जयपुर। प्रदेश की सत्तासीन कांग्रेस सरकार के जादूगर कहे जाने वाले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सियासत में एक तीर से दो निशाने साधने के उद्देश्य से किसान सम्मेलनों के नाम पर निशाने को साध कर निकट ही होने वाले चार उपचुनावों व आगामी विधानसभा 2023 की पृष्ठभूमि मजबूत करने के लिए शनिवार को श्रीडूंगरगढ़ के धनेरु और चित्तौड़गढ़ के मातृकुंडिया में आयोजित सम्मेलन सम्मेलन के सेतू बने पार्टी प्रदेश प्रभारी अजय माकन केसाथ पार्टी और प्रदेश के लोगों में व्याप्त असंतोष और फूट के संदेश को दरकिनार कर पार्टी में एकता का मंत्र फूंकने का प्रयास किया जिसमें गहलोत सफल भी रहे क्योंकि मार्च के पहले सप्ताह में कभी भी प्रदेश के चार विधानसभा सीट राजसमंद, सहाड़ा, सुजानगढ़ और वल्लभनगर में उपचुनावों की घोषणा हो सकती है।
किसान सम्मेलनों के नाम पर मुख्यमंत्री गहलोत ने हुंकार भरते हुए कहा कि हम जीते तो सरकार मजबूत होगी, भाजपा की तो सिर्फ संख्या बढ़ेगी, क्योंकि उनके पास 70-72 लोग ही है। लेकिन कांग्रेस को जितायेंगे तो सरकार मजबूत होगी क्योंकि ग्राम सेवक से लेकर कलक्टर तक समझ जायेगी कि सरकार के पीछे जनता खड़ी है। उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा कि राज्य में भाजपा की पांच साल की सरकार नहीं है जबकि कांग्रेस सरकार के अभी तीन साल बाकी है। गुजरे दो साल में से एक साल तो कोविड-19 में निकल गया। उन्होंने बजट घोषणाओं को बयां करते हुए केन्द्र पर निशाना साधते हुए कहा धरना प्रदर्शन और ज्ञापन देना तो लोकतंत्र का गहना है लेकिन केन्द्र सरकार के हठधर्मी रवैये के कारण देश में अराजकता का माहौल है। सरकारों का काम जिद करना नहीं बल्कि जनता को राहत देना है। गहलोत ने गिनाते हुए बताया कि भाजपा की वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल में 21 बार गोलियां चली, 90 लोग मारे गये लेकिन कांग्रेस सरकार में लाठीचार्ज तक नहीं हुआ।
पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने प्रदेश में कांग्रेस की एकजुटता और मजबूतियों का संदेश दोहराते हुए कहा कि सरकार ने बजट में हर वर्ग का ध्यान रखा है। भाजपा चाहकर भी बजट का विरोध नहीं कर पा रही है। भाजपा ने 163 विधायक लेकर सरकार बनाई तब कांग्रेस के 21 थे। भाजपा घमण्ड में थी लेकिन कांग्रेस ने एकजुटता का प्रदर्शन किया। आज भी वे कितनी ही साजिश रच लें हम लोग एक है और उपचुनाव जीतेंगे।
इस मौके पर प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने केन्द्रीय कृषि कानूनों ने देश में जमाखोरी व मुनाफाखोरी की प्रवृत्ति बढ़ने की बात पर बल देकर किसानों को साधने का प्रयास किया जबकि पार्टी में एकता का संदेश देने पर ज्यादा फोकस करते हुए मु.मं. गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री पायलट का कोर्डिनेट कर देने का प्रयास किया जिसमें वह काफी कुछ सफल भी नजर आये। इस मौके पर प्रदेशाध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा भी किसानों को साधने भर तक के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को नोटों वाले मित्रों का बजीर भर तक कहा।
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