पीएम मोदी का 27वीं वाराणसी दौरा आज, रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर का करेंगे उद्घाटन..

बनारस : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज वाराणसी के दौरे पर रहेंगे | कोरोना संकट के चलते लंबे अरसे बाद वाराणसी जा रहे पीएम मोदी जापान और भारत की दोस्ती के प्रतीक रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर समेत 744 करोड़ 82 लाख की परियोजनाओं का लोकार्पण करेंगे | साथ ही पेट्रोकेमिकल्स इंजीनियरिंग एंड प्रौद्योगिकी संस्थान समेत 206 परियोजनाओं का भी शिलान्यास करेंगे | इसमें सड़क, पेयजल व सीवेज, ग्राम विकास की कई योजनाएं हैं |

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगभग साढ़े दस बजे बाबतपुर एयरपोर्ट पर उतरेंगे | फिर हेलीकॉप्टर से बीएचयू हेलीपैड आने के बाद सीधे IIT टेक्नो ग्राउंड में जनसभा को संबोधित करेंगे | इस दौरान 1582 करोड़ 93 लाख की परियोजनाओं का रिमोट कंट्रोल के जरिए लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे |

प्रधानमंत्री बीएचयू में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के बजट से तैयार मदर चाइल्ड हेल्थ विंग का लोकार्पण करेंगे | साथ ही कोविड की तीसरी लहर की तैयारी को लेकर बीएचयू समेत स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टरों से बात करेंगे |

पीएम मोदी के आगमन से पहले मंडुवाडीह स्टेशन की नई पहचान अब बनारस नाम से होगी-

वाराणसी को रेलवे से बड़ी सौगात मिली है | यहां के मंडुवाडीह स्टेशन की नई पहचान अब बनारस नाम से होगी | बुधवार को स्टेशन के प्‍लेटफार्म से लेकर मुख्य भवन पर बनारस के नाम का बोर्ड भी लग गया | नए बोर्ड पर हिंदी, संस्‍कृत, अंग्रेजी और उर्दू में बनारस लिख दिया गया है |

https://twitter.com/narendramodi/status/1415276331403661315?s=19

बीते दिनों केंद्रीय गृह मंत्रालय और रेल मंत्रालय ने वाराणसी के मंडुवाडीह रेलवे स्टेशन का नाम बदले का फैसला किया था | इस संबंध में सरकार के कई स्तरों पर जरूरी कार्रवाई पूरी की जा रही थी | मंडुवाडीह रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर वाराणसी किए जाने की मांग लंबे समय से लंबित थी, जिसपर विचार करने के बाद केंद्र सरकार ने नाम परिवर्तन को स्वीकृति दी थी |

स्टेशन का नाम मंडुवाडीह के स्थान पर बनारस करने की स्वीकृति रेलवे बोर्ड से मिलते ही नाम बदलने का काम भी कर दिया गया | अब इस स्टेशन का नाम हिन्दी में बनारस और अग्रेजी में BANARAS होगा | इस स्टेशन का कोड BSBS मिला है। इसके साथ ही काशी के विद्वत जन की मांग पर इस स्टेशन की नाम पट्टिका पर संस्कृत में भी इसका नाम (बनारसः) अंकित किया गया है | आज रात 12 बजे (15 जुलाई 2021) से इस स्टेशन से जारी होने वाले टिकटों पर भी स्टेशन का नाम बनारस एवं स्टेशन कोड BSBS अंकित होकर जारी होगा |

वाराणसी के साथ ही काशी और बनारस भी क्षेत्रीय लोकाचार की भाषा में प्रसिद्ध है | यहां पहले से वाराणसी, काशी और वाराणसी सिटी के नाम से तीन स्टेशन हैं | बनारस के नाम से कोई स्टेशन नहीं था | पिछले कुछ साल से शहर के बीच में स्थित मंडुवाडीह स्टेशन को नई साज सज्जा मिली तो इसका नाम बनारस करने की मांग उठने लगी |

नव-पुनर्निर्मित रेलवे स्टेशन किसी बड़े प्रतिष्ठित कॉर्पोरेट कार्यालय की तरह दिखाई देता है-

मंडुवाडीह स्टेशन को पहले से ही किसी हवाई अड्डे की तरह बनाया गया है | नव-पुनर्निर्मित रेलवे स्टेशन किसी बड़े प्रतिष्ठित कॉर्पोरेट कार्यालय की तरह दिखाई देता है | केवल देखने में ही नहीं बल्कि यात्री सुविधाएं भी इसे अलग दिखाती हैं | प्लेटफार्म तक कार व अन्य वाहनों को ले जाने की भी सुविधा है |
नए रूपांतरित स्टेशन में विशाल प्रतिक्षालय क्षेत्र, विभिन्न श्रेणियों के प्रतीक्षालय, उच्च श्रेणी यात्री विश्रामालय, एस्केलेटर सीढियां, लिफ्ट्स, फूड प्लाजा, कैफेटेरिया, वी आई पी लाउन्ज, पार्किंग, सेल्फी पॉइंट,राष्ट्रीय ध्वज, धरोहर के रूप में छोटी लाइन का इंजन, विस्तृत ग्रीन और स्वच्छ सर्कुलेटिंग एरिया, आधुनिक बुकिंग आरक्षण कार्यालय, फूड कोर्ट, सभी सुविधाओं से परिपूर्ण वेटिंग रूम और बहुत कुछ है | स्टेशन में एसी लाउंज, गैर-एसी रिटायरिंग रूम और डॉर्मिटरी भी हैं | स्टेशन परिसर की वास्तुकला काशी की आस्था को दर्शाती है | स्टेशन के परिवेश में फव्वारे और बैठने की जगह शामिल है |इस स्टेशन को उन्नत यात्री सुविधाओं के रख-रखाव के लिए आई एस ओ सर्टिफिकेशन एवं साफ- सफाई एवं कुशल प्रबंधन के लिए 5 एस सर्टिफिकेशन भी प्राप्त है ||

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Keshav Jha
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