भीलवाड़ा (दिलशाद खान)। जिले के मांडलगढ़ क्षेत्र में तीन गांवों के सैंकड़ों लोगों को करोड़ों रूपयों का चूना लगाकर पूर्व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मंजू देवी पाराशर फरार हो गई। मंजू देवी ने बैंक मैनेजरों से सांठगांठ कर भोले-भाले ग्रामीणों के नाम लोन उठा लिया और फरार हो गई। पीड़ित लोगों ने आज कलक्टर कार्यालय पर प्रदर्शन कर न्याय की मांग की है। खास बात यह है कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने विभिन्न योजनाओं के नाम पर लोगों से दस्तावेज लिये और उनके जरिए यह फर्जीवाड़ा किया है।
जिला कलक्टर कार्यालय पहुंची दर्जनों महिलाओं ने प्रदर्शन कर एक ज्ञापन अतिरिक्त जिला कलक्टर को सौंपा जिसमें कहा गया है कि मांडलगढ़ तहसील के धाकड़ खेड़ी पंचायत के बागित सहित दो अन्य गांवों के लोगों को पूर्व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मंजू देवी पाराशर ने समूह बनाकर लोन दिलाने और विभिन्न योजनाओं के नाम पर उनके दस्तावेज लिये और बड़ौदा राजस्थान क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक की सिंगोली और बरूंदनी शाखा के मैनेजरों से सांठगांठ कर सैंकड़ों महिलाओं और लोगों के नाम लोन ले लिया जिसका लोगों को पता ही नहीं लगा। अब बैंक ऋण का तकाजा कर रहा है जिससे लोग परेशान है। ग्रामीणों ने मंजू देवी पाराशर के आंगनबाड़ी कार्यकर्ता होने से उस पर भरोसा किया था।
इस संबंध में कुछ समय पहले बैंक प्रबंधक कुशवेन्द्र कुमार शर्मा की शिकायत पर पूर्व मैंनेजर राजेन्द्र प्रसाद अग्रवाल चन्द्रशेखर आजाद नगर निवासी, मंजू देवी पाराशर निवासी बागित, संजीव कुमार व्यास उदयपुर के खिलाफ मामला भी दर्ज करवाया गया, लेकिन ठोस कार्रवाई होने की बजाय इन गांवों के लोगों के बैंक खातों को सीज कर दिया गया जिसके चलते उन्हें नरेगा, विधवा पेंशन जैसी विभिन्न योजनाओं से मिलने वाली राशि नहीं मिल पा रही है और लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा है।
प्रीति देवी आर्य ने बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मंजू देवी ने गांव के अधिकांश लोगों के नाम ऋण उठा लिया और फरार हो गई। आर्य ने बताया कि गांव बागित, सिंगोली और हिंगोनिया ग्राम के लोग इससे पीड़ित है। उसने आरोप लगाया कि उन्होंने बैंक से लोन नहीं लिया लेकिन ऋण वसूली के लिए बैंक वाले उन्हें टॉर्चर कर रहे है और महिलाओं की हालत ज्यादा खराब है। लोन वसूली के लिए बैंक वाले घर आते है तो परिजन उन्हें प्रताड़ित कर रहे है और घर से निकाल देने की धमकी दे रहे है। उसने बताया कि 2 से 12 लाख रुपए तक का ऋण उठाया गया है। मोइनुउद्दीन मंसूरी का कहना है कि औरतों से धोखाधड़ी कर मंजू देवी ने साइन करवा लिया और उनके नाम लोन उठा लिया। बैंक वाले वसूली के लिए अब उन्हें परेशान कर रहे है। बैंक वाले उन्हें स्टेटमेंट भी नहीं दे रहे है और लेन-देन कौन कर रहा है।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2013 में हुए इस ऋण घोटाले में नाबालिगों के नाम तक पर ऋण उठाए गए है। कलेक्टर कार्यालय आये लोगों ने बताया कि बागित निवासी चन्द्रभान पिता पप्पूसिंह सात साल पहले नाबालिग था लेकिन उनके नाम पर ऋण उठा लिया जबकि हेमसिंह पत्नी कालू सिंह इंदौर में रहती है और आठ साल पहले ही मर चुकी है लेकिन उसके नाम पर भी लोन लिया गया है। इसी तरह रतन पाराशर व कुशल पाराशर अहमदाबाद में रहते है उनके नाम पर भी लोन उठा लिया गया है। गांव में छीतरनाथ नाम का कोई व्यक्ति नहीं बल्कि उसके नाम पर भी लोन बताया जा रहा है। कलेक्टर को ज्ञापन सोप ग्रामीणों ने न्याय दिलाने की मांग की है।
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