भीलवाड़ा। वर्ष 2019 में ‘ऑपरेशन गुड़िया’ के तहत भीलवाड़ा जिले में देह व्यापार का खुलासा होने के बाद इस दल-दल से मुक्त करवाई गई 6 में से 3 लड़कियां देवास की थी, जिन्हें अगवा कर यहां लाया गया था। यह जानकारी सामने आने के बाद तीनों बच्चियों के परिजनों के साथ इसकी पुष्टि के लिए देवास की एक टीम जांच के लिए भीलवाड़ा आई जो बाद में अजमेर रवाना हो गई। पुलिस का कहना है कि इन बच्चियों के अपहरण से संबंधित मामले भी वर्ष 2014 में देवास में दर्ज हुआ था।
भीलवाड़ा बाल कल्याण समिति की पूर्व अध्यक्ष डॉ. सुमन त्रिवेदी ने बताया कि वर्ष 2019 में भीलवाड़ा पुलिस ने ‘ऑपरेशन गुड़िया’ के तहत जिले के पंडेर व हनुमाननगर थाना क्षेत्रों में देह व्यापार के मामले का खुलासा किया था। इस खुलासे के बाद तत्कालीन एसपी हरेंद्र महावर ने शाहपुरा एएसपी अनुकृति उज्जैनिया के नेतृत्व में टीमो का गठन किया और इन टीमों ने कार्रवाई करते हुये देह व्यापार के दलदल से 6 नाबालिग बच्चियों को मुक्त करवाया था। पुलिस ने इन बच्चियों को समिति के समक्ष पेश किया था। समिति की पूर्व अध्यक्ष रहते समय डॉ. त्रिवेदी ने इन बच्चियों के बयान दर्ज किये थे। इन बयानों में बच्चियों ने खुलासा किया था कि उनका अपहरण हुआ है। जिन लोगों से उन्हें मुक्त करवाया गया, वे उनके असली माता-पिता नहीं है। बच्चियों ने यह भी बताया था कि ये लोग, जब वे पांच साल की थी तो उनका अपहरण करके भीलवाड़ा लाए थे। इसके बाद समिति ने इन बच्चियों को अजमेर स्थित बालिका गृह भिजवा दिया था। डॉ. त्रिवेदी ने बताया कि इस मामले को लेकर आज मध्यप्रदेश की देवास जिले की पीपलरावा थाने से सब इंस्पेक्टर राहुल पाटीदार के नेतृत्व में चार सदस्यों की टीम भीलवाड़ा आई है। टीम ने उनसे संपर्क किया।
पुलिस ने बताया कि जो बच्चियां मुक्त करवाई गई, संभवत: वे पीपलरावा थाना क्षेत्र से अगवा बच्चियां हैं। इस संबंध में वर्ष 2014 से मामला भी दर्ज है। इस पुलिस को भीलवाड़ा में रेस्क्यू की जानकारी मिली तो पुलिस पीपलरावा क्षेत्र से अगवा बच्चियों के पेरेंट्स के साथ यहां आयी है। टीम ने लड़कियों के बयानों की जानकारी ली। ये बयान बच्चियों के परिजनों के बयान से मेच हो रहे थे। अब बाल कल्याण समिति के आदेश से पुलिस की टीम इन परिजनों के साथ अजमेर जाकर बच्चियों व परिजनों से बातचीत करेगी। इसके बाद ही स्पष्ट हो पायेगा कि ये वो ही बच्चियां हैं, या नहीं, जिनका पीपलरावा क्षेत्र से अपहरण हुआ था। सब इंस्पेक्टर पाटीदार ने बताया कि भीलवाड़ा में दो साल पहले हुये रेस्क्यू की जानकारी दो दिन पहले ही देवास जिले की पीपलरावा पुलिस को मिली थी। इसी के चलते आज वे, भीलवाड़ा आये हैं। पाटीदार ने बताया कि अप्रैल 2014 में पीपलरावा थाने में अपहरण का मामला दर्ज हुआ था। उन्होंने कहा कि अगवा लड़कियों के फोटो व स्टेटमेंट हैं, यहां से जो फोटो और स्टेटमेंट हैं, वो मिलते-जुलते हैं। इसके चलते पुलिस अब अजमेर जा रही है। परिजनों और बच्चियों का आमना-सामना करवाने के बाद आगे की जांच करेंगे। उन्होंने कहा कि देवास जिला पुलिस अधीक्षक ने अगवा बच्चियों की सूचना देने पर 30 हजार रुपये ईनाम की घोषणा कर रखी है। शुरू में यह ईनाम राशि 5 हजार थी, जिसे बढ़ाकर बाद में 30 हजार रुपये तक कर दिया था।
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