भीलवाड़ा। जिले के बागौर कस्बे में जाति विशेष के एक व्यक्ति द्वारा किराये पर लिये गये मकान पर कब्जा करने व मामले में पुलिस द्वारा कार्रवाई नहीं करने सहित अन्य मांगों को लेकर ग्रामीणों ने कस्बे के बाजार बंद रखते हुये करेड़ा चौराहे पर धरना दिया।
ग्रामीणों का कहना है कि बागौर निवासी चांदी सेवक ने करीब 30 साल पहले गोपी सांसी को अपना मकान किराये पर दिया था। इसके बाद से यह सांसी परिवार इसी मकान में रहता चला आ रहा है। चांदी ने गोपी को कई बार मकान खाली करने के लिए कहा, लेकिन वह मकान खाली नहीं कर रहा है। वह इस मकान को ही अपना बताने लगा है। उधर, इस गरीब परिवार की मदद का ग्रामीणों ने बीड़ा उठाया। ग्रामीणों ने पिछले दिनों गोपी सांसी व उसके परिजनों को मकान खाली करने के लिए समझाइश की, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला। इस बीच, समझाइश में शामिल छोटूलाल माली के साथ तीन दिन पहले बस स्टैंड पर गोपी के परिवार की तीन महिलाओं ने मारपीट कर दी ओर उसके खिलाफ थाने में रिपोर्ट भी दे दी। इन सारे घटनाक्रम को लेकर बुधवार रात ग्रामीणों ने कस्बे के बड़े मंदिर पर मीटिंग आहूत की। ग्रामीणों का आरोप है कि इसमें थाना प्रभारी छोटूलाल को भी बुलाया गया, लेकिन वे समय पर नहीं आये। देर रात थाना प्रभारी के मीटिंग स्थल पहुंचने पर ग्रामीण खफा हो गये। उन्होंने थाना प्रभारी से गुरुवार सुबह बाजार बंद रखकर करेड़ा चौराहे पर धरना-प्रदर्शन करने की चेतावनी दी। इसके बाद गुरुवार सुबह ग्रामीणों के इस निर्णय के अनुसार बागौर के बाजार बंद रखे। ग्रामीण करेड़ा चौराहे पर जमा हो गये और वहां जाजम बिछा कर धरने पर बैठ गये। प्रदर्शन के दौरान ही मारपीट के शिकार छोटूलाल माली के बेटे नारायण ने धरना स्थल पर ही पुलिस के विरोध में आत्महत्या करने की चेतावनी दे डाली। ऐसे में पुलिस ने नारायण को पकड़ लिया। इसे लेकर ग्रामीण फिर से आक्रोशित हो गये और उन्होंने पुलिस से नारायण को छूड़ा लिया। मामला बढ़ता देखकर पुलिस ने उच्चाधिकारियों को सूचना दी। इसके बाद मांडल डीएसपी सुरेंद्र कुमार बागौर पहुचे और समझाईश के प्रयास शुरू किए। फिल्हाल कस्बे के बाजार बंद और ग्रामीणों का प्रदर्शन जारी है। एहतियातन कस्बे में पुलिसकर्मी तैनात किया गया हैं।
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