
दीपक असीम : कर्नाटक। कल राहुल गांधी से मिलने के लिए बेताब एक शख्स को पुलिस वालों ने धक्का दिया और वह गिर पड़ा। राहुल गांधी ने जब यह देखा तो नाराज हुए और अपने आसपास चलने वाले सुरक्षाबलों और पुलिस वालों को हटा दिया। साथ ही वह रस्सी भी हटवा दी जिसे तानकर लोगों को राहुल गांधी से दूर रखा जाता है। हालांकि यह सब कुछ देर के लिए रहा। आज सुबह जब यात्रा शुरू हुई तो रस्सी फिर आसपास तान दी गई।

कर्नाटक का प्रशासन न्यूट्रल है। मतलब यात्रा के खिलाफ नहीं है। अंदेशा था कि जब भाजपा शासित राज्यों में यात्रा जाएगी तो प्रशासन भी सौतेला बर्ताव करेगा। मगर ऐसा कुछ हुआ नहीं। कुछ लोगों ने पोस्टर फाड़ दिए थे बस इतना ही विरोध हुआ। सो भी सामने आकर नहीं। कर्नाटक में यात्रा ज्यादातर हाईवे पर ही है। केरल में कदम कदम पर गांव थे। जब यात्रा हाईवे पर होती है तो 3 या 4 हजार लोग साथ होते हैं मगर जब कोई गांव से शहर आता है तो संख्या कई गुना बढ़ जाती है।
कर्नाटक में भी केरल की तरह लोग राहुल की एक झलक के दीवाने हैं। जैसे हमारे यहां गणपति की झांकी देखी जाती है उसी तरह छतों पर चढ़कर और गैलरी उसे लटक कर लोग राहुल को देख रहे हैं। यात्रा आज कर्नाटक की सीमा से निकलकर आंध्र में प्रवेश कर जाएगी। मगर जल्दी वापस कर्नाटक में चली जाएगी। ऐसा एक बार होगा फिर तेलंगाना लग जाएगा और उसके बाद महाराष्ट्र। केरल और आंध्र में यह फर्क है कि पूरे केरल में यात्रा को लेकर पोस्टर बैनर लगे थे मगर कर्नाटक में जो इलाके यात्रा से लगे हुए नहीं हैं उन इलाकों में यात्रा की खबर या पोस्टर नहीं है।
