राजधानी में लापरवाही का संक्रमण, प्रदेश में पुनः बढ़ने लगे मरीज

जयपुर। प्रदेश में एक बार फिर से कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या में इजाफा होता दिखाई दे रहा है। अकेले जयपुर में 44 पॉजिटिव केस आज पाये गये। इससे पहले फरवरी माह तक 20-22 पॉजिटिव ही आ रहे थे। अब मार्च में प्रतिदिन औसत 30 केसेज मिल रहे हैं।

इसका कारण है कि अब जनता ही सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन की पालना नहीं कर रही है। भीड़ भरे बाजारों में जनता न तो मास्क लगा रही हैं और न ही सोशल डिस्टेसिंग की पालना कर रही है। त्योहारों के चलते भी संक्रमण बढ़ रहा है। 11 मार्च को शिवरात्रि पर्व पर भी मंदिरों में शिव भक्तों ने भीड़ जुटा कर गाइडलाइन की जमकर धज्जियां उड़ाई। एक कारण यह भी है कि अब वैक्सीन आ गई है तो टीका लगवा लेंगे, इसी सोच के चलते लोग बेपरवाह होते दिखाई दे रहे हैं। जबकि हकीकत यह है कि प्रथम डोज व द्वितीय डोज लगवाने के बाद संक्रमित हो रहे हैं। अभी हाल ही में एमएनआईटी के 3 स्टूडेंट पॉजिटिव आये हैं। यहां हॉस्टल में करीब 800 छात्र हैं। यह तो एक संस्थान की बात है, राजधानी में सभी सरकारी-निजी स्कूलों, कॉलेज में छात्र-छात्राओं का तो इस ओर ध्यान ही नहीं जाता। एसे में यह भी सुरक्षित नहीं है।

शहर में चलने वाली प्राइवेट मिनी सिटी बसों सहित जे.सी.टी.एल. की बसों में भी पब्लिक बिना किसी डिस्टेसिंग के यात्रा कर रही है। इन बसों में सुबह-शाम यह हालात होते हैं कि पैर रखने की भी जगह नहीं होती, फिर भी बस चालक-कंडेक्टर दो पैसे कमाने के लिए सवारियों को ठूंस-ठूंस कर भर देते हैं। इसमें जनता की भी नासमझी है, जो स्वयं ही अपने जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। इतनी खचाखच भरी बसों को रोकने के लिए ट्रेफिक पुलिस भी किसी प्रकार का कदम नहीं उठा रही है, ना ही इनका चालान काटा जा रहा है। पुलिस व परिवहन अधिकारियों की इस अनदेखी से सरकारी नियमों की धज्जियां उड़ रही है तथा संक्रमण के तेजी से फैलने की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता।

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अविनाश कुमावत
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