6 हजार रुपए का अनुदान लेने का मामला दिनभर विधानसभा में बना चर्चा का विषय

भाजपा विधायक राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि मेरे पास पुख्ता सबूत

जयपुर। सोमवार को विधानसभा की कार्यवाही के दौरान भाजपा के वरिष्ठ विधायक राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि प्रदेश के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा आए दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सख्त टीका टिप्पणी करते हैं। मोदी को किसान विरोधी बताते हैं। लेकिन हकीकत ये है कि रघु शर्मा स्वयं प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के 6 हजार रुपए सालाना प्राप्त कर रहे हैं। रघु शर्मा यह राशि एक किसान के तौर पर ले रहे हैं। राठौड़ के कथन पर रघु शर्मा ने खड़े होकर आपत्ति की और अध्यक्ष से आग्रह किया कि राठौड़ के कथन को रिकॉर्ड पर लिया जाए। राठौड़ ने कहा कि मैं रघु शर्मा का पुराना दोस्त रहा हूँ और मुझे पता है कि अजमेर के केकड़ी में रघु शर्मा की कृषि भूमि है। इसी भूमि पर खेती करने की एवज में रघु शर्मा 6 हजार रुपए का अनुदान प्राप्त कर रहे हैं। रघु कहेंगे तो वे उन बैंक खातों के नम्बर भी दे देंगे, जिनमें यह अनुदान आ रहा है। राठौड़ के सबूत देने के कथन के बाद रघु शर्मा हंसते हुए अपनी सीट पर बैठ गए। लेकिन रघु शर्मा के केन्द्र सरकार से 6 हजार रुपए का अनुदान लेने का मामला दिनभर विधानसभा में चर्चा का विषय बना रहा। मालूम हो कि रघु केकड़ी से ही कांग्रेस के विधायक हैं और छात्र राजनीति में राजेन्द्र राठौड़ के अच्छे मित्र रहे हैं। केकड़ी क्षेत्र में रघु शर्मा की अनेक संपत्तियां हैं।

लोढ़ा के फिर तीखे तेवर:

15 मार्च को विधानसभा में निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा के एक बार फिर सरकार के प्रति तीखे तेवर देखने को मिले हैं। लोढ़ा ने कहा कि सरकार का दावा है कि प्रदेश के मदरसों को आदर्श मदरसे बना दिया गया है। जबकि पिछले 8 वर्षों में एक भी मदरसा टीचर्स की भर्ती नहीं हुई है। टीचर के बगैर मदरसों को कैसे आदर्श बनाया गया। इस पर अल्पसंख्यक मामलात मंत्री साले मोहम्मद ने बताया कि पिछले तीन वर्षों में मदरसों पर 118 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं और जल्द ही मदरसों में टीचर की नियुक्ति की जाएगी। यहां यह उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ दिनों से संयम लोढ़ा अशोक गहलोत की सरकार पर लगातार हमले कर रहे हैं। जबकि जुलाई अगस्त के राजनीतिक संकट के समय संयम लोढ़ा निर्दलीय विधायक के तौर पर सरकार के साथ खड़े थे। कहा जा रहा है कि मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं होने से संयम लोढ़ा खुश नहीं है।

बाजरे की खरीद पर मंत्री उलझे:

15 मार्च को विधानसभा की कार्यवाही के दौरान सहकारिता मंत्री उदय आंजना ने आरोप लगाया कि केन्द्र सरकार ने प्रदेश में बाजरे की खरीद की अनुमति नहीं दी है। राज्य सरकार की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि वह अपने दम पर न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बाजरे की खरीद करे। सरकारी मूल्य पर बाजरे की खरीद नहीं होने से प्रदेश के किसानों को परेशानी हो रही है। इस पर प्रतिपक्ष के नेता गुलाबचंद कटारिया ने मंत्री से जानना चाहा कि राज्य सरकार ने बाजरे की खरीद के लिए केन्द्र सरकार को कब पत्र लिखा। कटारिया ने कहा कि यदि कोई पत्र लिखा हो तो पटल पर रखा जाए। लेकिन आंजना सिर्फ केन्द्र सरकार से अनुमति नहीं मिलने की बात कहते रहे और पत्र लिखने के मामले में कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दे सके।

This post was created with our nice and easy submission form. Create your post!

We are a non-profit organization, please Support us to keep our journalism pressure free. With your financial support, we can work more effectively and independently.
₹20
₹200
₹2400
YK Sharma
नमस्कार, पाठकों से बस इतनी गुजारिश है कि हमें पढ़ें, शेयर करें, इसके अलावा इसे और बेहतर करने के लिए, सुझाव दें। आप Whatsapp पर सीधे इस खबर के लेखक / पत्रकार से भी जुड़ सकते है।