पेगासस से जासूसी एंटी-नेशनल, फोन में पीएम ने डाला हथियार : राहुल गांधी

नई दिल्ली : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष व सांसद राहुल गांधी केंद्र सरकार पर उस वक़्त हमलावर रुख अखतियार किए हुए हैं, जब पेगासस जासूसी विवाद, कृषि कानून समेत कई मसलों को लेकर संसद के दोनों सदनों में विवाद चल रहा है । ऐसे में केंद्र सरकार को घेरने के लिए बुधवार को विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने बैठक की । इस बैठक में करीब 12 से अधिक पार्टियों ने हिस्सा लिया. इस बैठक के बाद राहुल गांधी और अन्य विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने मीडिया को संबोधित किया ।

इस दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, “विपक्ष की आवाज को संसद में दबाया जा रहा है । हमारा सिर्फ यही सवाल है कि क्या देश की सरकार ने पेगासस को खरीदा या नहीं? क्या सरकार ने अपने लोगों पर पेगासस हथियार का इस्तेमाल किया या नहीं

?”

  • कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया है । उन्होंने ट्वीट कर कहा कि जब मित्रों का कर्ज माफ करते हो, तो देश के अन्नदाता का क्यूं नहीं? किसानों को कर्ज-मुक्त करना मोदी सरकार की प्राथमिकता नहीं है । ये सरासर अन्याय है ।
  • पेगासस जासूसी विवाद को लेकर बुधवार को विपक्षी पार्टियों की ओर से एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई । इस दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा और कहा कि सरकार पेगासस पर चर्चा नहीं कर रही है ।

राहुल गांधी ने कहा कि देश में मेरे खिलाफ, सुप्रीम कोर्ट, मीडिया और अन्य लोगों के खिलाफ पेगासस के हथियार का प्रयोग किया गया. सरकार ने ऐसा क्यों किया, वह इसका जवाब दें. हम संसद को चलने से नहीं रोक रहे हैं, बल्कि अपनी आवाज बुलंद करना चाह रहे हैं. साथ ही कहा कि जिस हथियार का इस्तेमाल आतंकवादियों के खिलाफ होना चाहिए था, उसका इस्तेमाल हमारे खिलाफ क्यों हो रहा है? सरकार जवाब दें कि पेगासस क्यों खरीदा गया था?

बता दें कि कुछ दिन पहले ही अंतरराष्ट्रीय मीडिया की ओर से खुलासा किया गया था कि भारत सरकार ने इजरायली सॉफ्टवेयर पेगासस से कई लोगों के फोन को हैक किया है । इनमें राहुल गांधी, प्रशांत किशोर समेत कई नेता, कुछ केंद्रीय मंत्री, पत्रकार और अन्य लोगों का नाम शामिल था ।

अब इस मसले पर संसद के दोनों सदनों में विपक्ष की ओर से हंगामा किया जा रहा है । विपक्ष की मांग है कि इस विषय पर चर्चा की जाए, जबकि सरकार ने इन आरोपों को पूरी तरह से नकार दिया है । सरकार का कहना है कि मानसून सत्र के कामकाज को रोकने के लिए इस तरह के गलत आरोप लगाए जा रहे हैं ।

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