
विधानसभा स्पीकर भास्कर जाधव के साथ दुर्व्यवहार और महाराष्ट्र विधानसभा में हंगामा कर कार्रवाई में खलल डालने के आरोप में भाजपा के बारह(12) विधायकों को एक साल के लिए निलंबित (सस्पेंड) कर दिया गया है | बीजेपी के ये विधायक ओबीसी आरक्षण(रिजर्वेशन) के समर्थन में हंगामा कर रहे थे |
निलंबन के फैसले को लेकर देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में बीजेपी सदस्यों ने फैसले पर आपत्ति जताते हुए कहा कि विपक्ष सदन की कार्यवाही का बहिष्कार करेगा | फडणवीस ने कहा, ‘यह एक झूठा आरोप है और विपक्षी सदस्यों की संख्या को कम करने का प्रयास है | ऐसा इसलिये किया गया क्योंकि हमने स्थानीय निकायों में ओबीसी कोटे पर सरकार के झूठ को उजागर किया है | उन्होंने कहा कि बीजेपी सदस्यों ने पीठासीन अधिकारी को गाली नहीं दी | सारे आरोप बेबुनियाद और मनगढ़ंत है, हम पर झूठे आरोप मढ़ा जा रहा है | हम ओबीसी रिजर्वेशन के लिए अपने 12 विधायक न्योछावर करने को तैयार हैं |
राज्य के संसदीय कार्य मंत्री अनिल परब ने विधायकों को निलंबित करने का प्रस्ताव पेश किया, जिसे ध्वनि मत से पारित कर कर दिया गया | परब ने कहा कि इन 12 विधायकों को निलंबन की अवधि के दौरान मुंबई और नागपुर में विधानमंडल परिसर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी |
भाजपा विधायक आशीष शेलार ने कहा कि महाराष्ट्र की हुकूमत ‘तालिबान’ की तरह बर्ताव कर रही है | इस तरह की कार्रवाई को किसी भी प्रकार से जायज़ नहीं ठहराया जा सकता | हमारे किसी भी विधायक ने स्पीकर को गाली नहीं दी है | मामले को लेकर माफी मांगने के बाद भी हमें सस्पेंड कर दिया गया |
इससे पहले, एनसीपी नेता और मंत्री नवाब मलिक ने बीजेपी सदस्यों पर भास्कर जाधव के साथ दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया और इस मुद्दे पर राज्य विधानसभा की कार्यवाही को चार बार स्थगित किया गया |
मामले में भाजपा के जिन विधायकों को सस्पेंड किया गया है, उनमें संजय कुटे, आशीष शेलार, योगेश सागर, गिरीज महाजन, हरीश पिंपले, अतुल भातरखलकर, अभिमन्यु पवार, बंटी बांगडीया और नारायण कुचे के नाम शामिल हैं |
बताते चलें कि विधानसभा में चल रहे दो दिनों के मॉनसून सत्र में आज OBC रिजर्वेशन को लेकर प्रस्ताव मंजूर कर लिया | इस प्रस्ताव में ओबीसी रिजर्वेशन के लिए मरकज़ी हुकूमत से इम्पिरिकल डाटा देने की मांग की गई है. इस प्रस्ताव पर हुकमरां जमात और विपक्षी नेताओं के बीच जोरदार बहस हुई.
मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा में हंगाम करने के आरोप में निलंबित हुए बीजेपी विधायक राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिलने राजभवन पहुंचे। pic.twitter.com/0kFf68dkS4
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 5, 2021
इसी बीच एएनआई (ANI) के हवाले से खबर आ रही है कि आज निलंबित हुए सभी बारह(12) भाजपा विधायक महाराष्ट्र के राज्यपाल से मिलने पहुंचे हैं |
इस वजह से हुआ जोरदार हंगामा –
महाराष्ट्र विधानसभा ने सोमवार को एक प्रस्ताव पारित कर पूर्व में सुप्रीम कोर्ट की ओर से निर्धारित जाति आधारित आरक्षणों में 50 प्रतिशत की सीमा हटाने के लिए एक संवैधानिक संशोधन लाने की केंद्र से अपील की | इस सीमा के कारण मराठा समेत सामाजिक एवं शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों (एसईबीसी) को आरक्षण देने में बाधा आ रही है |
राज्य के लोक निर्माण (पीडब्ल्यूडी) मंत्री अशोक चव्हाण द्वारा मानसून सत्र के पहले दिन पेश किए गए प्रस्ताव के मुताबिक, जाति आधारित आरक्षणों पर लागू 50 प्रतिशत की सीमा में छूट के बिना, सामाजिक एवं शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों को आरक्षण नहीं दिया जा सकता |
उच्चतम न्यायालय ने मराठा समुदाय को प्रवेश एवं सरकारी नौकरियों में आरक्षण देने के महाराष्ट्र सरकार के 2018 के कानून को इस साल पांच मई को निरस्त कर दिया था | एसईबीसी के लिए महाराष्ट्र राज्य आरक्षण कानून, 2018 को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने कहा था कि यह 1992 में उसके द्वारा दिए गए ऐतिहासिक फैसले के तहत लागू 50 प्रतिशत आरक्षण की सीमा का उल्लंघन करता है |
चव्हाण ने जब यह प्रस्ताव पेश किया तब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य सदन में मौजूद नहीं थे | मराठा समुदाय के सदस्य महाराष्ट्र भर में एसईबीसी आरक्षण बहाल करने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं ||
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