उत्तराखंड में जहां कभी हादसे, कभी आपदा तो कभी जंगली जानवरों के हमले से जान गवाने की खबरें आये दिन देखने को मिलती है। पर्वतीय जिलों में बाघ-गुलदार पहले ही दहशत का सबब बने हुए हैं और अब ततैये भी मासूमों की जान लेने लगे हैं। बागेश्वर में एक ऐसी ही घटना सामने आई है।
आपको बता दें कि कपकोट तहसील के पौसारी गांव में घर के आंगन में खेल रहे दो सगे भाईयों पर ततैयों ने हमला कर दिया। हमले में दोनों बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए। घबराए हुए परिजन दोनों को तुरंत अस्पताल ले गए, लेकिन एक बच्चे की उपचार के दौरान मौत हो गई। घटना के बाद गांव में दहशत का माहौल है, लोग डरे हुए हैं। घटना गुरुवार की है। दोपहर में करीब 3 बजे भूपेश राम के दोनों बेटे पांच वर्षीय प्रियांशु तथा तीन वर्षीय सागर घर के आंगन में खेल रहे थे। तभी ततैयों ने उन पर हमला कर दिया। जिसके बाद दोनों भाई बुरी तरह रोने लगे। काफी देर बाद जब इसकी सूचना परिजनों को मिली तो वो उन्हें इलाज के लिए अस्पताल लाए।
रात के वक्त बच्चों को जिला अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान 3 साल के सागर की मौत हो गई। जबकि प्रियांशु को शुक्रवार को उपचार के बाद घर भेज दिया गया। परिजनों ने बताया कि मासूम सागर आंगनबाड़ी में पढ़ने जाता था। जब से उसकी मौत हुई है, पूरे परिवार में कोहराम मचा है। माता-पिता का रो-रोकर बुरा हाल है। बहरहाल पुलिस ने पंचनामा भरकर शव परिजनों को सौंप दिया है। मामले में आगे की कार्रवाई जारी है।
इधर नगर पंचायत अध्यक्ष कपकोट गोविन्द सिंह बिष्ट व पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष हरीश ऐठानी शोकगुल परिवार से मिलने गाँव पहुंचे तो चौकाने वाली जानकारी सामने आयी है। उन्होंने बताया कि गाँव में जगह-जगह ततैयों ने अपने छत्ते लगाए हुए हैं जो सभी ग्रामीणों के लिए खतरा बने हुए है। एक गरीब परिवार का चिराग़ बुझ गया, जो हम सभी के लिए बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। उससे बड़ा दुर्भाग्य इस बात का है कि अभी तक जिला प्रशासन उस परिवार व गांव की सुध लेने नही पहुंचा है। जानकारी के अनुसार अभी गाँव के आस-पास ततैयों ने जगह-जगह अपने छत्ते लगाए हैं, जो सभी ग्रामीणों के लिए खतरा बना हुआ है। यह क्षेत्र आज भी संचार व स्वास्थ्य सुविधा से वंचित है, जिस कारण इस नन्हे बच्चे को अपनी जान गवानी पड़ी।