड में आतंकियों के द्वारा निर्धारित समय पर रिएक्शन नहीं हुआ, जिससे ट्रेन में सफर कर रहे यात्रियों की जान बाल बाल बच गई | पार्सल में रखे बम में ब्लास्ट तब हुआ, जब ट्रेन दरभंगा स्टेशन पहुँच चुकी थी | इस ब्लास्ट में जानमाल की क्षति नहीं हुई, लेकिन बम अंतांकियो द्वारा निर्धारित समय पर फटता तो ट्रेन में बड़ी तबाही मच सकती थी |
जिस वक़्त ब्लास्ट हुआ पार्सल को ट्रेन से उतारा जा चुका था और सभी यात्री भी ट्रेन से बाहर आ गए थे | आतंकियों की साजिश थी कि 15-16 जून की मध्य रात्रि में विस्फोट किया जाए | इसके लिए जगह के रूप में सिकंदराबाद स्टेशन से 132 KM दूर काजीपेट जंक्शन को चुना गया था | उनकी मंशा थी कि इस समय अधिकतर यात्री गहरी नींद में होते हैं, इसीलिए उनके बचने का कोई उम्मीद ही न हो | ये ट्रेन 15 जून की रात 10:40 बजे सिकंदराबाद से चली थी |
इसका पहला स्टॉपेज 132 किलोमीटर दूर काजीपेट जंक्शन था | ट्रेन 12:38 में सामान्यतः वहाँ पहुँचती है | वहीं से निकलने के बाद ब्लास्ट हो, ऐसी प्लानिंग पर आतंकि काम कर रहे थे | एनआईए की टीम ने हैदराबाद से सगे भाई इमरान मलिक और नासिर मलिक को गिरफ्तार किया है, जिनसे पूछताछ में ये खुलासा हुआ | उत्तर प्रदेश के शामली स्थित कैरान से पकड़े गए मोहम्मद सलीम और टेलर कफील ने भी कई राज़ उगले हैं।
पहले भी खबर में आ चुका है कि जिस पार्सल में ब्लास्ट हुआ, वो बम लिक्विड के रूप में एक शीशी के बोतल में रखा हुआ था | दोनों केमिकल के बीच एक कागज़ की मोटी परत दी गई थी | यही कागज़ समय पर नहीं जला, जिससे ब्लास्ट देर से हुआ। हिरासत में लिए गए आतंकियों से पूछताछ जारी है, ऐसे में कई और खुलासे सामने आ सकते हैं | आतंकी अगर अपने प्लानिंग में सफल रहते और वो कागज का टुकड़ा ना होता तो सिकंदराबाद दरभंगा एक्सप्रेस बन जाती “द बर्निंग ट्रेन”.. ट्रेन मे प्रस्थान के 1:54 घंटे बाद विस्फोट होता जो मंजर बेहद खौफनाक होता |
बताते चलें कि इस केस में संदिग्ध कफील को एनआईए(NIA) ने 6 दिन के रिमांड पर लिया था | इसके बाद उससे पूछताछ की और शाम को पटना एयरपोर्ट से इंडिगो की विमान संख्या 6E2193 से अपने साथ दिल्ली ले गई | इस दौरान एनआईए की टीम ने भारी सुरक्षा के इंतजाम किए और विमान की आखिरी सीट पर उसे जगह दी गई |
इस केस से संबंधित पूछताछ के लिए एनआईए की टीम सलीम अहमद और मो. कफील को शनिवार को दिल्ली से पटना लेकर आई थी | इस केस में एनआईए ने मोहम्मद सलीम अहमद उर्फ हाजी सलीम और काफिल उर्फ कफील को उत्तर प्रदेश के कैराना से गिरफ्तार किया था |
दोनों को शनिवार सुबह अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश गुरविंदर सिंह मल्होत्रा की विशेष एनआईए(NIA) अदालत में पेश किया गया | एनआईए ने कफील की 10 दिनों की हिरासत मांगी लेकिन अदालत ने केवल छह दिनों की अनुमति दी |
केस के दूसरे आरोपी सलीम ने अदालत को बताया कि वह प्रोस्टेट समस्याओं से पीड़ित है | अदालत ने जेल अधिकारियों को परिसर में उसका उचित इलाज सुनिश्चित करने का निर्देश दिया | इसके लिए उसको परीक्षण के लिए पटना में इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान भेजा गया ||
Disclaimer: This post was created with our nice and easy submission form; The views expressed in this article are based on the authors experience, research and thoughts. It is not necessary that The Harishchandra agrees with it. Only the author is responsible for all claims or objections related to this article. Create your post!