ग्रेसिम यूनिट हेड नागदा पर सीजेएम न्यायालय में प्रकरण दर्ज, अब 23 जनवरी को सुनवाई

हास्यास्पद - भाजपा नहीं करेगी ले- ऑफ बर्दाश्त पर मजदूरों के गले नहीं उतरी रही यह नौटंकी! पढिए नागदा से कैलाश सनोलिया की खास रिपोर्ट।

नागदा/ उज्जैन, 20 जनवरी। मप्र के उज्जैन जिले के औद्योगिक नगर नागदा में संचालित  ग्रेसिम उद्योग में शून्य दुर्घटना के स्लोगन के दावे की हवा एक बार फिर निकल गई।  देश के मशहूर बिड़ला परिवार की ग्रेसिम कंपनी के उद्योग  में कथित असुरक्षित कार्य प्रणाली के आरोप में ग्रेसिम प्रबंधक अर्थात यूनिट हेड के .सुरेश के खिलाफ सीजेएम न्यायालय उज्जैन में नामजद प्रकरण पंजीबद्ध हुआ ।  कारखाना अधिभोगी एवं कंपनी डायरेक्टर शैलेंद्र कुमार जैन पर भी गाज गिरी है। इनको भी आरोपी बनाया गया है। यह पूरा प्रकरण ग्रेसिम उद्योग में गत दिनों एक मजदूर की गंभीर दुर्घटना से जुड़ा  है। श्रमिक उपचार के बाद अपना एक पाव गंवा बैठा है। अदालत में यह कार्यवाही औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा विभाग ने एक वैधानिक प्रक्रिया  को पूरी करने के बाद की है । उसके बाद विधिवत दोनों उच्च अधिकारियों को आरोपित कर प्रकरण दायर किया है। प्रकरण को न्यायालय ने पंजीबद्ध कर सुनवाई के लिए मंजूर भी कर लिया है। जिसकी आगामी पेशी अब 23 जनवरी 2023 मुकर्रर है।

संभागीय अधिकारी ने की पुष्टि
ग्रेसिम के इन दोनों ओहदेदार अफसरों के खिलाफ इस कार्यवाही की खबर सबसे पहले हिंदुस्थान समाचार संवाददाता को हाथ लगी। संवाददाता ने औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा विभाग के उज्जैन स्थित संभागीय कार्यालय पहुंचकर तथ्यों को जुटाया। गुरूवार शाम कारखाना निरीक्षक हिमांशु सालोमन से इस  संवाददाता ने प्रकरण से जुडे़ तथ्यों को लेकर  सीधा संवाद किया। अधिकारी सालोमन ने पुष्टि की हैकि ग्रेसिम में एक मजदूर की दुर्घटना को लेकर पूूरी जांच के बाद सीजेएम न्यायालय में प्रकरण दायर किया गया है। यह भी बताया इस प्रकरण में कारखाना अधिभोगी शैलेंद्रकुमार जैन एवं नागदा प्रबंधक के सुरेश को नामजद आरोपी बनाया गया है। अदालत ने प्रकरण को पंजीबद्ध कर नोटिस भी संबधितों को जारी कर दिए है। अब आरोपितों का जमानत कराना होगी। दोनो को कारखाना अधिनियम की धारा  21 एवं 73( ई) में आरोपी बनाया गया है।

यह पूरा प्रकरण ग्रेसिम के पावर प्लांट में हुई दुर्घटना से जुड़ा है।
जानकारी के अनुसार ग्रेसिम उद्योग  यूनिट में स्टेपल फाईबर मुख्य उत्पादन है। जिसका उपयोग देश-’विदेश के उद्योगों बतौर रॉ- मटेरियल कपड़ा बनाने के लिए किया जाता है।

ग्रेसिम कारखाना में बिजली आपूर्ति के लिए उद्योग का स्वयं का पाॅवर प्लांट है । भारत सरकार पर्यावरण विभाग ने ग्रेसिम को किसी समय यहां पर 30 मेघावट बिजली उत्पादन की अनुमति दे रखी थी। हाल में 29 मई 2020 को पर्यावरण विभाग ने 25 मेघावट और अतिरिक्त बिजली पैदा करने की स्वीकृति जारी की है। हिंदुस्थान समाचार संवाददाता के पास सुरक्षित एवं प्रमाणित अभिलेखों के मुताबिक  यह स्वीकृति भारत सरकार पर्यावरण, वन एवं जलवायु मंत्रालय के तत्कालीन एडीशनल डायरेक्टर आरबी लाल के हस्ताक्षर से जारी हुई है। इस प्रकार ग्रेसिम अब कुल 55 मेगावाॅट बिजली उत्पादन क्षमता का हकदार है।

इस पावर प्लांट संयत्र को संचालन के लिए कई कर्मचारी कार्यरत है। एक दिन 28 दिसंबर 2022 को पावर प्लांट के एक यूनिट में दुर्घटना हुईं। इस हादसे में कार्यरत  श्रमिक दिनेश जैन पिता मुरलीधर गंभीर घायल हुआ। घायल को उपचार के लिए इंदौर के एक निजी चिकित्सालय टी चैइथराम में भर्ती कराया गया। दुर्घटना का स्वभाव इतना गंभीर थाकि घायल श्रमिक का बायां पैर घूंटने के उपर काटना पड़ा। अधिकारी सालोमन ने अपने जवाब में यह बात पुष्ट की हैकि घायल का पांव  कांटा गया है।

क्यों हुई दुर्घटना
औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा ने इस प्रकरण को अदालत में दायर करने के पहले दुर्घटना स्थल पर पहुँचकर प्रत्येक एंगल से जांच की। अधिकारी सालोमन की माने तो जांच में यह तथ्य उभर कर सामने आया कि  श्रमिक जिस स्थान पर दुर्घटना का शिकार हुआ  वहां पर घूमने वाली अर्थात गति करने वाली मशीनों पर कवर्ड नही होने की बात सामने आई है। मतलब असुरक्षित कार्य प्रणाली मिली। जिसका खामियाजा दुर्घटना में परिलक्षित हुआ। साथ ही कारखाना के मापदंडो के विपरीत कार्य पद्धति के तथ्य भी प्रकट हुए।

2 माह कारावास की सजा
जानकारी के अनुसार जिन धाराओं में अपराध आरोपित किया गया है, यह आरोप अदालत में प्रमाणित होने पर 2 वर्ष की सजा एवं एक लाख के जुर्माने का प्रावधान है। दोनों दंड को एक साथ में दंडित किया जा सकता है। गौरतलब हैकि गत वर्ष ग्रेसिम से लिकेज हुई गैस के मामले में भी यूनिट हेड एक निजी परिवाद में आरोपी है। जोकि नागदा न्यायालय में प्रकरण विचाराधीन है।

We are a non-profit organization, please Support us to keep our journalism pressure free. With your financial support, we can work more effectively and independently.
₹20
₹200
₹2400
स्वतंत्र पत्रकार एवं विश्लेषक है। हमारी पाठकों से बस इतनी गुजारिश है कि हमें पढ़ें, शेयर करें, इसके अलावा इसे और बेहतर करने के लिए, सुझाव दें। धन्यवाद।