काले धन को ठिकाने लगाने का इससे बेहतर विकल्प क्या हो सकता है?

काले धन को ठिकाने लगाने का इससे बेहतर विकल्प क्या हो सकता है?

भारत में रियल एस्टेट का कारोबार एक ऐसा कारोबार बनता जा रहा है जहां आसानी से कोई भी सरकार को चुना लगाकर अपना काला धन ठिकाने लगा सकता है। रियल एस्टेट कारोबार में जिस तरह की अनियमितताएँ, काले-धन कि लेनदेन और टैक्स चोरी देखने को मिल रही है उसे देखकर तो यही लगता है की प्रशासनिक अधिकारी अपना काम ठीक तरह से नहीं कर रहे है।

गुजरात के वलसाड जिले में निर्माणाधीन प्रोजेक्ट Arham Industrial Park के बिल्डर द्वारा, मात्र एक दुकान कि बिक्री कीमत से संबन्धित दी गई जानकारी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि रियल एस्टेट कारोबार किस तरह काला धन हजम करने का हाजमोला बनता जा रहा है। बिल्डर एक दुकान कि बिक्री कीमत 30 लाख बता रहा है और कह रहा है कि 30 लाख कि दुकान खरीदने के लिए 17 लाख का काला धन देना पड़ेगा, यानि मात्र 13 लाख का पंजीकरण दिखाया जाएगा और 13 लाख पर ही स्टेम्प ड्यूटी और जीएसटी चुकाया जाएगा।

प्राप्त जानकारी के अनुसार उक्त प्रोजेक्ट में कई दुकाने और उधोगिक गाले है, रेरा रजिस्ट्रेशन संख्या PR/GJ/VALSAD/PARDI/Others/CAA05677/090719 के अनुसार उक्त एक प्रोजेक्ट में कुल 344 यूनिट है। अब एक यूनिट का हिसाब सबके सामने है तो 344 यूनिट का हिसाब लगाना आयकर विभाग के लिए मुश्किल नहीं होगा, बशर्ते वह ईमानदार हो। ऐसा इस लिए कहां जा रहा है क्यों कि इससे पहले गुजरात के वलसाड जिले में निर्माणाधीन रियल एस्टेट प्रोजेक्ट में काले धन के निवेश को लेकर बड़े खुलासे हो चुके है जिन पर अब तक कोई कार्यवाही देखने को नहीं मिली।

दिनांक : 30 जनवरी 2023 – Sunrise Avenue – 2, उक्त प्रोजेक्ट में एक दुकान जिसका क्षेत्रफल 871/- स्क्वेयर फिट है, उसे प्रति स्क्वेयर फिट 11500/- रुपये के हिसाब से बिल्डर बेच रहा है जिस हिसाब से एक दुकान कि कीमत हुई 10016500/- रुपये। परंतु बिल्डर उक्त दुकान का पंजीकरण, दस्तावेज़, केवल और केवल 3100 रुपये प्रति स्क्वेयर फिट के हिसाब से ही करेगा, केवल इतनी रकम ही सरकार को बताई जाएगी यानि कि मात्र 2700100/- रुपये, यानि सरकार को बताई गई रकम से तीन गुना से भी ज्यादा काला धन, 7316400/- एक दुकान में।

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दिनांक : 18 फरवरी 2023 INFINITY INDUSTRIAL PARK में बिल्डर 13500 रुपये प्रति स्क्वायर फीट के हिसाब से प्रॉपर्टी बेच रहा है जबकि प्रॉपर्टी का रजिस्ट्रेशन मात्र 4500 रुपये प्रति स्क्वायर फीट करने को कह रहा है यानि सीधे सीधे 9000 रुपये प्रति स्क्वायर फीट ब्लेक मनी लेकर, 9000 हजार रुपये प्रति स्क्वायर फीट पर 6 फीसदी स्टाम्प और 12 फीसदी जीएसटी चोरी के साथ साथ आयकर को भी करोड़ो का चुना लगा रहा है।

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दिनांक 30 जनवरी 2023 तथा दिनांक 18 फरवरी 2023 को प्रकाशित दोनों खबरों कि जानकारी आयकर विभाग के अधिकारियों को ई-मेल के माध्यम से 1 मार्च 2023 को दी गई थी, जिस पर आज तक किसी प्रकार कि कोई कार्यवाही देखने को नहीं मिली। फिलवक्त अब जो नई जानकारी सामने आई है उसे देखने के बाद भी यदि आयकर विभाग हरकत में नहीं आती तो इसका मतलब वही निकलेगा जो जनता रोज़मर्रा कि भाषा में कहती है कि सब मिले हुए है।

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आपको याद होगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 76वें स्वतंत्रता दिवस पर भ्रष्टाचार खिलाफ निर्णायक लड़ाई छेड़ने का आह्वान किया था। पीएम ने कहा, “हमें पूरी ताकत से भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ना है। जब तक भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारी के प्रति नफरत का भाव पैदा नहीं होता या सामाजिक रूप से उसे नीचा देखने के लिए मजबूर नहीं किया जाता, तब तक यह मानसिकता खत्म नहीं होने वाली है।“ समय रहते आयकर विभाग के अधिकारियों को एक बार इस भाषण के साथ साथ-साथ पीएम मोदी द्वारा विज्ञान भवन में केंद्रीय जांच ब्यूरो के हीरक जयंती समारोह में दिए गए भाषण को भी अच्छी तरह सुनना चाहिए, हो सकता है कि यह दोनों भाषण सुनकर ही अधिकारियों का जमीर जाग जाए। बाकी जनता देख रही है, समझ भी रही है, पर हर बार सिर्फ से वोट से अपना फ़ैसला सुनना नाकाफी है, खासकर ऐसे दौर में जहां पत्रकार कम और चाटुकार अधिक हो, जनता कि आवाज कम और नेताओं कि आवाज अधिक हो सबसे तेज और विश्वसनीय बनने के दावों में जनहित अंतिम पायदान पर धकेला जा रहा हो।

कुल मिलकर यह कह सकते है की रियल एस्टेट क्षेत्र में अनियमितताओं, काले धन की लेन-देन, और टैक्स चोरी जैसी समस्याएं एक गंभीर मुद्दा है और इसे संभावित रूप से नियंत्रित करने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों को सख्ती से काम करना होगा। जब तक कानूनी प्रक्रिया और नियमों का पालन नहीं होगा और उच्चतम ईमानदारी के मानकों की पालना नहीं होगी, तब तक इस समस्या का समाधान होना फिलवक्त काफी मुश्किल दिखाई देता है।

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लेखक द हरिश्चंद्र के संस्थापक संपादक हैं; और हरिश्चंद्र प्रेस क्लब एंड मीडिया फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। हमारी पाठकों से बस इतनी गुजारिश है कि हमें पढ़ें, शेयर करें, इसके अलावा इसे और बेहतर करने के लिए, सुझाव दें। धन्यवाद।