सुसंस्कृति परिहार : अंतत: टोक्यो ओलम्पिक समाप्त हुआ वह तो होना ही था लेकिन भारत में खेल खेल के चक्कर में बड़ा खेला भी हो गया।वे तो अपनी फोटो के बीच पदक पाने वाले प्रतिभाओं की नन्हीं सी फोटो लगाकर सोच रहे थे इंडिया है ये और इस जीत का सारा श्रेय हमारे (मोदी ) को ही जाता है। उन्होंने जीत का सेहरा अभी बांधा ही था कि उन पर गाज गिर गई। पूरे ओलम्पियाड में एथलीट संवर्ग के तहत भाला फेंकने में स्वर्ण पदक विजेता नीरज चौपड़ा ने खरी खरी कह कर श्रेय लेने वाले की धज्जियां उड़ा दीं उन्होंने ट्विटर पर लिखा- “ये गोल्ड मेडल मेरी और मेरे कोच की वर्षों की मेहनत का नतीजा है मोदी जी इसका श्रेय लेने की कोशिश ना करें।” इससे ज्यादा और क्या हो सकता है।
इस तरह साफ साफ सच बात कहने वाला नीरज हरियाणा पानीपत की धरती के लाल मेहनतकश किसान का बेटा है फौज में है। यह जानकर मोदी भक्तों का पसीना अभी सूख भी नहीं पाया होगा कि उनके कोच की तारीफ सुन सबका हुलिया ही बिगड़ गया। कोच मुस्लिम जो ठहरा। टोल आर्मी उनके चरित्र हनन पर उतर आई। वे उस वीडियो को भी तलाश लाए जिसमें नीरज ने किसान आंदोलन का खुलकर समर्थन किया था। एक तरफ देशवासियों का प्यार इस खिलाड़ी पर उमड़ा पड़ रहा है। उन्हें सम्मानों और पुरस्कारों की झड़ी लगी हुई है तो दूसरी ओर मोदी भक्त और टोल आर्मी की तल्ख़ी बढ़ती जा रही है। सच तो सच है छुप नहीं सकता।
Still processing this feeling. To all of India and beyond, thank you so much for your support and blessings that have helped me reach this stage.
This moment will live with me forever 🙏🏽🇮🇳 pic.twitter.com/BawhZTk9Kk— Neeraj Chopra (@Neeraj_chopra1) August 8, 2021
मोदी जी के मुंह से फेंकने और नीरज के भाला फेंकने पर भी काफी तंज हुए लोग मजे ले रहे हैं। सिलसिला चल ही रहा है लोग लगातार इस विषय पर लिखकर अपना आक्रोश दिखा रहे हैं। बहरहाल छोड़िए, तो ओलम्पिक में सबसे पहले मीरा बाई चानू को मिले भारोत्तोलन में रजत पदक से खेल प्रेमियों की उम्मीदे बढ़ गई थीं। भारतीय दल ने कई खेलों में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर नया इतिहास रचा है. भारत ने इस बार कुल 7 पदक अपने नाम किए हैं। इन 7 पदकों में एक गोल्ड, दो रजत और 4 कांस्य पदक अपने नाम किए हैं। पदक प्राप्त करने वाले नीरज चौपड़ा, मीरा बाई चानू , रवि दाहिया,पी वी संधु, लवलीना,बजरंग पूनिया और भारतीय पुरुष हाकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह हैं। इस ओलम्पिक में संयुक्त राज्य अमेरिका ने सर्वाधिक पदक जीतकर प्रथम, द्वितीय चीन और मेजबान जापान तीसरे स्थान पर रहा।भारत 48वें स्थान पर रहा लेकिन 2012 लंदन ओलम्पिक में मात्र 6 पदक जीतने के बाद एक पदक की वृद्धि मायने रखती है। बार बार यही ख्याल आता है यदि उन्हें तमाम सुविधाएं और प्रशिक्षण मिले तो हमारे खिलाड़ी किसी से कम नहीं।
GOLDEN🥇GREAT @Neeraj_chopra1 pic.twitter.com/5VJlxWWUMA
— Anurag Thakur (@ianuragthakur) August 9, 2021
हालांकि, जब हाकी टीम महिला-पुरुष का खेल चरम पर था तब यह कहा जाने लगा था कि हाकी को ऊंचाई पर लाने वाले नवीन पटनायक ही हैं, क्योंकि उन्हीं की कोशिशों और सहयोग की बदौलत दोनों हाकी टीमों ने अपनी स्थिति मज़बूत रखी। उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक का बता दें जब भारतीय हॉकी को किसी प्रायोजक की तलाश थी, तब ओडिशा सरकार भारत की पुरुष और महिला हॉकी दोनों टीम की प्रायोजक बनी। ओडिशा सरकार 2018 में भी भारत की हॉकी टीम के प्रायोजक थी। ओडिशा सरकार ने ओडिशा को स्पोर्ट्स हब बनाने में काफी मदद की है। परिणामत: पुरुष वर्ग में कांस्य भी हाथ में आया और महिला टीम का प्रदर्शन शानदार रहा। तब अचानक हाकी जादूगर मेजर ध्यानचंद #साहिब के ख्वाब में आए और राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार का नया नामकरण किया गया। अब यह मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार के नाम से जाना जाएगा। लोगों को क्षणिक तो अच्छा लगा लेकिन जब पता चला कि ध्यानचंद जी के नाम से तो पहले से ही पुरस्कार है तो भौंचक्के रह गए। यह भारत रत्न राजीव गांधी को अपमानित कर कांग्रेस पर मानसिक दबाव डालने की कोशिश थी। इस घटना से मोदी स्टेडियम अहमदाबाद को किसी क्रिकेट खिलाड़ी के नाम करने की भी आवाज़ उठीं। साथ ही साथ ध्यानचंद को भारत रत्न देने की मांग भी उठ खड़ी हुई। दूसरी ओर नवीन पटनायक सरकार का हाकी को अवदान सिर चढ़कर बोलने लगा। साहिब की हालत पतली होनी शुरू हो गई।
इस दौरान लोगों ने मोदी सरकार की खेल नीतियों पर खुलकर कटाक्ष किए और खेल बजट में 230 करोड़ की कमी करने की भी पोल खोल दी। यह उठापटक वाकई यह जताती है कि अब जनता मोदी की हर हरकत पर नज़र रख रही है और उसे गंभीरता से ले रही है। ओछी हरकतों पर पैनी नज़र का ही ये कमाल है कि तू डाल डाल मैं पात पात का खेला शानदार तरीके से जारी है। वास्तव में मोदी जी इस खेला में असफल रहे हैं उन्होंने आ बैल मुझे मार की कहावत को चरितार्थ किया है।