वैश्विक समस्याओं के समाधान में बुद्ध के मूल्यों और सिद्धांतों का इस्तेमाल करके दुनिया को एक बेहतर स्थान बनाने में मदद मिलेगी – राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद
आज हम गुरु पूर्णिमा मनाते हैं, आज ही के दिन भगवान बुद्ध ने बुद्धत्व की प्राप्ति के बाद अपना पहला ज्ञान संसार को दिया था । हमारे यहां कहा गया है कि जहां ज्ञान है, वहीं पूर्णता है – पीएम मोदी
हमारे यहां कहा गया है- जहां ज्ञान है, वही पूर्णत: है, वही पूर्णिमा है, जब पदेश करने वाले स्वयं बुद्ध हो तो स्वाभाविक है कि ज्ञान संसार के कल्याण का पर्याय बन जाता है – पीएम मोदी
नई दिल्ली : गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं । आज पीएम मोदी ने आषाढ़ पूर्णिमा-धम्मचक्र दिवस कार्यक्रम में संबोधित भी किया । पीएम मोदी ने कहा, ‘आप सभी को धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस और आषाढ़ पूर्णिमा की बहुत-बहुत शुभकामनाएं । आज हम गुरु-पूर्णिमा भी मनाते हैं और आज के ही दिन भगवान बुद्ध ने बुद्धत्व की प्राप्ति के बाद अपना पहला ज्ञान संसार को दिया था ।’
गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर देशवासियों को हार्दिक बधाई।
— Narendra Modi (@narendramodi) July 24, 2021
पीएम मोदी ने कहा, ‘आज कोरोना महामारी के रूप में मानवता के सामने वैसा ही संकट है जब भगवान बुद्ध हमारे लिए और भी प्रासंगिक हो जाते हैं । बुद्ध के मार्ग पर चलकर ही बड़ी से बड़ी चुनौती का सामना हम कैसे कर सकते हैं, भारत ने ये करके दिखाया है । बुद्ध के सम्यक विचार को लेकर आज दुनिया के देश भी एक दूसरे का हाथ थाम रहे हैं, एक दूसरे की ताकत बन रहे हैं ।’
पीएम मोदी ने कहा, ‘सारनाथ में भगवान बुद्ध ने पूरे जीवन का, पूरे ज्ञान का सूत्र हमें बताया था । उन्होंने दुःख के बारे में बताया, दुःख के कारण के बारे में बताया, ये आश्वासन दिया कि दुःखों से जीता जा सकता है और इस जीत का रास्ता भी बताया ।’
Speaking at the Ashadha Purnima-Dhamma Chakra Day programme. https://t.co/hVtPxqiWlK
— Narendra Modi (@narendramodi) July 24, 2021
बता दें, गुरु पूर्णिमा आषाढ़ मास की पूर्णिमा को कहा जाता है ।इस दिन गोवर्धन पर्वत की लाखों श्रद्धालु परिक्रमा देते हैं । बंगाली साधु सिर मुंडाकर परिक्रमा करते हैं । ब्रज में इसे ‘मुड़िया पूनों’ कहा जाता है । इस दिन गुरु की पूजा की जाती है । पूरे भारत में यह पर्व बड़ी श्रद्धा के साथ मनाया जाता है । वैसे तो ‘व्यास’ नाम के कई विद्वान् हुए हैं, परंतु व्यास ऋषि जो चारों वेदों के प्रथम व्याख्याता थे, आज के दिन उनकी पूजा की जाती है ।
वैश्विक समस्याओं के समाधान में बुद्ध के मूल्यों और सिद्धांतों का इस्तेमाल करके दुनिया को एक बेहतर स्थान बनाने में मदद मिलेगी: आषाढ़ पूर्णिमा-धम्म चक्र दिवस कार्यक्रम में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद pic.twitter.com/NLuBwycbgE
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 24, 2021
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