ब्यावर। कोई भी राष्ट्र तभी विकसित हो सकता है जब उसके युवा संस्कारित शिक्षित एवं अनुशासित हो किंतु संस्कार युक्त शिक्षा और अनुशासन युक्त जीवन का निर्माण विवेकानंद केंद्र जैसे आध्यात्मिक प्रेरित सेवा संगठन के द्वारा ही संभव है । विवेकानंद केंद्र अपने जीवनव्रती कार्यकर्ताओं एवं संगठित एवं प्रशिक्षित दायित्ववान कार्यकर्ताओं के साथ युवाओं को प्रशिक्षित करने का कार्य कर रहा है। युवाओं को योग, स्वाध्याय एवं संस्कार के द्वारा जीवन शैली के आदर्शों से अवगत कराते हुए निंबार्क पीठ के आध्यात्मिक वातावरण में जो पुष्पन एवं पल्लवन हो रहा है यह केंद्र का एक अनुकरणीय कार्य है। उक्त विचार किशनगढ़ मार्बल एसोसिएशन के अध्यक्ष सुधीर जैन ने विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी राजस्थान प्रांत द्वारा आयोजित किए जा रहे पांच दिवसीय स्थानिक युवा कार्यकर्ता शिक्षण शिविर के उद्घाटन के अवसर पर व्यक्त किए इस अवसर पर उन्होंने केंद्र द्वारा किए जा रहे कार्य की सराहना करते हुए कहा की राजस्थान प्रांत के प्रत्येक नगर में ऐसे संस्कार केंद्र खोलने की आज आवश्यकता है।
निंबार्क पीठ में 5 दिन चलेगा शिविर
शिविर प्रमुख दिवस गौड़ ने बताया के शिविर मैं प्रतिदिन प्रातः 5:15 बजे से रात्रि 10:00 बजे तक युवाओं को योग स्वाध्याय एवं संस्कार आधारित जीवनशैली जीने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है जिसमें विशेष सत्रों के द्वारा स्वामी विवेकानंद के जीवन भारत के प्रति उनके दृष्टिकोण एवं एक युवा के रूप में किस प्रकार राष्ट्र कार्य करने के लिए हम तैयार हो सकते हैं । यह व्यवहारिक प्रशिक्षण राजस्थान प्रांत के विभिन्न शहरों से आए महाविद्यालय के युवक एवं युवतियों को दिया जा रहा है इस अवसर पर प्रातः काल योग सत्र अपराह में कौशल विकास प्रशिक्षण एवं सायकाल भजन संध्या के द्वारा शारीरिक, मानसिक एवं आध्यात्मिक विकास करने का कार्य विवेकानंद केंद्र द्वारा हो रहा है।
इससे पूर्व 18 मार्च की शाम 4:00 बजे से युवाओं का पंजीकरण हुआ एवं सायकाल परिचय सत्र आयोजित हुआ । परिचय सत्र में मुख्य वक्ता के रूप में निंबार्क पीठ के डॉ विनोद दीक्षित ने निंबार्क संप्रदाय एवं निंबार्क पीठ की स्थापना से संबंधित विशिष्ट जानकारियों को युवाओं के मध्य रखा उन्होंने बताया कि जिस उद्देश्य से निंबार्क पीठ की स्थापना 5000 वर्ष पूर्व हुई थी वह उद्देश्य आज युवाओं के कंधों पर है और उन्हें प्रशिक्षित होकर राष्ट्र एवं समाज के कार्य के लिए आगे आना है। शिविर के उद्देश्य के बारे में जानकारी देते हुए प्रांत संपर्क प्रमुख अशोक खंडेलवाल ने युवाओं से शिविर में अनुशासन पूर्ण जीवन जीने के अवसर के रूप में इस शिविर का लाभ उठाने का आह्वान किया । प्रांत प्रशिक्षण प्रमुख डॉ स्वतंत्र शर्मा ने बताया कि यह शिविर 23 मार्च तक चलेगा। शिविर में 60 शिविरार्थियों सहित 80 से अधिक सहभागी भाग ले रहे हैं।
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