नई दिल्ली : कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसानों का आंदोलन एक बार फिर चर्चा में है। किसान संगठनों ने ऐलान किया है कि 22 जुलाई को संसद तक मार्च किया जाएगा । इसको लेकर बुधवार को भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि तमाम धरनास्थलों से गुरुवार को किसान सिंघु बॉर्डर पर इकट्ठा होंगे । बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर 22 जुलाई को संसद मार्च को लेकर किसानों ने रणनीति बनाई है ।
कल किसानों की संसद लगेगी, किसानों के मुद्दों पर चर्चा होगी। शाम 5 बजे तक संसद चलेगी। परसो फिर 200 लोग जाएंगे। जाने दिया तो संसद लगाएंगे, गिरफ़्तार किया तो ज़ेल जाएंगे: किसान नेता दर्शन पाल सिंह, कृषि क़ानूनों के खिलाफ किसान नेताओं द्वारा 22 जुलाई को संसद कूच के ऐलान पर pic.twitter.com/BEf5QUT6vR
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 21, 2021
खबरों के मुताबिक, राकेश टिकैत का कहना है कि सिंघु बॉर्डर से कुल 200 किसान चार-पांच बसों में भरकर जंतर-मंतर रवाना होंगे । फिर वह 200 किसान संसद का मानसून सत्र खत्म होने तक वहीं प्रदर्शन करेंगे। वहीं दूसरी ओर दिल्ली पुलिस की ओर से बयान आया है कि वह किसानों को एस्कॉर्ट कर जंतर-मंतर तक ले जाएगी ।
कल से रोज़ 200 किसान संसद तक मार्च निकालेंगे, हमारे मार्च से आम जनता को नहीं सिर्फ सरकार को दिक्कत हो रही है – @RakeshTikaitBKU #FarmersProtest#FarmersProtest_AtParliament pic.twitter.com/pv94FGvvuY
— केशव झा (@KeshavJhaPress) July 21, 2021
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक का कहना था कि सिंघु बॉर्डर से 200 की संख्या में किसान 5 बसों में सवार होकर संसद की तरफ आगे बढ़ेंगे । हालांकि अभी किसानों की इतनी संख्या को लेकर दिल्ली पुलिस के द्वारा कोई अनुमति नहीं मिली है । जिसको लेकर दिल्ली में पुलिस के आला अधिकारी के साथ बैठक चल रहे हैं ।
इसी बीच मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक का कहना है कि यूपी गेट से 22 जुलाई से लेकर 9 अगस्त तक करीब सवा सौ किसानों (रोजाना 5 किसानों की संख्या)की सूची संयुक्त किसान मोर्चा को सौंप दी गई है । आज शाम तक 200 किसानों के नाम स्पष्ट किए जाएंगे। इस बीच उन्होंने कहा कि यदि 200 किसानों को संसद की तरह आगे बढ़ते हुए पुलिस द्वारा रोका जाता है तो सभी किसान एक साथ अपनी गिरफ्तारी देंगे । लेकिन 200 से कम संख्या को लेकर भारतीय किसान यूनियन किसी समझौते के मूड में नहीं है ।
किसान संसद’ से पहले पुलिस छावनी में तब्दील हुआ जंतर-मंतर, कल सिंघु बॉर्डर से कूच करेंगे 200 किसान, राकेश टिकैत ने बताई रणनीति –
दिल्ली पुलिस के स्पेशल कमिश्नर क्राइम सतीश गोलचा और ज्वाइंट कमिश्नर जसपाल सिंह ने किसान आंदोलन के प्रदर्शन के चलते जंतर-मंतर का दौरा किया । दिल्ली पुलिस का कहना है कि लिखित रूप से किसानों को संसद के पास जमा होने का आदेश नहीं है ।#Farmer #Delhi pic.twitter.com/2fnuV7fyHK
— केशव झा (@KeshavJhaPress) July 21, 2021
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने, संसद भवन के पास जमा होने की अनुमति नहीं दी गई थी । इसके बजाए पुलिस ने उन्हें कोरोना गाइडलाइन को देखते हुए अपने विरोध प्रदर्शन की योजना पर फिर से विचार करने को कहा था । इस पर किसानों ने पुलिस को भरोसा दिलाया है कि मानसून सत्र के अंत तक हर दिन करीब 200 किसान, कृषि कानूनों के विरोध में 11 बजे से 5 बजे के बीच जंतर-मंतर पहुंच कर प्रदर्शन किया करेंगे ।
पुराने हादसे से घबराई दिल्ली पुलिस ने किसान मार्च से पहले ही की तगड़ी सुरक्षा–
पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि गणतंत्र दिवस को हुए हंगामे से सबक लेते हुए इस बार बहुत तगड़ी व्यवस्था की है. दिल्ली की ओर जाने वाले सभी रास्तों पर चौबीसों घंटों कड़ी निगरानी की जा रही है । मुख्य राजमार्ग के साथ अन्य रास्तों पर बैरीकेटिंग की गई है । हमने पर्याप्त मात्रा में जवानों की तैनाती की है. इसके अलावा ड्रोन को भी तैनात कर दिया गया है ताकि दूर तक की निगरानी हो सके ।
Delhi: Special CP (Crime) Satish Golcha & Joint CP Jaspal Singh visit Jantar Mantar where farmers are scheduled to hold a protest against three farm laws tomorrow
Delhi Police says it has not given written permission to the farmers so far, to gather near the Parliament pic.twitter.com/y92vdLqyop
— ANI (@ANI) July 21, 2021
जानकारी में बताया गया है कि सिंघू सीमा पर अर्धसैनिक बलों के 3,000 जवानों के साथ दिल्ली पुलिस के करीब 2500 अधिकारी तैनात रहेंगे. इसके अलावा वाटर कैनन, आंसू गैस और दंगा विरोध दस्ता आदि की तैनाती कर दी गई है । ये सभी दिल्ली में जबरदस्ती पार करने वालों और असामाजिक तत्वों को नियंत्रित करेंगे । पिछले साल गणतंत्र दिवस पर हुए हंगामें से सबक लेते हुए इस बार सुरक्षा तगड़ी रखी गई है ।
Disclaimer: This post was created with our nice and easy submission form; The views expressed in this article are based on the authors experience, research and thoughts. It is not necessary that The Harishchandra agrees with it. Only the author is responsible for all claims or objections related to this article. Create your post!