जोधपुर। आयकर विभाग में कमिश्नर (अपील) उदयपुर में कार्यरत आईआरएस अल्का राजवंशी जैन और उनके पति जोधपुर में रेल विकास निगम में जनरल मैनेजर अमित जैन की काली कमाई सामने आई है। अप्रैल 2010 से जून 2018 के बीच दोनों को आय तो 3.72 करोड़ ही हुई, लेकिन इस अवधि में 9.25 करोड़ रुपए की संपत्ति जुटा ली।
कमाल की बात तो यह है जनता को लुटने वाले ऐसे कई अधिकारी अभी भी कुर्सिया गर्म कर रहे होंगे लेकिन सीबीआई भी क्या करें, उन्हे जब तक जनता स्वय सबूत लाकर नहीं देती या ऊपर से आदेश नहीं आता तब तक वह भी कार्यवाही कैसे करें? आम आदमी गरीबी का दंश झेल रहे है और सरकारी अधिकारी प्रतिवर्ष एक करोड़ से अधिक की कमाई कर ले ऐसे विकास की कल्पना जनता ने कभी सपने में भी नहीं की होगी!
आय की तुलना में 148.53 प्रतिशत निवेश/खर्च कर दंपती सीबीआई के राडार पर आ गए। जोधपुर सीबीआई (एसीबी) ने दोनों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का केस दर्ज किया है। साथ ही शुक्रवार को उनके जोधपुर, जयपुर और उदयपुर के ठिकानों पर छापे मारे। सीबीआई की रेड शनिवार सुबह तक चली। जांच में करीब 7.96 करोड़ की अचल संपत्ति से जुड़े दस्तावेज, बैंक खातों व एफडी में करीब 70.4 लाख रुपए जमा होने के साथ 13.20 लाख रुपए की नकदी, ज्वैलरी मिली। इसके अलावा भी तीनों शहरों की कई बैंकों में लॉकर्स के कागज भी मिले हैं।
आयकर कमिश्नर अल्का राजवंशी पूर्व में जोधपुर में भी सीआईटी (अपील) के पद पर रह चुकी हैं। इसी दौरान उन्होंने जोधपुर की सबसे महंगी कॉलोनी उम्मेद हैरिटेज में बंगला लिया था। सीबीआई की टीमें आज सुबह इस बंगले पर छानबीन में जुटी रही। इस प्रकरण में सीबीआई ने जैन दंपती के चार्टर्ड अकाउंटेंट बेटे विकास राजवंशी को भी आरोपी बनाया है।
सीबीआई की रिपोर्ट के अनुसार, सीआईटी अल्का राजवंशी और उनके पति अमित जैन के खिलाफ प्रारंभिक शिकायत में 35.14 लाख रुपए कीमत की जयपुर के वैशाली नगर में प्लॉट और बनीपार्क में फ्लैट की जानकारी थी। इसके बाद टीम ने गोपनीय तरीके से छानबीन शुरू की तो जोधपुर, जयपुर व उदयपुर जिले में बेहिसाब संपत्ति होने के साक्ष्य सामने आते चले गए। सीबीआई सूत्रों के अनुसार आयकर से जुड़े मामलों में बकाया टैक्स के विवाद की स्थिति में कोई भी कारोबारी अपील करता है तो उस पर सुनवाई का अधिकार (फैसलेस असेसमेंट शुरू होने से पहले तक) आयुक्त (अपील) के पास होता है। यानी, उस मामले में अपील करने वाले कारोबारी को राहत देनी है या नहीं, उस पर फैसला करने की जिम्मेदारी राजवंशी पर रहती है। इसी तरह उनके पति अमित जैन रेलवे की कंपनी रेल विकास निगम लिमिटेड जोधपुर में ग्रुप जनरल मैनेजर हैं। रेलवे की इस कंपनी के जरिए करोड़ों के ठेके, रेलवे की डबल लाइन पर सिग्नलिंग के काम की मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी रहती है। सीबीआई की प्रारंभिक पड़ताल में यही सामने आया कि इन दोनों ने ही अपने पद का दुरुपयोग करते हुए करोड़ों की संपत्ति अर्जित की और उसी से करोड़ों का निवेश प्रॉपर्टी व बैंकों में किया था।
यहां मिली अघोषित संपति
जयपुर के वैशाली नगर में विशाल बहुमंजिला इमारत है। जून 2002 में यह भूखंड 10,14,450 रुपए में अल्का राजवंशी के नाम पर खरीदने के बाद अप्रैल 2013 से मार्च 2015 के बीच इस पर 3 करोड़ 75 लाख रुपए से ज्यादा का निर्माण काम कराया गया। जोधपुर के उम्मेद हैरिटेज में 1 करोड़ 8 लाख रुपए का भूखंड और इस पर 1 करोड़ 61 लाख रुपए का निर्माण काम करना पाया गया। जयपुर सी-स्कीम के पर्ल ऐज में 39.19 लाख का फ्लैट, अजमेर रोड श्याम नगर वृंदावन मार्ग में अल्का राजवंशी व प्रभा जैन के नाम पर 79.21 लाख का मकान। जयपुर में बनीपार्क के कमल अपार्टमेंट में अमित जैन के नाम पर 25 लाख रुपए का फ्लैट। यानी दंपती ने कुल 7.96 करोड़ से अधिक रुपए का प्रॉपर्टी में निवेश किया।
84 लाख की एफडी-आरडी
अल्का राजवंशी के जोधपुर में एसबीआई के खाते में 18.29 लाख रुपए, हैदराबाद एसबीआई अकाउंट में 26 हजार, पीपीएफ अकाउंट में 1.31 लाख, जयपुर कोटक महिंद्रा बैंक में 18.56 लाख, अमित जैन के नाम 11 लाख की कार, जोधपुर पंजाब नेशनल बैंक के खाते में 1.62 लाख रुपए, पीएनबी एफडी अकाउंट में 14 हजार व 95 हजार, पीएनबी के ही एक अन्य खाते में 15.35 लाख, पीएनबी के आरडी अकाउंट में 20 हजार, एसबीआई अकाउंट में 4 हजार, एक्सिस बैंक में 28 हजार, हैदराबाद एक्सिस बैंक अकाउंट में 1.88 लाख, जोधपुर एक्सिस बैंक में एक-एक लाख की दो एफडीआर, जयपुर कोटक महिंद्रा बैंक में 12.09 लाख रुपए जमा होना सामने आया। यानी, दोनों ने 83.99 लाख रुपए तो यहीं जमा किए थे।
सवाल यह भी है कि देश से भ्रष्टाचार कब खत्म होगा? कभी होगा भी या नहीं? क्या जनता ऐसे ही महंगाई की मार झेलती रहेगी? क्या सरकार ऐसे ही अधिकारियों को भ्रष्टाचार करने के लिए ऊंचे ऊंचे पदों पर नियुक्त करती रहेगी? सरकार चाहे कांग्रेस की रही हो या भाजपा की सबके शासन में भ्रष्टाचार जारी रहा, अन्ना हज़ारे ने भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन किए लोक पाल की मांग कि लेकिन पता नहीं भ्रष्टाचार आखिर किस खास पाल के अवतार की राह ताख रहा है! सामने आते भ्रष्टाचार के मामले देखकर लगता है कि जनता को ही भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ मुहिम छेडनी पड़ेगी।