लोकतंत्र के हत्यारों पर कार्रवाई नहीं होने तक सभी विपक्षी दल सत्र का बहिष्कार करेंगे : तेजस्वी

पटना : बिहार विधानसभा के मानसून सत्र में आज दूसरे दिन प्रश्नकाल तो ठीक से चला, लेकिन उसके बाद विपक्ष ने सदन की कार्यवाही का बहिष्कार कर दिया । नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव 23 मार्च की घटना को लेकर सदन में प्रस्ताव रखना चाहते थे, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने रखने की अनुमति नहीं दी । पहले हाफ में कुछ देर चर्चा जरूर हुई, लेकिन दूसरे हाफ में विपक्ष ने सरकार पर मनमानी का आरोप लगाते हुए 30 जुलाई तक सदन का बहिष्कार कर दिया । 

विपक्षी सदस्यों का साफ कहना था कि जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाएगी सदन की कार्यवाही में भाग लेने का कोई मतलब नहीं है । बिहार विधानसभा बजट सत्र के दौरान 23 मार्च को जिस प्रकार से मारपीट की घटना हुई थी, उसका असर मानसून सत्र में भी साफ दिख रहा है । एक बार फिर से विपक्ष ने उस घटना को लेकर सदन की कार्यवाही का बहिष्कार कर दिया है । नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के नेतृत्व में पूरे विपक्ष ने एकजुटता दिखाते हुए यह फैसला लिया है ।

विपक्ष ने विधायकों की पिटाई का मसला उठाते हुए वॉक आउट कर दिया – 

दोपहर 2 बजे जब सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई तो विपक्ष ने विधायकों की पिटाई का मसला उठाते हुए सदन में इस पर चर्चा की मांग रखी । विधानसभा अध्यक्ष इस मांग को पहले ही खारिज कर चुके हैं । विपक्ष ने इस मुद्दे पर वॉक आउट कर दिया है । राजद, कांग्रेस और वाम दल के नेता सदन से निकले । इस मानसून सत्र में वो सदन की कार्यवाही का बहिष्कार करेंगे, जब तक विधानसभा अध्यक्ष इस पर चर्चा को तैयार नहीं होते है ।

विधानसभा अध्यक्ष नीतीश कुमार की कठपुतली बन कर रह गए हैं – तेजस्वी यादव

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि सोमवार को हमलोग अध्यक्ष महोदय से मिलकर विपक्षी दलों ने आग्रह किया था कि 23 मार्च की घटना पर बहस हो । बिहार सरकार के मंत्री सब कुछ विधानसभा अध्यक्ष के मत्थे फोड़ दिया, लेकिन सब कुछ नीतीश कुमार की मर्जी से हो रहा है । विधानसभा अध्यक्ष नीतीश कुमार की कठपुतली बन कर रह गए हैं । अब हमलोगों ने निर्णय लिया कि जहां जनप्रतिनिधियों का सम्मान नहीं होगा, जहां कुछ लोग विधानसभा को जागीर समझ रखे हैं, वहां हम नहीं जाएंगे । पूरे विधानसभा के मानसून सत्र में हमलोग सदन का बहिष्कार करेंगे । अगर उस मुद्दे पर बहस नहीं हुई तो हम सदन में जाने को तैयार नही हैं ।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी सरकार पर लगातार हमलावर रहें है तेजस्वी यादव –

आपको बता दें कि ये पहली बार नहीं है, जब बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी सरकार पर निशाना साधा है, इससे पहले कई बार वे नीतीश कुमार को घेर चुके हैं । पिछेल दिनों तेजस्वी ने मुख्यमंत्री को चुनौती देते हुए कहा कि उनसे अगर बिहार नहीं संभल रहा है तो उनको कुर्सी छोड देना चाहिए । आरजेडी बताएगी कि कैसे इस कोरोना काल में लोगों को मदद पहुंचाई जाती है । तेजस्वी यादव ने कहा था कि सरकार राजद के लोगों को अस्पतालों की वास्तविकता, समीक्षा और जायजा लेने की अनुमति दे   उन्होंने नीतीश कुमार से कहा कि ‘अगर सरकार नहीं संभल रही तो कुर्सी छोड़ दीजिए, हमें मौका दीजिये, हम दिखाएंगे की काम कैसे होता है ।

तेजस्वी ने सरकार को पूरी तरह असफल बताते हुए कहा था कि अस्पताल में डॉक्टर नहीं है, दवा का अभाव है मरीजों को ऑक्सीजन नहीं मिल रहा है । अगर आरजेडी, बेड-दवा और ऑक्सीजन सभी की व्यवस्था कर भी दे तो डॉक्टर और नर्स की बहाली करना तो सरकार का काम है । उन्होंने कहा था कि कोरोना के दूसरी लहर की शुरुआत में सर्वदलीय बैठक में हमने 30 सुझाव रखे थे, लेकिन सरकार ने एक भी सुझाव नहीं माना । उन्होंने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि चार साल में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनके एक भी पत्र का जवाब नहीं दिया ।

दूसरे हाफ में सरकार की ओर से 7 विधेयक पेश किए गए –

दूसरे हाफ में सरकार की ओर से 7 विधेयक पेश किए गए और विपक्ष की अनुपस्थिति में सभी को पास भी करा लिया गया । दूसरे दिन नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की ओर से 23 मार्च की घटना को लेकर चर्चा कराने की मांग करते हुए अपनी बात रखी, वहीं दूसरी तरफ सरकार की ओर से संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी ने जवाब भी दिया, लेकिन विपक्ष संतुष्ट नहीं हुआ । बता दें कि 26 जुलाई से शुरू हुआ बिहार विधानसभा का मानसून सत्र 30 जुलाई तक चलेगा ।

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Keshav Jha
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