लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार, सत्र के दौरान सरकार 24 नए विधेयकों के अलावा चार ऐसे विधेयक भी पेश करेगी, जिस पर संसद की स्थायी समितियों ने विचार किया है। लोकसभा और राज्यसभा सचिवालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, इनमें The Multi State Cooperative Societies (Amendment) Bill 2022, The Ancient Monuments & Archaeological Sites & Remains (Amendment) Bill, Central Universities (Amendment) Bill और Press & Registration of Periodicals Bill 2022 जैसे महत्वपूर्ण बिल शामिल हैं।
The Multi State Cooperative Societies (Amendment) Bill 2022, एक बेहद अहम बिल माना जा रहा है। सहकारिता मंत्रालय की अतिरिक्त कमान संभालने के बाद से ही अमित शाह ने इसपर काम करना शुरू कर दिया था। सूत्रों के मुताबिक, जल्द ही इस बिल को कैबिनेट के पास मंज़ूरी के लिए लाया जाएगा। बिल का मुख्य उद्देश्य एक से अधिक राज्यों में काम कर रहे क़रीब 1500 कोऑपरेटिव संस्थाओं के कामकाज में पारदर्शिता लाना और उन्हें सशक्त बनाने के लिए साधन जुटाने की शक्ति देना है। साथ ही, बिल में इन संस्थाओं के जमाकर्ताओं और खाताधारकों के हितों को भी सुरक्षित करने का प्रावधान किया गया है। इस बिल के ज़रिए सरकार की नज़र महाराष्ट्र, गुजरात और कर्नाटक जैसे राज्यों के बड़े कोऑपरेटिव संस्थाओं को ज़्यादा पारदर्शी और लोकतांत्रिक बनाने पर है। वैसे इस बिल के स्वरूप और संघीए ढांचा का हवाला देकर विपक्षी दल इसपर हंगामा भी कर सकते हैं।
प्रेस और पत्रिका पंजीकरण विधेयक ( Press & Registration of Periodicals Bill 2022 ) भी बेहद अहम है क्योंकि पहली बार इस बिल के ज़रिए डिजिटल मीडिया को भी मीडिया के एक अंग के रूप में शामिल करने का प्रावधान किया गया है। नया बिल 1867 के पुराने क़ानून की जगह नया कानून बनाने के लिए लाया गया है। बिल में डिजिटल मीडिया के भी रजिस्ट्रेशन का प्रावधान किया गया है।
प्रेस और पत्रिका पंजीकरण विधेयक
सरकार 155 साल पुराने ‘प्रेस एवं पुस्तक पंजीकरण कानून’ में बदलाव करने की तैयारी में है। इसकी जगह पर सरकार एक नया विधेयक पेश करने की योजना बना रही है। नए विधेयक में डिजिटल समाचार मीडिया उद्योग भी शामिल किया जाएगा। नए विधेयक में डिजिटल समाचार पोर्टल्स को समाचार पत्रों के बराबर लाने का प्रस्ताव है। मतलब यह कि अब तक जिस तरीके से समाचार पत्रों पर सरकार नज़र रख रही थी, ठीक उसी तरह इस विधेयक के संसद से पास हो जानें और कानूनी जामा पहनाए जाने के बाद न्यूज़ पोर्टल्स पर भी सरकार शिकंजा कस सकती है। अगर यह विधेयक संसद से पास होकर कानूनी रूप ले लेता है तो बकायदे इस कानून के जरिए न्यूज़ पोर्टल्स को प्रेस रजिस्ट्रार जनरल के साथ पंजीकृत करने के लिए निर्देशित किया जाएगा। मौजूदा समय में डिजिटल न्यूज़ प्लेटफॉर्म के लिए ऐसा कोई रजिस्ट्रेशन नहीं किया जाता है।
संसद का यह सत्र है खास
गौरतलब है कि संसद का मानसून सत्र 18 जुलाई से 12 अगस्त तक चलेगा। इसमें 18 बैठकें होंगी। संसद का यह सत्र खास रहने वाला है क्योंकि 18 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव होना है। वहीं, 6 अगस्त को उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होगा।