
नई दिल्ली : 26 जुलाई को भारत हर साल करगिल विजय दिवस मनाता है । 1999 में इसी दिन पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय सेना ने जीत का परचंम लहराया था । भारत की इस जीत आज पूरे 22 साल हो गए हैं । आज इस मौके पर आम से लेकर खास तक सभी ने युद्ध में अमर हुए शहीदों को श्रद्धांजिल दी है । 1999 के कारगिल युद्ध के हीरो कैप्टन विक्रम बत्रा के उस जज्बे और साहस को आज भी लोग याद कर सलाम करते हैं ।
कारगिल वॉर के हीरो कैप्टन विक्रम बत्रा का जन्म 9 सितंबर 1974 को हिमाचल के पालमपुर में हुआ था । आज हम आपके साथ उनकी अनसुनी लव स्टोरी शेयर कर रहे हैं..-
कारगिल विजय के हीरो कैप्टन विक्रम बत्रा की जांबाजी के किस्से तो आपने खूब सुने होंगे । हम सभी देश के लिए अपनी जान न्यौछावर करने वाले उस हीरो की जिंदगी से जुड़े तमाम पहलुओं को जानना चाहते हैं । हम कैप्टन बत्रा की जिंदगी के उन खूबसूरत लम्हों से अबतक अनजान हैं, जिनके सहारे उनकी हमसफर अपना जीवन बिता रही है । कारगिल युद्ध में शहीद हुए कैप्टन बत्रा की लव स्टोरी भी उतनी ही खूबसूरत है जितना की उनकी बहादुरी के किस्से ।
“या तो मैं तिरंगे को लहराकर आऊंगा, या फिर तिरंगे से लिपटकर”–कैप्टन विक्रम बत्रा
अपने साहस,शूरता और पराक्रम का परिचय देनेवाले वीर जवानोंको नमन और अमर शहीदों को विनम्र श्रद्धांजली ||#कारगिल_विजय_दिवस#KargilHeroes #KargilVijayDiwasKFR pic.twitter.com/vZheT1Czdi— Kanchan Jha (@KanchanJhaRJD) July 26, 2021
कैप्टन विक्रम बत्रा की जयंती के मौके पर वर्ष 2016 में एक पत्रिका को दिए इंटरव्यू में डिंपल चीमा ने 17 साल पुरानी उन खूबसूरत यादें जिनके सहारे वह जिंदगी बिता रहीं हैं को साझा करते हुए कहा था –

मैं साल 1995 में चंडीगढ़ की पंजाब यूनिवर्सिटी में पहली बार विक्रम से मिली थी । हम दोनों ने एमए इंग्लिश में एडमिशन लिया था. लेकिन न मैं पास हुई और न ही वो । मुझे लगता है कि वही हमारा नसीब था जो हमें करीब लाया । इंडियन मिलिट्री एकेडमी में सिलेक्शन होने के बाद विक्रम ने जब मुझे फोन किया था, उस आवाज की खनक मुझे अभी भी हूबहू याद है । उस खबर ने हमारे रिलेशन को मजबूत कर दिया था ।
मेरे परिवारवाले जब मेरे लिए कोई रिश्ता लेकर आते और मैं उस बारे में विक्रम को बताती तो वो कहता, ‘जिसे प्यार करती हो, उसे हासिल करने की कोशिश करो…वरना लोग तुम्हें उससे प्यार करने को कहेंगे, जो तुम्हें मिलेगा’ उसकी इस बात को मैं आज भी फॉलो करती हूं ।
हम अक्सर मंसा देवी मंदिर और गुरुद्वारा श्री नाडा साहिब जाते थे । एक बार हम मंदिर में परिक्रमा कर रहे थे और वह मेरे पीछे चल रहा था ।
जैसे ही परिक्रमा पूरी हुई । उसने अचानक कहा- मुबारक हो मिसेज बत्रा. मैंने देखा उसने एक हाथ से मेरा दुपट्टा पकड़ रखा था…और मेरे पास अपनी खुशी बयां करने के लिए शब्द नहीं रह गए थे. रिश्ते को निभाने के लिए ये विक्रम का समर्पण था ।
वह हमेशा आगे बढ़ते रहने वाला शख्स था, कभी न थकने वाला. वह हमेशा कुछ न कुछ करता रहता था, वह कभी दो पल के लिए भी शांत नहीं बैठता नहीं था । एक बार हम एक रेस्तरां में अपने ऑर्डर का इंतजार कर रहे थे । इतने में वह टेबल बजाने लगा । जब मैंने रोका तो अपने पैर हिलाने लगा । आखिर मैं जब मैंने उसे आंखें दिखाई तो वो पानी पीने लगा । उसे देखकर कारगिल वॉर में जाने की बेकरारी साफ देखी जा सकती थी । मैं जब भी सोचती हूं तो मुझे महसूस होता है कि वो कारगिल में जाने के लिए उन दिनों कितना उत्सुक होगा ।
एक बार जब वह आया तो मैंने उसे शादी के लिए बोला, उस वक्त शायद मैं डरी हुई थी । उसने बिना कुछ कहे अपनी जेब से ब्लेड निकाला और अपना अंगूठा काटकर अपने खून से मेरी मांग भर दी । मेरी जिंदगी में मुझे सबसे ज्यादा खुशी उसी दिन हुई । उस दिन के बाद से मैं उसे ‘पूरा फिल्मी’ बोलकर छेड़ने लगी थी ।
4 साल के रिलेशन में बनाई उन यादों को चंद लफ्जों में बयां करना तो नामुमकिन है । 17 साल में एक दिन ऐसा नहीं गुजरा, जब मैंने खुद को तुमसे अलग पाया हो । मुझे हमेशा लगता है, किसी पोस्टिंग पर तुम मुझसे दूर गए हो । मुझे गर्व होता है, जब लोग तुम्हारी उपलब्धियों पर बात करते हैं । लेकिन दिल के किसी कोने में एक अफसोस जरूर है । कि काश तुम यहीं होते और अपनी बहादुरी की कहानियां सुन रहे होते…तो अच्छा होता. मुझे भरोसा है कि वो वक्त आएगा, जब हम फिर मिलेंगे. एक होंगे.
कारगिल युद्ध में हुए विक्रम बत्रा शहीद –
डिंपल संग इस मुलाकात के बाद विक्रम बत्रा अपनी ड्यूटी पर लौट गए। 7 जुलाई 1999 को कैप्टन विक्रम बत्रा अपनी डेल्टा कंपनी के साथ प्वाइंट 5140 पर कब्जा करने के लिए आगे बढ़ रहे थे। वो अपनी कंपनी के साथ पहले ही 4750 और 4875 पर कब्जा कर चुके थे। जैसे ही वो 5140 के पास पहुंचे तभी गोलीबारी शुरु हो गई और विक्रम बत्रा शहीद हो गए।
डिंपल चीमा ने आज तक नहीं की शादी –
कैप्टन विक्रम बत्रा की शहादत की खबर से उनकी प्रेमिका डिंपल चीमा टूट गई थीं, लेकिन उन्होंने बड़ी ही बहादुरी और हिम्मत से खुद संभाला । आज भी डिंपल चीमा मेजर विक्रम बत्रा की यादों में जी रही हैं। उन्होंने आज तक शादी नहीं कही । डिंपल ने इंटरव्यू में कहा था कि “वो लौटा नहीं। जीवनभर का दर्द और अपनी यादें मुझे दे गया ।”
कैप्टन विक्रम बात्रा पर बनी बायोपिक ‘शेरशाह’ –
आपको बता दें कारगिल युद्ध के हीरो विक्रम बत्रा पर बायोपिक ‘शेरशाह’ बनने जा रही है । जिसका फर्स्ट लुक आउट हो चुका है। इस फिल्म में विक्रम बात्रा की भूमिका एक्टर सिद्धार्थ मल्होत्रा निभाते हुए नज़र आएंगे । साथ ही डिंपर चीमा के किरदार में एक्ट्रेस कियारा अडवाणी नज़र आएंगी । पोस्टर में सिद्धार्थ और कियारा साथ में हाथ थामे बैठे नज़र आ रहे हैं । सिद्धार्थ कियारा को बड़े ही प्यार से निहारते हुए दिखाई दे रहे हैं । फिल्म शेरशाह 12 अगस्त को अमेजन प्राइम पर रिलीज़ होगी ।
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