प्रदेश कांग्रेस में पनपती असंतोष की चिंगारी

ये बात किसी से छुपी भी नहीं  है। आए दिन कांग्रेस में फैली भसड़ को समेटने किसी शीर्ष नेताओं से पैबंद लगाने के लिए पार्टी में एकता का संदेश प्रसारित करने के लिए प्रकट होना पड़ता है। लेकिन हर सुबह प्रदेश की कांग्रेस के अंदर सुलग रही सुसुप्त चिंगारी से निकलता धुंआ दिखने लगता है। हालांकि चिंगारी की तपास और उसके धुंए की महक तो सोशल मीडिया के गलियों में अपने पगफेरे का एहसास तो हर आम और खास को करा ही देता है। जी हां, मैं प्रदेश कांग्रेस की गहलोत सरकार के अंदर सुसुप्ता के बाद भी सुलग रहे अंगारे सचिन पायलट खेमे के विधायक मीणा के विधानसभा में सीटिंग अरेंजमेंट की रार थमने का नाम ही नहीं ले रही है। जिसे सुलझा कर फिर से ठंडा करने के लिए सत्तारुढ़ के मुख्य सचेतक महेश जोशी ने मीडिया के सामने आकर कहा कि रमेश मीणा से बात करके उनकी समस्या का समाधान करेंगे और उनका गुस्सा भी दूर करेंगे। दरअसल विधानसभा में कोरोनाकाल में किए गए सीटिंग अरेंजमेंट के बाद कांग्रेस में ही पायलट गुट के विधायक रमेश मीणा की विधानसभा सीट के आगे माइक नहीं होने को लेकर अध्यक्ष डॉ. सी.पी. जोशी के बीच दो दिन पहले ही तीखी बहस भी हो गई थी। चूंकि मीणा ने व्यवस्था पर आपत्ति जताते हुए एसजीएसटी और मोनॉरिटी के विधायक-मंत्रियों के साथ भेदभाव और उनकी आवाज दबाने के आरोप लगाए। रमेश मीणा ने बताया कि दो दिन पूर्व अध्यक्ष ने मुझसे पर्सनली कहा था कि सीट बदल देंगे। सदन में कुछ लोगों को छांट कर बैठा रखा है। मैंने प्रश्न पूछने से पहले केवल माइक की व्यवस्था करने को कहा था। उन्होंने हमारी बात को नहीं सुना। उल्टा हमारा बहुत ज्यादा अपमान ही किया। बावजूद इसके हम उनका सम्मान करते हैं, वह हमारे अध्यक्ष है लेकिन सदन हमारी बात को दबाए जा रहा है।

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