
मुंबई : पिछले कुछ दिनों से मानसून सक्रीय होने के बाद देश के विभिन्न हिस्सों में बारिश ने काफी जोर पकड़ लिया है । कई राज्यों में बारिश का कहर उधम मचा रहा है । बाकि राज्यों से ज्यादा महाराष्ट्र में बारिश तूफान के जैसी कहर ढा रही है । नागपुर से लेकर रत्नागीरी तक लगभग राज्य के सभी जगहों पर बाढ़ की स्थिति निर्माण हुई है । राज्य में पिछले कुछ दिनों से मूसलाधार बारिश हो रही है । इससे कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं । मूसलाधार बारिश से कई गांव कट गए हैं और मरने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है । लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से कई जिलों में पानी भर गया है । इससे बसें, ट्रेन, विमान समेत कई चीजें प्रभावित हुई हैं । राजधानी मुंबई में हमेशा की तरह इस साल भी पुरे इलाके में पानी का भराव देखने मिल रहा है । कोकण में रायगड, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग जैसे जिलो में चट्टानें खिसकने की घटनाए सामने आई है । कोल्हापुर, सतारा, नाशिक जैसे इलाकों में नदियों में उफान देखने मिल रहा है । नागपुर, अकोला में बाढ़ की वजह से जनजीवन अस्ताव्यस्त हो गया है । कुल मिलाकर महाराष्ट्र में कोरोना के बाद बाढ़ की वजह से राज्य वापस एकबार संकट में आ गया है ।
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भारी बारिश के बाद भारी तबाही का मंजर देखा जा रहा है । रायगढ़ जिले के महाड गांव में लैंडस्लाइड के कारण कम से कम 36 लोगों की मौत हो गई है। रेस्क्यू आपरेशन जारी है । माना जा रहा है कि मृतकों का आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है । अभी भी कई लोगों के फंसे होने की आशंका है । रत्नागिरी, रायगढ़, मुंबई, गोवा, तेलंगाना सहित कई जगह बाढ़ इस समय भारी तबाही ला रही है ।
महाड में भूस्खलन स्थल से 36 शव बरामद किए गए हैं । स्थानीय लोगों का कहना है कि और लोगों के फंसे होने की आशंका है । अधिकारी ने बताया कि एनडीआरएफ की एक टीम मुंबई से करीब 160 किलोमीटर दूर महाड पहुंच गई है और दूसरा दल वहां जल्द पहुंचेगा । मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे हालात की समीक्षा कर रहे हैं ।
रायगढ़ जिला संरक्षक मंत्री अदिति तटकरे भी घटनास्थल पर पहुंच चुकी हैं । उन्होंने बताया कि महाड के पास तलाई गांव में भूस्खलन के बाद बचाव दल की एक टीम ने मलबे से 36 शव निकाले हैं । गुरुवार की देर रात पहाड़ी के हिस्से के खिसकने से कुछ घर भूस्खलन की चपेट में आ गए ।
भारी बारिश की वजह से कोल्हापुर, रायगढ़, रत्नागिरी, पालघर, ठाणे और नागपुर के कुछ हिस्सों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है। भारी बारिश के बाद शुक्रवार को हुए हादसों में अब तक 57 लोगों की मौत हो चुकी है।
रत्नागिरी जिले के चिपलून में अपरांत हॉस्पिटल में बाढ़ का पानी घुसने से यहां की पावर सप्लाई ठप हो गई। इससे 8 मरीजों की मौत हो गई। यह एक कोविड हॉस्पिटल है और मरने वाले सभी लोग ऑक्सीजन सपोर्ट पर थे । बाढ़ की आशंका के बीच आर्मी की एक टीम रत्नागिरी पहुंची है ।
उधर, रायगढ़ के तलई गांव में पहाड़ का मलबा रिहायशी इलाके पर गिर पड़ा। इसके नीचे 35 घर दब गए । इस हादसे में 36 लोगों की मौत हो गई है, 70 से ज्यादा लोग लापता हैं । 32 के शव बाहर निकाले गए हैं । सतारा के अंबेघर गांव में भी लैंड स्लाइडिंग हुई है। यहां 8 लोगों की जान गई है । मलबे के नीचे करीब 20 लोग दबे हुए हैं ।
शुक्रवार को ही मुंबई से सटे गोवंडी में एक इमारत के गिरने से 4 लोगों की मौत हो गई है । सभी मृतक एक ही परिवार से हैं। हादसे में 6 जख्मी हुए हैं । घायलों को मुंबई के राजवाड़ी और सायन हॉस्पिटल में एडमिट करवाया गया है ।
बरसाती नदियों का पानी शहरों, कस्बों और गांवों में घुस गया है । मौसम विभाग ने अगले तीन दिन के लिए कोंकण, मुंबई और इसके आसपास के जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है । ठाणे और पालघर में भारी बारिश के कारण निचले इलाके 24 घंटे से पानी में डूबे हैं । कोंकण डिवीजन में अभी तक बारिश से जुड़ी घटनाओं में 8 लोगों की मौत हो चुकी है। करीब 700 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जा चुका है ।
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खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं कई बरसाती नदियां-
रत्नागिरी जिले में जगबुडी नदी खतरे के निशान से 2 मीटर और वशिष्ठ नदी खतरे के निशान से करीब एक मीटर ऊपर बह रही है । कजली, कोडावली, शास्त्री और बावंडी नदियाें ने भी खतरे के निशान को पार कर लिया है । कुंडलिका, अंबा, सावित्री, पातालगंगा, गढ़ी और उल्हास नदियां भी चेतावनी के स्तर पर बह रही हैं ।
कोंकण रेल सेवा पर असर पड़ा –
बारिश की वजह से कोंकण रेल रूट पर कई जगह लैंडस्लाइड हुई है। रत्नागिरी जिले में बारिश के कारण रेल सर्विस बंद हो गई थी । इससे अलग-अलग जगहों पर करीब 6 हजार यात्री फंसे हुए हैं । इन्हें निकालने के लिए NDRF की टीमों को लगाया गया है ।
पिछले 2 दिनों में भारी बारिश के कारण महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के कई हिस्से बाढ़ से प्रभावित हैं। महाराष्ट्र में हमारी 18 टीम राहत एवं बचाव अभियान में लगी हैं। उड़ीसा से 8 अतिरिक्त टीमों को एयरलिफ्ट करके महाराष्ट्र भेजा जा रहा है: मोहसिन शाहिदी NDRF के DIG pic.twitter.com/zeuMMk1Xzv
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 23, 2021
इन इलाकों में सबसे अधिक बारिश-
पिछले 24 घंटों के दौरान महाराष्ट्र के चिपलून, कोल्हापुर, सतारा, अकोला, यवतमाल, हिंगोली जिलों में भारी बारिश हुई है । चिखली इलाके में भारी बारिश की वजह से लोगों के घरों में पानी भर गया है। यहां भी NDRF की टीमें रेस्क्यू में जुटी हैं । रस्सियों और नावों के जरिए लोगों को घरों से सुरक्षित बाहर निकाला जा रहा है । ठाणे, पालघर में आज भी भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है ।
भीमाशंकर का आधा हिस्सा पानी में डूबा –
भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग का आधा हिस्सा पानी में डूब गया है ।
12 ज्योतिर्लिंगों में से एक भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग के गर्भगृह में और बाहर बाढ़ जैसे हालात हैं । मंदिर के पुजारियों ने शुक्रवार को पानी में आधा डूब कर भोलेनाथ की आरती की । यह ज्योतिर्लिंग पुणे जिले के खेड़ में स्थित है ।
चिपलून में जलसैलाब –
चिपलून कस्बा पूरी तरह से जलमग्न है । नगर निगम, तट रक्षक और राजस्व के बचाव दल निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को बाहर निकालने के लिए नावों का इस्तेमाल कर रहे हैं । लांजा, राजापुर, संगमेश्वर कस्बे और आस-पास के इलाके भी बारिश से प्रभावित हुए हैं ।
कोकण पानी में, कोल्हापुर के खतरे की घंटी –
कोंकण और पश्चिमी महाराष्ट्र में बारिश का कहर जारी है। मुंबई में कई जगहों पर इमारतें ढह गई हैं । कई जगह भूस्खलन हो चुका है । कहीं-कहीं सड़कें बह गई हैं। कई दर्द के बावजूद मर चुके हैं । पंचगंगा नदी आधी रात से खतरे के निशान से ऊपर बह रही है । कई राजमार्ग और अन्य मार्ग बंद हैं । राष्ट्रीय आपदा मोचन बल ने कारवीर और शिरोल तालुका में दो दल तैनात किए हैं । करीब एक हजार परिवारों के सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है । सांगली में कृष्णा नदी खतरे के निशान के पास पहुंच गई है। यहां पर 150 से अधिक परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है। पुणे में खड़गवासला बांध से भी पानी छोड़ा जा रहा है।बारिश की तबाही पुरे महाराष्ट्र में दिखाई दे रही है । इस दौरान राज्य में NDRF की टीम तैनात कर दी गयी है ।।
मूसलाधार बारिश के कारण रायगढ़, रत्नागिरी, पालघर, ठाणे, सिंधुदुर्ग, कोल्हापुर, सतारा और सांगली जिलों में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है । सांगली, कोल्हापुर क्षेत्र को सतर्क रहने की सलाह दी गयी है क्योंकि कोयना डैम से पानी का डिस्चार्ज शुरू हो गया है । बारिश अभी पूरी तरह से बंद नहीं हुई है । राहत कार्यों में नौसेना भी शीघ्र ही शामिल हो जाएगी ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से बात की और स्थिति पर विचार-विमर्श किया । उन्होंने बाढ़ से निपटने में केंद्र से हरसंभव मदद का भरोसा दिया ।
राज्य सरकार की सतर्कता
राज्य के कोंकण और पश्चिमी महाराष्ट्र के कुछ जिलों में बारिश ने गंभीर स्थिति पैदा कर दी है। रायगढ़ और सतारा में बारिश से जुड़े हादसों में अब तक 40 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। इस पृष्ठभूमि में, जब नागरिकों को भारी बारिश का सामना करना पड़ रहा है, उस स्थिति से निपटने के लिए सरकारी और प्रशासनिक स्तर पर वास्तव में क्या किया जा रहा है? इस संबंध में राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने जानकारी दी है । उन्होंने नोडल अधिकारी की नियुक्ति से लेकर अभिभावक मंत्री को दिए गए आदेशों तक की जानकारी दी । सभी प्रशासनिक अधिकारी और मंत्रियों को जिला मुख्यालय में रहने के आदेश दिए गए है ।प्रधानमंत्री ने भी राज्य की हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया है ।
आने वाले 10 दिनों तक राज्य में बारिश और आंधी तूफान का अनुमान जताया जा रहा है । 6 अगस्त तक राज्य के ज्यादातर हिस्सों में गरज के साथ बारिश का अनुमान मौसम विभाग ने जाताया है ।
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